September 4, 2025
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हाकिमपाड़ा की घटना को केंद्र कर बांग्ला संगठनों की भारत-नेपाल संधि रद्द करने की मांग!

सिलीगुड़ी के हाकिमपाड़ा की घटना अत्यंत दुखदाई है. इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है. लेकिन उसके बाद जो कुछ भी हुआ, वह और ज्यादा निंदनीय है. उम्मीद की जा रही थी कि यह मामला अब शांत हो जाएगा. लेकिन इसी बीच विभिन्न बांग्ला संगठनों ने एक संयुक्त मंच बनाकर इस विवाद को हवा दे दी है.

सिलीगुड़ी में कई बंगाली संगठन हैं. इन बांग्ला संगठनों में आमरा बंगाली प्रमुख संगठन है. इसके अलावा बंगबासी, बांग्ला पक्ष, अंतर्राष्ट्रीय बांग्ला भाषा संस्कृति समिति, जय बांग्ला, बांग्ला भाषा बचाओ कमेटी, अखिल भारतीय बांग्ला भाषा मंच इत्यादि शामिल है. यह सभी संगठन बांग्ला भाषा और बांग्ला संस्कृति के लिए काम करते हैं.

सिलीगुड़ी के हाकिमपाड़ा में पिछले दिनों जो भी हुआ, उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप आमरा बंगाली समेत विभिन्न बांग्ला प्रेमी संगठनों ने एक संयुक्त मंच बनाकर बंगाली एकता का परिचय देने की कोशिश की है और हाकिमपाड़ा की घटना का पुरजोर विरोध किया है. आमरा बंगाली समेत विभिन्न बांग्ला संगठनों ने 7 सूत्री मांगें रखी है. इन मांगों में भारत नेपाल संधि को रद्द करना भी शामिल है.

संयुक्त बांग्ला संगठन की अन्य मांगों में हाकिमपाड़ा की घटना में नस्लीय विद्वेष फैलाने वाले हमलावरों की तुरंत गिरफ्तारी, बंगालियों के खिलाफ अपमानजनक व्यवहार पर रोक लगाने, भारत नेपाल के बीच आवागमन के लिए पासपोर्ट और वीजा व्यवस्था लागू करने इत्यादि शामिल हैं.

हाकिमपाड़ा की घटना को लेकर सिलीगुड़ी में पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ, वह अत्यंत दुर्भाग्य जनक है. अब इस घटना को अतीत का एक कड़वा हिस्सा मानकर भूल जाना चाहिए. और दोनों पक्षों को जाति धर्म आधारित भेदभाव छोड़कर भविष्य में सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए प्रयास करना चाहिए.

लेकिन ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे विद्वेष से दोनों पक्ष प्रभावित हो रहे हैं. आज भी सोशल मीडिया पर हाकिम पाड़ा की घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें गोरखा समुदाय और अन्य समुदाय के बीच कहासुनी, झड़प, जाति और धर्म के बीच विवाद, राष्ट्रीय एकता का हनन आदि देखा जा सकता है. चाहे बांग्ला संगठन हो या गोरखा संगठन, सभी संगठनों को इस मसले को और तूल ना देने तथा अतीत की इस घटना से सबक लेकर भविष्य में विभिन्न जाति और धर्म के बीच भाईचारा और राष्ट्रीय एकता स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए.

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