सिलीगुड़ी समेत पूरे उत्तर बंगाल में धरती आग उगल रही है. सूर्य देवता अपना रौद्र रूप दिखा रहे हैं. पिछले दो-तीन दिनों से सिलीगुड़ी और संपूर्ण उत्तर बंगाल में गर्मी और तापमान ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया है कि लोग पुराने जमाने के दिनों को याद करने लगे हैं!
अगर समतल का हाल बेहाल है तो दार्जिलिंग और सिक्किम पहाड़ भी गर्मी से दो चार है. पहाड़ों के बारे में कहा जाता है कि यहां गर्मी होती ही नहीं. हर समय मौसम ठंडा रहता है. हालांकि लोगों का यह मिथक है.सिक्किम में 21 साल के बाद गर्मी का सितम देखा गया. वहां 30 मई 2002 को 25.9 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था. 21 साल के बाद मंगलवार को सिक्किम में यही तापमान दर्ज किया गया. इसका मतलब यह है कि सिक्किम का पहाड़ भी गर्मी से जूझ रहा है!
इसी तरह से दार्जिलिंग पहाड़ में भी मंगलवार का दिन सबसे ज्यादा गर्म साबित हुआ. दार्जिलिंग का तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. किसी भी पहाड़ी इलाके में और खुद पहाड़ में दिन का तापमान 25 डिग्री से भी ज्यादा रहे तो आप समझ सकते हैं कि मैदानी इलाकों में कितनी जबरदस्त गर्मी का सितम का सामना करना पड रहा होगा!
इस समय सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल के सभी जिलों में गर्मी आग उगल रही है. यहां औसत तापमान 36 डिग्री सेल्सियस से 37 डिग्री सेल्सियस तक बना हुआ है. लेकिन उत्तर बंगाल तथा सिक्किम के मौसम वैज्ञानिक गोपीनाथ राहा बताते हैं कि आने वाले दिनों में उत्तर बंगाल और सिलीगुड़ी में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है. उन्होंने संभावना जताई है कि इसी हफ्ते सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में कुछ स्थानों पर गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं. लेकिन इससे गर्मी में कोई कमी नहीं आएगी.
यूं तो दार्जिलिंग में पर्यटक भारी संख्या में आ रहे हैं. परंतु पर्यटकों को घूमने फिरने में गर्मी के कारण आनंद की अनुभूति नहीं हो रही है. पर्यटक कूल कूल होना चाहते हैं. वर्तमान में दार्जिलिंग से लेकर सिक्किम तक यही स्थिति देखी जा रही है. सिक्किम में भी पर्यटक आ रहे हैं लेकिन कम ठंडा के कारण उन्हें भी निराशा का सामना करना पड़ रहा है.
एक शब्द में कहा जा सकता है कि सिलीगुड़ी से लेकर पहाड़ तक, कूचबिहार-अलीपुरद्वार से लेकर मालदा तक फिलहाल लोगों को गर्मी और आग उगलती धूप से राहत मिलने वाली नहीं है.