December 18, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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‘सुरक्षा कवच’ लगेगा सेवक-रंगपो रेलखंड में!

उड़ीसा रेल हादसे के बाद यह सवाल तेजी से उठने लगा है कि ट्रेन हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. उड़ीसा रेल हादसा एक ऐसा हादसा था, जिसने देश और दुनिया के लोगों को झकझोर कर रख दिया था. ऐसा हादसा फिर ना हो,इसके लिए रेल मंत्रालय तेजी से विचार कर रहा है. विशेषज्ञों ने रेलगाड़ियों के इंजन में कवच प्रणाली लगाना ही इसका समाधान बताया है.

वास्तव में कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है. इसे भारतीय रेलवे ने अनुसंधान डिजाइन व मानक संगठन के माध्यम से स्वदेशी रूप में विकसित किया है. इसका प्रारंभिक विकास 2012 में हुआ था, जबकि इसका पूरा विकास 2022 में हुआ. ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली ट्रेन हादसों को रोकने में कामयाब है. ऐसी प्रणाली रेलगाड़ियों में जोड़ने की मांग तेज होती जा रही है. कटिहार रेल मंडल इसके लिए पूरी तरह तैयार है. हमें जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार कटिहार मंडल में मालदा से जलपाईगुड़ी के रानीनगर तक तथा कटिहार से रानीनगर तक रेलखंड में सुरक्षा कवच लगाए जाएंगे.

वर्तमान में सेवक रंगपो रेलखंड का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इसको लेकर कई तरह की आशंकाएं उठ खड़ी हुई है. उदाहरण के लिए यह पहाड़ी इलाका है और पूरा रेलखंड भूमिगत है. ऐसे में भविष्य की त्रासदी से बचने के लिए यहां सिस्टम में सुरक्षा विकसित करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है. पूर्वोत्तर रेलवे अलीपुरद्वार मंडल के डीआरएम दिलीप कुमार सिंह बताते हैं कि इस रेल खंड पर सुरक्षा कवच की योजना है. उन्होंने कहा कि इस रेलखंड पर रेलवे आधुनिक तरीके से संसाधनों का विकास कर रहा है. ताकि भविष्य में सुरक्षा कवच से जोड़ा जा सके.

कटिहार के बाद अलीपुरद्वार मंडल में भी सुरक्षा कवच लगाया जाएगा. इसे चरणबद्ध तरीके से लगाया जाएगा.दरअसल सुरक्षा कवच लगाना आसान भी नहीं है.इसके लिए रेलगाड़ियों के इंजन में सिस्टम भी विकसित करना होता है. आधुनिक तरीके से निर्मित किए जा रहे इंजनों में इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर तथा टेक्नोलॉजी लगाए जा रहे हैं,जो भविष्य में सुरक्षा कवच के लिए उपयोगी होंगे. रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा कवच सभी रेलगाड़ियों में लगाई जाएगी. परंतु इसमें कुछ विलंब हो सकता है. प्रारंभ में राजधानी एक्सप्रेस रेलखंड पर सुरक्षा कवच लगेगा.

मौजूदा समय में देश के बड़े महानगरों में लोकोमोटिव में सुरक्षा कवच लगाए गए हैं. इसका लाभ पूर्वोत्तर रेलवे को भी मिलेगा. आने वाले समय में न्यू जलपाईगुड़ी, सेवक ,अलीपुरद्वार इत्यादि इलाकों में रेलगाड़ियां सुरक्षा कवच से जुड़ने वाली है. धीरे-धीरे पूरे देश में रेलगाड़ियों में यह स॔यत्र स्थापित होगा. तब तक उस दिन का इंतजार देशवासियों को करना होगा!

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