सिलीगुड़ी और आसपास रहने वाले ऐसे लोग,जो मासिक पेंशन सरकार से पाते हैं, उन्हें प्रत्येक साल नवंबर महीने में अपने जीवित होने का प्रमाण बैंक को देना होता है. पेंशनधारी के जीवित प्रमाण पत्र के आधार पर सरकार अगले सत्र के लिए पेंशन जारी रखती है. इसलिए november-december आते आते पेंशन धारियों की चिंता और टेंशन दोनों बढ़ जाती है. क्योंकि लाइफ सर्टिफिकेट बनाना और उसे प्रस्तुत करना एक भाग दौड़ ही है.
जो पेंशनधारी काफी बुजुर्ग अथवा बीमारियों से ग्रस्त हैं और अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए बैंकों अथवा नजदीकी सेंटर में नहीं जा सकते हैं, उन्हें बड़ी समस्या होती है. अगर समय पर लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं किया गया तो उनकी पेंशन बंद हो सकती है. पर अब इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही पेंशन धारियों को लाइफ सर्टिफिकेट के मोर्चे पर राहत मिलेगी. उन्हें लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए अब कहीं और जाना नहीं होगा. घर बैठे ही उनके जीवित होने का प्रमाण बैंक दे देगा.
पश्चिम बंगाल सरकार ने पेंशन धारियों की टेंशन को दूर करने के लिए कमर कस ली है. पिछले दिनों बैंक के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की एक बैठक में पेंशन धारियों की समस्याओं पर चर्चा हुई है.बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों की बैठक में राज्य सरकार का प्रस्ताव रखा गया. इसमें कहा गया है कि अत्यंत वृद्ध हो चले अथवा बीमारियों से जकडे पेंशनधारियों को लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए काफी परेशान होना पड़ता है. ऐसे में बैंक स्वयं ही पेंशन धारियों के घर घर जाकर उनके जीवित होने का पता लगा सकते हैं.
बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वित्तीय सलाहकार अमित मित्रा तथा वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य उपस्थित थी. राज्य सरकार ने तय किया है कि वह अपने प्रस्ताव को केंद्र तथा रिजर्व बैंक को भेजेगी तथा उनसे पेंशन धारियों के हित में उपरोक्त कदम उठाने की मांग करेगी. अगर सब कुछ ठीक रहा तो पेंशन धारियों की लाइफ सर्टिफिकेट से संबंधित परेशानी दूर हो सकती है. अब देखना है कि भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार का इस संदर्भ में क्या फैसला सामने आता है.