April 24, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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20 व 21 फरवरी को हड़ताल की घोषणा!

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच ठन गई है. सरकार की चेतावनी के बावजूद कर्मचारी सोमवार और मंगलवार को हड़ताल करने का फैसला कर चुके हैं. सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें घर पर बैठा दिया जाएगा.

राज्य सरकार के कर्मचारी केंद्रीय दर पर महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि 3% से अधिक महंगाई भत्ता उन्हें नहीं दिया जा सकता. इसी बात को लेकर दोनों ही पक्ष आमने-सामने हैं. हाल ही में राज्य सरकार के बजट में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि की घोषणा की गई है. यह उन्हें मंजूर नहीं है.

महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग पर पिछले 5 दिनों से धरने पर बैठे शिक्षकों को ममता सरकार में मंत्री उदयन गुहा ने चेतावनी दी है. मंत्री उदयन गुहा का फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है.जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर आप 20 व 21 को काम पर नहीं आएंगे तो 22 से घर पर बैठ जाइएगा. इसका मतलब यह है कि सरकारी कर्मचारी हड़ताल में भाग लेंगे तो उन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है.

मंत्री उदयन गुहा की चेतावनी के बाद सरकारी आंदोलनरत शिक्षकों का रोष अधिक बढ़ गया है. उदयन गुहा की इस टिप्पणी को लेकर दार्जिलिंग जिला 12 जुलाई कमेटी और कूचबिहार जिला 12 जुलाई कमेटी ने विरोध जताया है. सिलीगुड़ी में दार्जिलिंग जिला 12 जुलाई कमेटी की ओर से कंचनजंघा स्टेडियम परिसर में एक समावेश का आयोजन किया गया. जहां शिक्षकों, श्रमिकों, बैंक कर्मचारियों समेत कई संगठनों के सदस्य गण मौजूद थे. कूचबिहार जिला 12 जुलाई कमेटी की ओर से धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है.

आपको बताते चलें कि डीए की मांग को लेकर राज्य के लगभग सभी जिलों में सरकारी कर्मचारी आंदोलन पर उतर आए हैं, जबकि कोलकाता में धरना प्रदर्शन चल रहा है. सरकारी कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने 20 व 21 फरवरी को काम बंद रखने का आह्वान किया है. 12 जुलाई कमेटी की ओर से जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी गई है. इसके साथ ही राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजा गया है.

बताते चलें कि कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में पहले ही फैसला दे दिया है. लेकिन इसके बावजूद सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं दे रही. कर्मचारी 3% डीए देने की घोषणा को भीख मान कर इसका विरोध कर रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार की माली हालत ठीक नहीं है. इसलिए कोशिश करके भी सरकार कर्मचारियों को 39% भत्ता देने की स्थिति में नहीं है.

अब सिलीगुड़ी के लोगों की नजर इस बात पर टिकी है कि सरकार की चेतावनी के बावजूद राज्य सरकार के कर्मचारी प्रस्तावित 20 और 21 फरवरी की हड़ताल में भाग लेते हैं या नहीं. यह भी कि क्या 20 और 21 फरवरी को हड़ताल रहेगी? जो भी हो, हड़ताल की विरोधी रही राज्य सरकार अपने कर्मचारियों की हड़ताल को बर्दाश्त नहीं करेगी!

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