यूं तो ज्यादा मिठाई खाने से नुकसान तो होता ही है, पर कुछ मिठाइयां ऐसी होती हैं जो थोड़ा खाने से भी नुकसान देती है. खासकर ऐसी मिठाइयां, जो बच्चों की पसंद को ध्यान में रखकर तैयार की जाती हैं और जिन्हें बच्चे काफी पसंद करते हैं. छोटे-छोटे बच्चे मिठाई के भांति भांति के आकार से प्रभावित होते हैं. यह उनमें उत्सुकता पैदा करती है और धीरे-धीरे आकर्षण भी बढ़ाती जाती है. इ
इस तरह की मिठाइयां आपकी गली, नुक्कड़ की दुकानों में मिल जाती हैं. इन्हें लेने के लिए बच्चों को किसी मिठाई की दुकान में जाने की आवश्यकता नहीं है. छोटे-छोटे गली के दुकानदार भी इन मिठाइयों को रख रहे हैं. बच्चे घर से निकलते हैं और दुकान से मिठाई खरीद कर खाने लग जाते हैं. बच्चों की देखा देखी दूसरे बच्चे भी आकर्षित हो रहे हैं.
अनेक व्यवसायी और मिठाइयों के निर्माता बच्चों की पसंद को भुनाने के लिए कुछ इस तरह की आकृति तैयार करवाते हैं जो उनमें उत्सुकता के साथ-साथ आकर्षण भी बढ़ाता है. लेकिन इस तरह की मिठाइयां बच्चों के भविष्य को खतरनाक रूप से प्रभावित करती हैं. परंतु कुछ निर्माता व्यावसायिक लाभ के लिए बच्चों के हित की चिंता नहीं करते हैं. इन दिनों सिलीगुड़ी और पहाड़ में सिरिंज के शक्ल में मिठाइयां बिक रही हैं, जो बच्चों को काफी पसंद आ रही हैं.
सिलीगुड़ी, पहाड़ और आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनो से सिरिंज जैसी पैकिंग में बेची जाने वाली मिठाइयों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. सिरिंज के शक्ल में बेची जा रही मिठाईयां बच्चों को काफी प्रभावित कर रही हैं. इनकी पैकिंग कुछ ऐसी है कि बच्चे आकर्षित होते हैं और उन्हें खरीद लेते हैं. इनकी कीमत भी काफी कम है. परंतु यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है.
बच्चों के बीच तेजी से लोकप्रिय होती इन हानिकारक मिठाइयों को लेकर स्वास्थ्य और सामुदायिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है. सिलीगुड़ी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी इन मिठाइयों से बच्चों को बचाने की अभिभावकों से अपील की है. विशेषज्ञों ने कहा है कि इन उत्पादों का बच्चों के स्वास्थ्य और व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मिठाइयां देखने में काफी आकर्षक हैं. उनकी पैकिंग उतना ही लाजवाब है. यह बच्चों को आकर्षित कर रहा है. लेकिन इनमें इन उत्पादों के निर्माण में हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल होता है या फिर अत्यधिक चीनी मिलाई जाती है. यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार सिरिंज जैसी पैकिंग बच्चों में सिरिंज के प्रयोग से जुड़ी एक खतरनाक सोच को भी बढ़ावा दे सकती है. स्वास्थ्य संगठनों के विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बच्चों को सिरिंज का उपयोग सामान्य लग सकता है, जो आगे चलकर उनमें नशे की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे सकता है. इसलिए ऐसी मिठाइयों के प्रचलन को रोकने की आवश्यकता है. पहाड़ में इस पर पहल भी शुरू हो चुकी है. पंचायत और नगर पालिका क्षेत्र में इस तरह की मिठाइयों की बिक्री पर प्रतिबंध से लेकर निर्माण में रोक के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं.
स्वास्थ्य संगठनों के लोग बाजार में बिक रही ऐसी मिठाइयों की जांच के लिए आगे आए हैं. इस तरह की मिठाईयों के व्यवसाय में लगे लोगों का भी पता लगाया जा रहा है. स्वास्थ्य संगठन के लोगों ने मिठाई निर्माताओं को चेतावनी दी है. इसके अलावा बाजार का भी निरीक्षण किया जा रहा है. जानकारी मिल रही है कि सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में इस तरह की मिठाइयों का निर्माण हो रहा है.
पहाड़ में तो पहल शुरू हो चुकी है. अब देखना है कि सिलीगुड़ी में ऐसी मिठाईयां के निर्माण और बिक्री पर रोक तथा बच्चों को इनसे बचाने के लिए स्वास्थ्य संगठनों के अधिकारी क्या पहल करते हैं. रंगपो नगर पंचायत बच्चों, अभिभावकों और विक्रेताओं को इन मिठाइयों से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूक करने के लिए एक जागरूकता अभियान शुरू करने जा रही है. सिलीगुड़ी में भी इस तरह के अभियान को शुरू करने की आवश्यकता है.