गंगासागर के बारे में बड़े बुजुर्ग कहते आए हैं कि सारे तीरथ बार-बार गंगासागर एक बार! गंगासागर का ना केवल धार्मिक महत्व है, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी है. कपिल मुनि के आश्रम से जुड़ा गंगासागर इस बार लाखों श्रद्धालुओं का उद्धार करेगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि इस बार गंगासागर में 40 लाख श्रद्धालू जुटेंगे. मेला का उद्घाटन 8 जनवरी को होगा.
पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से गंगासागर मेले की तैयारी की समीक्षा की गयी है. गंगासागर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं. मेले में खास सुरक्षा व्यवस्था की गई है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 200 किलोमीटर तक बैरिकेड्स लगाया जाएगा. तीर्थ यात्रियों को समुद्र में उतरने में कोई दिक्कत ना हो, इसके साथ ही उनकी सुरक्षा में कोई कमी ना रहे, इस व्यवस्था पर भी तैयारी की जा रही है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगासागर मेला की तैयारी को लेकर आज एक बैठक की है. इस बैठक में राज्य के कुछ प्रमुख मंत्री, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगासागर मेले की सुरक्षा और अन्य इंतजाम के लिए राज्य के मंत्री पुलक राय, चंद्रमा भट्टाचार्य ,व्रत बसु, प्रदीप मजूमदार और गंगासागर के विधायक तथा मंत्री बंकिम को कमान सौंपी है.
इस बार गंगासागर में पवित्र स्नान 15 जनवरी की रात से शुरू होगा और 16 जनवरी की सुबह तक चलेगा. यहां पहुंचने के लिए राज्य सरकार की ओर से काफी परिवहन व्यवस्था की गई है. मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने 2250 बसें, 66 अतिरिक्त ट्रेन और सियालदह से तीर्थ यात्रियों के लिए एक विशेष ट्रेन चलाने का फैसला किया है. गंगासागर मेले में एंबुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी. यह सभी तैयारियां 2 जनवरी तक पूरी हो जाएंगी. ऐसा मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश दिया गया है.
इस बार गंगासागर मेले में 1150 सीसी टीवी कैमरे लगाए जाएंगे. सैटेलाइट ट्रैकिंग की भी व्यवस्था करने की बात है. आपको बताते चलें कि गंगा सागर वह स्थान है, जहां गंगा नदी सागर में समा जाती है. यहां एक बड़ा मंदिर है जो कपिल मुनि का बताया जाता है. पौराणिक कहावत है कि कपिल मुनि के श्राप के कारण ही राजा सागर के 60000 पुत्रों की इसी स्थान पर तत्काल मृत्यु हो गई थी. उनके मोक्ष के लिए राजा सागर के वंश के राजा भगीरथ गंगा को पृथ्वी पर लाए थे और गंगा यहीं सागर से मिली थी. कहा जाता है कि एक बार गंगासागर में डुबकी लगाने पर 10 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गाय दान करने के समान फल मिलता है.