एक वर्षों पुरानी कहावत कही जाती है. हर घुरे के भी दिन फिरते हैं. या 12 साल के बाद घुरे के भी दिन फिर जाते हैं. वक्त जरूर लगता है.लेकिन बदलाव तो होता ही है. सिलीगुड़ी जंक्शन डीजल लोको शेड की हालत देखकर तो ऐसा ही लग रहा था कि धीरे-धीरे यह पटरी से उखड़ जाएगा. बरसों से इसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है. इस शेड की क्षमता 100 इंजनों की रह गई है. अपनी सीमित क्षमता के कारण ही यह डीजल लोको शेड जैसे अंतिम दिनों को गिन रहा था.
डीजल लोको शेड के उन्नयन और अपग्रेडेशन के लिए रेलवे को बहुत पहले ही पत्र लिख कर उसकी आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया था. समय-समय पर अलग-अलग तरीके से मांग की जाती रही. किंतु फिर भी रेलवे के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. इसके बाद डीजल लोको शेड को उसके ही भाग्य पर छोड़ दिया गया.अब केंद्र सरकार ने सिलीगुड़ी जंक्शन के डीजल लोको शेड के विस्तार और विकास का एक बड़ा फैसला लेकर सबको चौंका दिया है.केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए 129.41 करोड रुपए मंजूर भी किए गए हैं. यह सिलीगुड़ी जंक्शन के लिए एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है.
सूत्र बताते हैं कि सिलीगुड़ी डीजल लोको शेड का उन्नयन और विस्तार इस प्रकार से किया जाएगा कि उसकी वर्तमान में 100 इंजनों की क्षमता को बढ़ाकर 250 इंजन तक किया जा सके. और यह सरकार और रेलवे की योजना भी है. अगर ऐसा होता है तो सिलीगुड़ी जंक्शन का डीजल लोको शेड भारत के बड़े लोको शेड में शुमार हो जाएगा.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस लोको शेड का रेलवे की ओर से अत्याधुनिक रखरखाव और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन का भी विस्तार होगा. नए-नए यंत्र मंगाए जाएंगे. नई टेक्नोलॉजी और मशीनरी स्थापित होगी. इससे न केवल डीजल लोको शेड का अपग्रेडेशन होगा बल्कि उसकी क्षमता में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी.
भारतीय रेलवे का यह फैसला कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करने को ध्यान में रख कर लिया गया है. डीजल लोको शेड के उन्नयन और विस्तार से न केवल इस क्षेत्र में रेलवे के विकास को नई गति मिलेगी बल्कि कौशल और निर्माण के क्षेत्र में भी रोजगार की सृष्टि होगी. नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे जोन में रेल गाड़ियों के परिचालन, आधुनिकीकरण, माल परिवहन और यात्री सेवा सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता पूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं. यात्री सुविधा काफी बढ़ जाएगी और बेहतर होगी.
सबसे बड़ी बात तो युवाओं का कौशल विकास होगा. सभी वर्गों के लोगों को रोजगार मिलेगा और सिलीगुड़ी जंक्शन का काफी विकास होगा. सिलीगुड़ी डीजल लोको शेड पर सरकार और रेलवे का यह निवेश यहां की आर्थिक प्रगति को भी सुनिश्चित करेगा. इस परियोजना के दूरगामी लाभ हो सकते हैं. जिनमें व्यापार को बढ़ावा, संचार और परिवहन की क्षमता में वृद्धि आदि शामिल है. केंद्र सरकार के इस निवेश के फल स्वरुप न केवल सिलीगुड़ी बल्कि पहाड़, तराई और Dooars सभी क्षेत्र के युवाओं को रोजगार की दिशा में अधिक से अधिक सफलता मिल सकेगी.