खुफिया विभाग से कुछ ऐसे इनपुट्स मिले हैं, जिसके बाद भारतीय सीमा सुरक्षा बल के द्वारा सिलीगुड़ी चिकन नेक और उत्तरबंगाल के महत्वपूर्ण ठिकानों, पुल, सड़क और सामरिक महत्व के प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सेना के सभी अंगों के द्वारा मॉक ड्रिल और अभ्यास प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है. पिछले दिनों सीमा सुरक्षा बल की 46 वीं बटालियन के द्वारा एयर व्यू के नजदीक महानंदा ब्रिज पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इसका नेतृत्व कमांडेंट संजय डोभाल ने किया.
हाल ही में पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल सेल एसटीएफ ने ऐसे तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, जिसका संबंध बांग्लादेश, पाकिस्तान व कश्मीर के आतंकवादी संगठनों से है. उनके नाम अब्बासुद्दीन मौला, अजमल हुसैन और साहेब अली खान हैं. अब्बासुद्दीन मौला की गिरफ्तारी दक्षिण 24 परगना जिले से हुई है. जबकि अजमल हुसैन और साहेब अली खान की गिरफ्तारी बीरभूम जिले से हुई है. अबासुद्दीन मौला का संबंध पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों से भी है.
बांग्लादेश का आतंकवादी संगठन जमात उल मुजाहिदीन जेएमबी की स्लीपर सेल के द्वारा बंगाल और भारत के नौजवानों को गुमराह करने और उन्हें आतंकवाद के लिए प्रेरित करने के षड्यंत्र का पता चला है. STF ने जैसा खुलासा किया है, उसके बाद पूरे बंगाल और देश में सनसनी मची हुई है. भारतीय खुफिया विभाग ने सेना को सिलीगुड़ी चिकन नेक की सुरक्षा के लिए सतर्क कर दिया है.
सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार इन आतंकवादियों के द्वारा नौजवानों को गुमराह किया जा रहा था. उन्हें मजहबी शिक्षा के नाम पर जेहादी बनाने की तैयारी की जा रही थी. आरंभ में इन युवाओं को संगठन में शामिल करने के लिए उनका ब्रेनवास किया जाता था. फिर उन्हें संगठन के तौर तरीके बताए जाते थे. जो युवा संगठन के प्रति पूरी निष्ठा, गोपनीयता और आस्था रखते थे, उन्हीं का चुनाव किया जाता था.
युवाओं के चुनाव के बाद उन्हें मजहबी शिक्षा दी जाती थी. इसकी आड़ में उन्हें जेहादी बनाना होता था. इस दौरान उनका ब्रेन वास किया जाता था. उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए कश्मीर के आतंकवादी संगठनों के कैंप में अथवा पाकिस्तान भेजा जाता था. एसटीएफ की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इन आतंकवादियों के बांग्लादेश से लेकर पाकिस्तान के बहुत से कुख्यात आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं. उनके फोन के इनबॉक्स मैसेज चेक करने से पता चला कि उनकी दीर्घकालिक नीति क्या थी. उनके संबंध और कहां-कहां से हैं यह सभी आतंकी युवाओं की ऐसी फौज तैयार करना चाहते थे, जो किसी भी वक्त अपनी जान देने के लिए तैयार रहते थे.
खुफिया विभाग को जो इनपुट्स मिले हैं, उसके आधार पर पिछले दिनों सिलीगुड़ी चिकन नेक के सामरिक ठिकानों की पुख्ता तैयारी की समीक्षा की गई. सिलीगुड़ी का महानंदा ब्रिज सिलीगुड़ी चिकन नेक का एक महत्वपूर्ण सेतु है, जो उत्तर पूर्व भारत को शेष भारत से जोड़ता है. सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने मॉक ड्रिल के तहत पुल की सुरक्षा के साथ-साथ आसपास के इलाकों की सुरक्षा तथा आपातकालीन स्थितियों में निपटने जैसे कौशल दिखाए और लोगों को हर तरह की स्थितियों से निपटने के तरीके समझाए.
भारतीय सीमा सुरक्षा बल, भारतीय सेना और विभिन्न सैन्य बलों के द्वारा समय-समय पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता रहा है, ताकि लोगों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ सके. माॅक ड्रिल के द्वारा जवानों के द्वारा लोगों में यह संदेश दिया जाता है कि भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है. लोग आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सतर्क रहें!