सिलीगुड़ी में दो दो हजार के नोट बैंकों में बदलने का अब तक सिलसिला चल रहा है.भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने 19 मई को ₹2000 के नोट चलन से बाहर करने का फैसला किया था तथा 23 मई से लेकर 30 सितंबर तक 2000 के नोट बैंकों में जमा करने का आदेश जारी किया था.
सिलीगुड़ी में 23 मई से ही विभिन्न बैंकों में आम से लेकर खास तक 2000 के नोट जमा कराने लगे. उस समय से लेकर अब तक सिलीगुड़ी के बैंकों में 2000 के नोट जमा कराने का सिलसिला चल ही रहा है.आप सिलीगुड़ी के किसी भी बैंक में चले जाइए. काउंटर पर पर्ची और हाथ में 2000 के गुलाबी नोटों का बंडल जरूर देख सकेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक के गाइडलाइन के अनुसार कोई भी बैंक ₹2000 के नोट के बारे में जमाकर्ता से किसी भी तरह का पूछताछ नहीं करेगा. यही कारण है कि लोग 2000 के नोटों का बंडल लेकर बैंक पहुंच रहे हैं और काउंटर पर जमा करा रहे हैं.
प॔जाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया,आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, इंडियन बैंक समेत विभिन्न बैंकों की शाखाएं सिलीगुड़ी में जगह जगह देखी जा सकती हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह 10:00 बजे से ही जमाकर्ता 2000 के नोट लेकर काउंटर की लाइन में खड़े हो जाते हैं. किसी भी बैंक में आप जाकर देख सकते हैं. अधिकांश जमाकर्ता अपने खाते में ₹2000 के गुलाबी नोट जमा कराते देखे जा सकेंगे. सिलीगुड़ी के सेवक रोड पर स्थित आईसीआईसीआई बैंक की एक शाखा में आज अधिकांश जमा कर्ताओं ने ₹2000 के नोट जमा कराए.
23 मई से ही सिलीगुड़ी के बैंकों में दो-दो हजार के गुलाबी नोट जमा कराए जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि दो हजार के नोट समाप्त ही नहीं हो रहे हैं. पता नहीं कब तक यह सिलसिला चलता रहेगा. कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि सिलीगुड़ी में 2000 के नोटों की जमाखोरी खूब हुई है. इसमें एक आम आदमी से लेकर खास आदमी तक शामिल है. क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट 30 सितंबर तक जमा कराने की मोहलत दी है.इसलिए लोग धीरे-धीरे 2000 के नोट निकाल रहे हैं.
इससे क्या यह लगता नहीं है कि सिलीगुड़ी में दूसरे शहरों की तरह ही गुलाबी नोटों की जमाखोरी हो रही थी? अगर भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटों को प्रचलन से बाहर नहीं किया होता तो शायद ही 2000 के गुलाबी नोट बाहर आ पाते. इसके साथ ही यह भी कयास लगाया जा रहा है कि सिलीगुड़ी में कई व्यापारी अथवा धन्ना सेठ 2000 के गुलाबी नोट बरसों से जमा करके रखे थे और अब उन्हें मजबूरीवश निकाल रहे हैं. अगर ₹2000 के गुलाबी नोट बंद नहीं किए जाते तो यह सभी नोट जमाखोरों की भेंट चढ़ जाते!
2000 के नोटों की जमाखोरी का एक ताजा सबूत पिछले दिनों की घटना में स्पष्ट हो गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने ट्रेन हादसे में पश्चिम बंगाल के मारे गए लोगों के परिवारजनों को दो दो लाख देने की घोषणा की. चर्चा है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने घायलों अथवा मृतक के परिजनों को नगद रुपए दिए, उनमें से अधिकांश ₹2000 के नोट थे. इसे लेकर राज्य में विपक्षी पार्टी भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कड़ा प्रहार किया है. खैर यह तो एक राजनीतिक मामला है.
जिस तरह से सिलीगुड़ी के विभिन्न बैंकों में ₹2000 के नोट जमा कराए जा रहे हैं, उससे कई सवाल उठ रहे हैं. एक समय सिलीगुड़ी के बाजारों से गायब होते 2000 के नोट अचानक से बैंकों में कैसे पहुंचने लगे! इसका सीधा मतलब है कि सिलीगुड़ी के लोगों ने जमाखोरी के हिसाब से ₹2000 के नोट बक्से में बंद कर रखे थे और अब उसका उपयोग होता नहीं देख कर वापस बैंकों में जमा करा रहे हैं. ₹2000 के नोटों को जमा कराने का सिलसिला कब तक चलता रहेगा, यह तो पता नहीं.परंतु इतना तो जरूर है कि सिलीगुड़ी में 2000 के नोट बहुतायत हैं. यह भी कि सिलीगुड़ी के अनेक लोग ₹2000 के नोटों की जमाखोरी में तल्लीन थे.