December 25, 2024
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सिक्किम में चल रही थी करोड़ों की हेराफेरी, रेड में दो धराए, मची हड़कंप!

सिक्किम में नई सरकार के गठन के आरंभ में ही मुख्यमंत्री गोले ने भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए ऐसे सभी राज्य कर्मचारियों के खिलाफ छानबीन के लिए जांच एजेंसियों को अनुमति दे दी है, जिनके ऊपर किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम में करोड़ों रुपए की हेराफेरी का मामला काफी समय से चल रहा है. इसके बाद राज्य में पेंशन घोटाला भी सुर्खियों में है.

सिक्किम सरकार के पेंशन विभाग ने विजिलेंस विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी.उसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विजिलेंस विभाग ने कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. इनमें से पेंशन विभाग के एक कर्मचारी समेत स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम के भी कर्मचारी शामिल थे. FIR में और भी कई लोगों के नाम शामिल हैं. विजिलेंस विभाग और पुलिस की कार्यवाही में दो लोग पकड़े भी गए हैं. विजिलेंस विभाग ने जांच के दौरान पाया कि मार्च 2024 में एक डिमांड ड्राफ्ट एक ऐसी महिला के खाते में जमा कराया गया, जो अभी दुनिया में नहीं है. बताया जा रहा है कि मृतक महिला स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम के एक अधिकारी की मां भी है. उनका निधन जनवरी 2017 में ही हो चुका है. विजिलेंस विभाग ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बरामद किया है.

हैरानी की बात यह है कि मृतक महिला का बैंक खाता बंद नहीं कराया गया है और एक्टिव ही है. विजिलेंस विभाग की छापेमारी में अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हाथ लगे हैं. जैसे पासबुक, पासपोर्ट, फिक्स्ड डिपॉजिट इत्यादि. जैसे-जैसे इन्वेस्टिगेशन आगे बढ़ेगा, उम्मीद की जा रही है कि घोटाले की रकम भी बढ़ेगी और कुछ और लोग पकड़े जा सकते हैं. 28 को की गई कार्रवाई में पेंशन स्कैम में जिन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, वे दोनों ही स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम के अधिकारी हैं. उनके ऊपर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, गबन और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है. अधिकारियों के गंगटोक और सेंग में स्थित आवास और कार्यालय पर रेड डाला गया था.

विजिलेंस विभाग के अधिकारियों को उस समय काफी हैरानी हुई जब एक मृतक महिला का खाता बरामद हुआ और जिनके खाते के जरिए सिक्किम सरकार को चूना लगाया गया था. इस महिला के खाते में लगभग 30 लाख रुपए के छह डिमांड ड्राफ्ट में से एक डिमांड ड्राफ्ट मार्च 2024 में जमा कराया गया, जिसे सिक्किम सरकार के खाते में जमा कराया जाना था. यह भी पता चला कि मृतक महिला के खाते में राशि जमा होने के बाद ही राशि को उनके खाते से निकाल लिया गया अपने खाते में ट्रांसफर किया गया. मृतक महिला स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम के एक अधिकारी की मां थी.

उधर राज्य की तिजोरी में सेंध लगाने वाले एसबीएस के दागी कर्मचारियों के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने शुक्रवार से ही कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. सिक्किम के सबसे चर्चित स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम में फर्जीवाड़ा का मामला काफी समय से चल रहा है. विजिलेंस विभाग ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करनी शुरू कर दी है.

आपको बता दूं कि 16 मई 2024 को स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम में 69 करोड रुपए के गबन का मामला प्रकाश में आया था. मामले की जांच करते हुए राज्य सीआईडी ने स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. राज्य में चुनाव के बाद चुनी गई पूर्ण बहुमत की सरकार के मुखिया प्रेम सिंह तमांग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की रणनीति को अंजाम देते हुए पूरे राज्य में भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति दे दी है.

पिछले दिनों विजिलेंस विभाग ने स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम के पांच वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया. उनके घरों पर छापेमारी की गई. इस क्रम में सतर्कता विभाग के अधिकारियों को स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम के पांच कर्मचारियों के खिलाफ 2 करोड़ 62 लाख 76 हजार 500 रूपये की रिश्वत लेने के मामले का पता चला. यह रिश्वत 2017 से 2023 के बीच बैंक की विभिन्न शाखाओं में ग्राहकों द्वारा दी गई थी. एसबीएस के जिन अधिकारियों के घरों पर कार्रवाई की गई है, उनमें से दो गंगटोक मुख्यालय, एक लाल बाजार शाखा, एक पैकयोंग और एक जोरथांग शाखा में प्रबंधक पद पर तैनात हैं.

राज्य के एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र और राज्य के बाहर विभिन्न अखबारों में छपी सुर्खियों के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ़ सिक्किम के इन पांच अधिकारियों ने ही मिलकर पूरे राज्य की संपदा को चूना लगाया है. सबसे ज्यादा चूना एक बैंक अधिकारी ने लगाया है. जिसने 1.67 करोड रुपए की रिश्वत ली है. इसी तरह से अन्य कर्मचारियों ने 47 लाख 17000 रूपये, 22 लाख 10 हजार और 12 लाख 80 हजार रुपए की रिश्वत ली. विजिलेंस विभाग ने इस मामले में तादोंग, गंगटोक, पैकयोंग, सोमबारिया इत्यादि स्थानों में आरोपी बैंक अधिकारियों के घरों पर छापेमारी की थी.

विजिलेंस विभाग ने जोरथांग में एक घर को सील कर दिया है. डिपार्टमेंट के द्वारा एसबीएस के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी, 420 समेत पांच मामले दर्ज किए हैं. इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7,8 और 12 के तहत भी मामले दर्ज किए गए हैं. इस मामले में सतर्कता विभाग छानबीन में जुटा हुआ है. विभाग को उम्मीद है कि इस मामले में और भी कई सनसनीखेज जानकारी मिलेगी. हालांकि इस मामले में अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. बहरहाल यह देखना होगा कि राज्य सतर्कता विभाग की आगे की कार्रवाई में और क्या नई नई जानकारियां सामने आती हैं.

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