आपके घर में रखे 15 साल पुराने वाहन जैसे टैक्सी, कार आदि हो हो गए बेकार! इन वाहनों को आप 15 साल से चलाते आ रहे हैं. लेकिन अब यह नहीं चलेंगे. अगर आप इनकी मरम्मति कराना चाहते हैं तो भी इसका कोई लाभ नहीं होगा. आपके पैसे पानी में बह जाएंगे . क्योंकि हर हालत में उन्हें स्क्रैप करवाना ही होगा! पश्चिम बंगाल सरकार परिवहन विभाग की गाइडलाइंस आ चुकी है. केंद्र सरकार सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय पहले ही स्क्रेपिंग नीति की घोषणा कर चुका है!
कुछ समय पहले तक वाहनों के बारे में कहा जाता रहा कि पुराने वाहन भी घाटे का सौदा नहीं होते. कुछ साल पहले तक 15 साल से चल रहे पुराने वाहनों की नीलामी होती थी. कारों के शौकीन लोग पुराने वाहन बाजार से खरीद कर घर ले जाते थे और अपना शौक पूरा कर लेते थे. तब किसी ने भी सोचा नहीं था कि 15 साल से अधिक पुराने वाहन एकदम से बेकार हो जाएंगे. माटी के मोल हो जाएंगे.
अगर आपके पास 15 साल अथवा इससे अधिक के पुराने वाहन जैसे कार, टैक्सी इत्यादि घर में हैं और सोच रहे हो कि बिक्री करके कुछ ना कुछ मूल्य प्राप्त कर लेंगे तो यह बात जेहन से निकाल दीजिए. क्योंकि अब सिलीगुड़ी समेत पूरे राज्य में 15 साल पुरानी टैक्सी, कार अथवा कोई भी वाहन देखने को नहीं मिलेगा. सड़कों पर चलने की बात ही तो छोड़िए! राज्य सरकार अगले महीने से स्क्रेपिंग नीति ला रही है. इसके तहत 15 साल से पुराने वाहनों की स्क्रेपिंग कराना अनिवार्य हो जाएगा.
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय भारत में प्रदूषण के क्षेत्र में सुधार लाना चाहता है. इसके लिए ही मंत्रालय के द्वारा स्क्रेपिंग नीति के संदर्भ में निर्देशों का पालन कराने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया गया है. पश्चिम बंगाल सरकार इस पर सहमत है और स्क्रेपिंग पॉलिसी लाने जा रही है. बताते चले कि वर्तमान में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की स्क्रेपिंग नीति तीन राज्यों में है. इनमें महाराष्ट्र,असम और एक अन्य राज्य के बाद पश्चिम बंगाल चौथा ऐसा राज्य होगा जहां स्क्रेपिंग सेंटर बनने की बात कही जा रही है.
सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग अथवा प्रदेश के किसी भी भाग में इससे पहले कोई भी वैध स्क्रेपिंग सेंटर नहीं था. मौजूदा समय में पुराने वाहनों की स्क्रेपिंग बगैर किसी विधि सम्मत तरीके से की जाती है. ऐसे में केवल उन्हीं वाहनों की स्क्रेपिंग की जाती थी जो चलाने लायक नहीं होती थी. अब नए नियम एवं निर्देश के आ जाने के बाद 15 साल से पुराने वाहन बिना मूल्य के बेकार हो जाएंगे.
राज्य सरकार चाहती है कि वाहन मालिक स्वेच्छापूर्वक अपने वाहनों की स्क्रेपिंग के लिए आगे आएं. इसलिए केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार स्क्रेपिंग के लिए तैयार वाहन मालिकों को प्रोत्साहित करने के लिए टेक्स तथा पेनाल्टी में भी छूट देने जा रही है. इसके अलावा कई तरह के इंसेंटिव की घोषणा की गई है. पश्चिम बंगाल सरकार जल्द ही रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रेपिंग फैसिलिटी की स्थापना करके लाइसेंस जारी कर देगी. उसे राज्य परिवहन विभाग के वाहन एप से लिंक कर दिया जाएगा. ऐसे में स्क्रेपिंग वाले वाहन तथा वाहन मालिकों की सारी जानकारी सरकार और परिवहन विभाग को उपलब्ध होती रहेगी.
पश्चिम बंगाल सरकार जिस तरह से संपूर्ण तैयारी कर रही है,उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि सिलीगुड़ी समेत पूरे प्रदेश में में अब 15 साल पुराने सरकारी अथवा गैर सरकारी वाहन नहीं चलेंगे. राज्य सरकार की तैयारी का आलम इसी बात से समझा जा सकता है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्क्रेपिंग सेंटर खोलने के लिए एजेंसियों की सेवा लिया जा रहा है. सिलीगुड़ी अथवा आसपास के इलाके में भी स्क्रेपिंग सेंटर की स्थापना हो सकती है. जहां 15 साल से पुराने वाहन स्क्रैप किए जाएंगे. अगले महीने से सरकार की तैयारी स्क्रेपिंग सेंटर के रूप में सामने आ सकती है.
ऐसे में उन वाहन मालिकों को होशियार हो जाना चाहिए जो 15 साल पुराने कार, टैक्सी अथवा बसों के मालिक हैं. हालाकि सड़कों पर चलने योग्य ऐसे वाहनों को स्क्रैप करने में उन्हें दर्द तो होगा परंतु इसके अलावा उन्हें कोई चारा भी नहीं होगा. केंद्र हो अथवा राज्य, जिस तरह से प्रदूषण मुक्त भारत की तैयारी चल रही है, ऐसे में इस बात की गुंजाइश बहुत कम है कि सरकार 15 साल पुराने वाहन मालिकों को अब एक और मौका दे सकती है!