सिलीगुड़ी के आसपास निकट भविष्य में बिल्डिंग निर्माण के कई प्रोजेक्टों की सूची तैयार कर ली गई है. इनमें से ज्यादातर प्रोजेक्ट जलपाईगुड़ी जिले के सदर ब्लॉक और राजगंज क्षेत्र में है, जहां अनेक बिल्डरों के द्वारा बड़े-बड़े प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाया जाना है. पर इस समय यहां के बिल्डर और प्रमोटर LUCC नहीं मिलने के चलते फंस गए प्रतीत होते हैं. एल यू सी सी यानी लैंड यूज कंपैटिबिलिटी सर्टिफिकेट.
वास्तव में LUCC क्रय की गई भूमि पर किए जाने वाले विकास कार्यों से संबंधित प्लान को लेकर एक प्रमाण पत्र होता है, जो पहले पंचायत स्तर पर जारी किया जाता था. लेकिन जुलाई 2024 से राज्य सरकार के आदेश के बाद एसजेडीए की ओर से जारी किया जाने लगा. इस प्रमाण पत्र को जारी करने से पहले SJDA की ओर से जमीन मालिकों से प्लान के बारे में डिटेल्स और कागजात मांगे जाते हैं. औपचारिकता पूरी करने के बाद ही यह प्रमाण पत्र जमीन मालिकों जो वास्तव में बिल्डर होते हैं, को मिलता है. इसके बाद वे निर्माण कार्य शुरू करते हैं.
एल यू सी सी जारी करने की प्रक्रिया सभी मानदंडों को ध्यान में रखते हुए पूरी की जाती है. ऐसा व्यक्ति जो किसी भूमि का विकास करना चाहता है अथवा निर्माण कार्य करना चाहता है या फिर निर्माण कार्यों में कुछ परिवर्तन करना चाहता है, ऐसी स्थिति में SJDA के द्वारा उसकी जांच की जाती है. उसके पश्चात एक निश्चित शुल्क का भुगतान करने के बाद SJDA बिल्डर को यह प्रमाण पत्र जारी करता है.
वर्तमान में SJDA का बोर्ड भंग किया जा चुका है. इसकी देखरेख जिला मजिस्ट्रेट के हाथ में है. डीएम के द्वारा ही बिल्डरों को एल यू सी सी जारी किया जा रहा है. हालांकि कई बिल्डरों ने शिकायत की है कि SJDA का बोर्ड भंग होने के बाद एल यू सी सी जारी नहीं किया जा रहा है. इससे व्यावसायिक और आवासीय कार्य रुके हुए हैं. इसके साथ ही अनेक बिल्डरों और निवेशकों की पूंजी फस गई है. जिसके कारण वह काफी परेशान है.
नॉर्थ बेंगल नेशनल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव किशोर मारोदिया के अनुसार एक अनुमान के अनुसार पिछले दो महीनों में राजगंज और जलपाईगुड़ी सदर इलाकों समेत सिलीगुड़ी के आसपास के इलाकों में बिल्डरों के द्वारा लगभग 200 करोड रुपए का निवेश किया जाना है. इससे सिलीगुड़ी का जोरदार विकास होगा. इसके साथ ही आसपास के इलाकों में जमीन की कीमत भी बढ़ेगी. परंतु उनका प्रोजेक्ट इस कारण से रुका हुआ है कि ऐसे लोगों को अब तक एल यू सीसी जारी नहीं किया गया है. इसके बाद वह हाथ पर हाथ धर कर बैठे हुए हैं.
हालांकि जब खबर समय ने शहर के कुछ बिल्डरों से बात की तो उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि डीएम के द्वारा बिल्डरों को LUCC जारी नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डीएम महोदया ऐसे लोगों को ही LUCC जारी करती है, जो महानंदा अभ्यारण क्षेत्र और एनजीटी के नियमों को ध्यान में रखकर बिल्डिंग निर्माण की योजना बना रहे हैं. ताजे नियम के अनुसार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने महानंदा अभ्यारण क्षेत्र के चारों तरफ 5 किलोमीटर का दायरा और घटा दिया है. यहीं पर एलयूसीसी की परेशानी आ रही है.
मिली जानकारी के अनुसार LUCC जारी करने की गति काफी धीमी है. इसको देखते हुए कुछ पंचायतों में इस गतिविधि को आगे बढ़ाने के लिए आवेदन भी किया गया था. लेकिन उनके द्वारा जारी एल यू सी सी को जलपाईगुड़ी जिला परिषद स्वीकार नहीं कर रहा है और ना ही अपनी तरफ से इस पर मुहर लगा रहा है. बिल्डरों ने बताया कि ऐसी स्थिति में प्रोजेक्ट काम में गतिरोध उत्पन्न हो रहा है. अगर बिल्डरों को एल यू सी सी समय पर जारी किया जाता है,तो आने वाले कुछ महीनो में सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों का निर्माण अबाध गति से होगा, इसमें कोई संदेह नहीं है.
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