सिलीगुड़ी एक ऐसा शहर है जो कई राज्यों और देशों से सटा हुआ है.यहां आमतौर पर शनिवार और रविवार को लोग छुट्टियां मनाने आते हैं और शहर के सिंगिंग बार तथा होटलों में खूब इंजॉय करते हैं. वीकेंड में यहां होटलों तथा सिंगिंग बार में काफी रौनक रहती है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी घूमने आए कुछ रंगीन मिजाज पर्यटक लड़कियों की मांग करते हैं. सिलीगुड़ी के विभिन्न होटलों में काम करने वाले कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो होटल में रहने आए ग्राहकों को भाप लेते हैं. इन्हीं दलालों के जरिए देह व्यापार का धंधा सुगम होता है. बिचौलियों के माध्यम से पर्यटक और रंगीन मिजाज धनाढ्य लोग अपनी रातें रंगीन कर पाते हैं.
यूं तो सिलीगुड़ी में जिस्मफरोशी का धंधा कोई नई बात नहीं है.परंतु हाल के दिनों में इस धंधे में काफी बदलाव आया है. सिलीगुड़ी से बाहर से आने वाले रंगीन मिजाज लोगों को सर्वप्रथम सुंदर लड़कियों के फोटोग्राफ्स दिखाए जाते हैं और मोबाइल पर ही सौदा पक्का हो जाता है. ऐसे रंगीन मिजाज लोगों के लिए पहले से ही होटल बुक करा दिए जाते हैं. जब सिंगिंग बार का उन्माद उनके सर चढ़ता है, उसके बाद लड़कियां उनके होटल के कमरों में भेज दी जाती है.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देह व्यापार के धंधे में कुछ रसूखदार लोग शामिल हैं, जो बाहर से लड़कियां मंगाते हैं. इन लड़कियों को ग्राहकों के होटल के कमरे में भेज दिया जाता है. यहां शनिवार की रात को जिस तरह से सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डीडी, एसओजी तथा प्रधान नगर थाना की संयुक्त पुलिस ने देह व्यापार के धंधे का खुलासा किया है, उससे पता चलता है कि यह धंधा कितना हाईटेक हो गया है.पुलिस ने इस संयुक्त अभियान में सालबाडी के होटलों से देह व्यापार के सरगना समेत 8 व्यक्तियों तथा चार लड़कियों को हिरासत में लेकर जेल भेजा था.
यह पहला ऐसा मामला है, जिससे पता चलता है कि सिलीगुड़ी के कुछ होटलों में देह व्यापार का धंधा चोरी-छिपे चल रहा है. पुलिस की कार्रवाई ने यह भी भंडाफोड़ किया है कि यहां सब कुछ सुनियोजित तरीके से होता है. खासकर शनिवार और रविवार को सिलीगुड़ी के कुछ होटलों में काफी रौनक रहती है.
सिलीगुड़ी में देह व्यापार का सरगना उमेश अग्रवाल पुलिस के रिकॉर्ड में कुख्यात है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि वही सिलीगुड़ी के बाहर से अथवा देश के दूसरे राज्यों से लड़कियां मंगाता था. वही लड़कियों तथा ग्राहकों को सिलीगुड़ी लाता था. सारा काम इंटरनेट पर होता था. सौदा पक्का होने पर उमेश अग्रवाल को मोटी रकम मिलती थी.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में देह व्यापार का धंधा मनोरंजन की आड़ में सुनियोजित तरीके से चल रहा है. कई पेशेवर धंधेबाज कानून का तोड़ निकाल कर देहधंधा कर रहे हैं, जहां पकड़े जाने पर भी उनकी जमानत आसानी से हो जाती है. इंटरनेट ने ग्राहकों और धंधे वाली लड़कियों को काफी करीब लाया है.
बदले समय में देह व्यापार एक चलती फिरती दुकान हो गया है. लड़की का तड़क-भड़क फोटो लेकर ग्राहक को भेजा जाता है और जब ग्राहक उसे पसंद कर लेता है तब लड़की और ग्राहक दोनों को ही समय और तारीख बताकर सिलीगुड़ी बुला लिया जाता है. पूरा काम गुप्त रूप से होता है. इसलिए पुलिस को पता नहीं चलता.
सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस, डिटेक्टिव डिपार्टमेंट तथा एसओजी की टीम शहर में देह व्यापार के धंधे को नेस्तनाबूद करने के लिए हाईटेक रास्ता अपनाने की ओर उन्मुख हुई है. क्योंकि बदलते समय के हिसाब से पुलिस को अपना रेड तरीका भी बदलना पड़ता है. तभी पुलिस को ऐसे धंधों को नेस्तनाबूद करने में सफलता मिलती है.
वर्तमान में सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस को कोई बड़ी सफलता हाथ लगी हो, यह दावा नहीं किया जा सकता. लेकिन अगर पुलिस अपना तौर तरीका और कार्रवाई में बदलाव लाती है तथा देह व्यापार के धंधे के खिलाफ सख्त रुख अपनाती है तो निश्चित रूप से स्थिति बदलेगी, इसमें कोई शक नहीं.