सिक्किम जल्द ही सामाजिक, आर्थिक और रेल परिवहन मार्ग से देश के सभी हिस्सों से सीधा जुड़ने जा रहा है. 2023 में सिक्किम के लोगों के अच्छे दिन आने की पूरी उम्मीद है. जिस तरह से एनएफ रेलवे प्रशासन और इरकॅन की युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है, उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि 2023 सिक्किम के लोगों के जीवन में एक नई खुशी लाने जा रहा है.
सिक्किम के लोगों की इस खुशी का राज छिपा है सेवक रंगपो रेल लिंक परियोजना में, जिसका लगभग 65% काम पूरा हो चुका है. 2023 के अंत तक परियोजना का पूरा काम करने का लक्ष्य रखा गया है. एनएफ रेलवे के महाप्रबंधक तथा एडीआरएम लगातार इरकॅन के कार्यों का मुआयना कर रहे हैं तथा कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी कर रहे हैं. अलीपुरद्वार के डीआरएम दिलीप कुमार सिंह पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रहे हैं कि 2023 के अंत तक परियोजना का काम पूरा हो जाएगा.
हाल ही में टनल संख्या 12 में ब्रेक थ्रू हासिल कर लिया गया है, जिसके बारे में यह कहा जा रहा है कि यह परियोजना के लिए मील का पत्थर से कम नहीं है. इस परियोजना में यह पांचवा मुख्य टनल ब्रेक थ्रू किया गया है. यह पश्चिम बंगाल के स्थानीय प्रशासन के साथ पूर्वोत्तर सीमा रेल, आई आर सी ओ एन इंटरनेशनल लिमिटेड और निर्माण एजेंसी सीएस धोराजिया के अधिकारियों की उपस्थिति में की गई थी.
आपको बता दें कि टनल संख्या 12 की लंबाई 1406 मीटर है. यह टनल कालिमपोंग जिला के अंतर्गत आता है. यह इतना महत्वपूर्ण और संवेदनशील है कि इसके साथ कई भूगर्भीय चुनौतियां भी जुड़ी हुई थी. टनल ब्रेक थ्रू के लिए अनुभवी विदेशी इंजीनियरों की सहायता ली गई थी. सिक्किम को देश के शेष भागों से सीधा जोड़ने के लिए इस टनल के ब्रेकथ्रू में कामयाबी मिलना जरूरी था.
सेवक रंगपो नई रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किलोमीटर लंबी है और यह दो प्रदेशों पश्चिम बंगाल और सिक्किम को आपस में जोड़ती है. पूरे मार्ग में 14 टनल, 13 बड़े पुल, 10 छोटे पुल और 4 नए स्टेशन होंगे. यह संपूर्ण परियोजना लगभग 38 किलोमीटर टनलों से संपूर्ण होता है.
चीन की सीमा पर स्थित सिक्किम की सीमा पर मौजूद सैनिकों को आयुध समेत सभी तरह की सुविधाएं पहुंचाने के लिए इस परियोजना का समय पर और यथाशीघ्र पूरा होना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि भारत सरकार ने इस परियोजना को समय पर पूरा करने का रेलवे के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है.