पश्चिम बंगाल पोल्ट्री ट्रेडर्स एसोसिएशन की बेमियादी हड़ताल शुरू हो चुकी है. पोल्ट्री ट्रेडर्स एसोसिएशन से जुड़े लोग पुलिस पर नाराज हैं. आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की गई है, जिस वजह से संगठन से जुड़े लोग चिकन की दुकान नहीं लगा रहे हैं. सिलीगुड़ी में कुछ स्थानों पर इसका पालन किया गया है.
चिकन परिवहन से जुड़े लोगों का आरोप है कि पुलिस उन्हें काफी परेशान करती है और जांच के नाम पर उनसे तरह-तरह के कागजात मांगती है, जिसे देना किसी के लिए संभव नहीं है. इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने सिलीगुड़ी समेत पूरे प्रदेश में हड़ताल कर दी है. हालांकि सिलीगुड़ी में हड़ताल का खास असर नहीं देखा गया. लेकिन लगता है कि बहुत जल्द असर देखने को मिल सकता है. अगर चिकन को पोल्ट्री फार्म से बाजार तक नहीं लाया जाएगा तो दुकानदार बाजार में क्या बेचेंगे. इससे चिकन समेत अंडों की महंगाई देखने को मिल सकती है.
पोल्ट्री फार्म ट्रेडर्स मालिकों का आरोप है कि पोल्ट्री वाहन चालकों के पास सारे वैध कागजात होते हुए भी पुलिस उन्हें तरह-तरह से परेशान करती है. उनसे जबरन वसूली करती है.नहीं देने पर उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश करती है. उनकी तरफ से आरोप लगाया गया है कि 11 जुलाई को बेलदा इलाके में एक पोल्ट्री वैन के चालक समीर घोष ने जब पुलिस की ज्यादाती का विरोध किया तो पुलिस वालों ने उसे बेरहमी से पीटा था. बाद में पोल्ट्री परिवहन चालक की इलाज के दौरान मौत हो गई.
संगठन के लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी की. मगर आरोपी पुलिस वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.इसके बाद ही पोल्ट्री फार्म परिवहन चालकों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है. संगठन से जुड़े लोगों ने यह तय किया है कि पोल्ट्री फार्म से कोई भी मुर्गी दुकानों, होटलों आदि में सप्लाई नहीं की जाएगी. क्योंकि पूरे प्रदेश में यह हड़ताल की गई है. ऐसे में इस हड़ताल का राजनीतिकरण भी किया जा सकता है.
बाजार के अनेक जानकार मानते हैं कि सोमवार से सावन का महीना शुरू होगा. पूरे सावन महीने में भोले बाबा के भक्त मांसाहार का परित्याग करते हैं. ऐसे में नहीं लगता कि पोल्ट्री ट्रेडर्स एसोसिएशन की हड़ताल ज्यादा असरकारक होगी. कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में पोल्ट्री उत्पाद की बढ़ी कीमत को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी. ऐसे में देखना होगा कि क्या पश्चिम बंगाल पोल्ट्री ट्रेडर्स एसोसिएशन की हड़ताल की वजह से अंडे तथा मुर्गियों की कीमत बढ़ती है या नहीं.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)