15 जून को आदिवासी सेंगल अभियान का भारत बंद होने जा रहा है. यह बंद आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर बुलाया है. इसके अलावा 30 जून को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आदिवासी सेंगल अभियान की विश्व सरना धर्म कोड के लिए एक जनसभा भी होगी.
पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में आदिवासी सेंगल अभियान का व्यापक असर है. उत्तर बंगाल के कुछ क्षेत्रों में भी इस अभियान का असर रहता है. बंगाल के दक्षिणी भाग के कुछ जिलों में आदिवासी आंदोलन का पिछले दिनों व्यापक असर पड़ा था. हाल फिलहाल में इस सेंगल अभियान ने बंगाल हड़ताल के दौरान कई क्षेत्रों में चक्का जाम करने में सफलता पाई थी.हालांकि सिलीगुड़ी में उसका कोई असर नहीं पड़ा था.
15 जून को भारत बंद बुलाया गया है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में रहने वाले आदिवासी बहुल इलाके में इसका असर देखा जा सकता है. हालांकि भारत बंद का बंगाल पर ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है. क्योंकि तृणमूल कांग्रेस की सरकार शुरू से ही बंद के खिलाफ रही है.वैसे भी इस बार आदिवासी सेंगल अभियान का मुद्दा राष्ट्रीय है. इसके अंतर्गत सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाना है जिसे अब तक नहीं मिल सका है. इस अभियान ने सवाल किया है कि 2011 की जनगणना के अनुसार आदिवासियों ने लगभग 50 लाख की संख्या में सरना धर्म लिखाया था और जैन धर्म में 44 लाख लिखवाया.इसके बावजूद सरना धर्म कोड को अब तक मान्यता क्यों नहीं मिली है.
यह उनकी प्रमुख मांग है. सूत्र बता रहे हैं कि आगामी 30 जून को जब कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड मैदान में उनकी जनसभा होगी तो उस समय कोलकाता और आसपास के जिलों में इसका असर पड़ सकता है. अभियान की कुछ मांगे गलत भी नहीं हो सकती. क्योंकि असम और अंडमान के चाय बागान में लगभग 50 लाख आदिवासी संताल मुंडा, खरिया, भूमि ,उरांव ,पहाड़िया आदि को एसटी का दर्जा नहीं मिला है. जबकि कुर्मी ,महतो आदि को एसटी का दर्जा मिल चुका है.
आदिवासी सेंगल अभियान भारत बंद की तैयारी में जुट गया है. पश्चिम बंगाल के कुछ भागों में भी जहां आदिवासियों की एक बड़ी आबादी है, वहां खलबली देखी जा सकती है. हालांकि पुलिस प्रशासन इलाके में शांति स्थापना तथा व्यवस्था के लिए उपयुक्त कदम उठा रहा है. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारत बंद के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी की घटना ना हो. रेलवे की ओर से भी सुरक्षा के कदम उठाए जा रहे हैं.