पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार आने के बाद राज्य में हड़ताल कम ही सुनी जाती है. कभी कभार किसी-किसी संगठन अथवा राजनीतिक दल के द्वारा हड़ताल बुला ली जाती है, परंतु उसका कम ही असर देखा जाता है. परंतु यह हड़ताल कुछ अलग तरह की है. इस हड़ताल में ना तो दुकान बंद रहेगी और ना ही व्यवसाय. हां, यात्री परिवहन पर असर पड़ेगा. सड़कों पर गाड़ियां कम चलेगी. सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल के सभी आठ जिलों के पेट्रोल पंप 24 घंटे के लिए बंद रहेंगे.
आज नॉर्थ बेंगल पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन द्वारा विधान रोड मार्केट में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में नॉर्थ बंगाल पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्याम पाल चौधरी और सचिव विकास अग्रवाल ने 15 फरवरी को पूरे उत्तर बंगाल में पेट्रोल पंप बंद रखने की बात कही है. विकास अग्रवाल ने कहा कि 15 फरवरी की सुबह 6:00 से लेकर 16 फरवरी की सुबह 6:00 तक उत्तर बंगाल में सभी पेट्रोल पंप बंद रहेंगे. आखिर नॉर्थ बंगाल पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के द्वारा यह बंद क्यों बुलाया जा रहा है?
संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए प्रेसिडेंट श्याम पाल चौधरी ने कहा कि 2017 से ही उनके कमीशन की वृद्धि नहीं हुई है. फिर भी हम लोग चुप हैं. परंतु उनकी सबसे बड़ी समस्या बकाया के भुगतान को लेकर है. पंचायत चुनाव के समय केंद्रीय बलों को दिए गए तेल का भुगतान अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि अब तक 19 करोड़ 36 लाख रुपए बकाया हो चुका है. बकाया की रकम नहीं मिलने के कारण ही पेट्रोल पंप की हालत खस्ता हो चुकी है. उन्होंने कहा कि भुगतान प्राप्त नहीं होने के चलते उत्तर बंगाल में कम से कम 25 पेट्रोल पंप तो बंद ही हो चुके हैं.
नॉर्थ बंगाल पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन की चिंता स्वाभाविक है. अगर पेट्रोल पंपों को समय पर भुगतान नहीं मिलेगा, तो ऐसे में इसका असर पूरे तंत्र के साथ ही कर्मचारियों पर भी पड़ेगा और जब कर्मचारियों का समय पर भुगतान नहीं होगा तो वह अपना कार्य कैसे जारी रख सकेंगे. पिछले पंचायत चुनाव के दौरान उत्तर बंगाल के विभिन्न पेट्रोल पंपों से केंद्रीय बलों को तेल दिया गया था. लेकिन उसका भुगतान अब तक नहीं हो सका है. संगठन ने इस बारे में तेल कंपनियों को भी इत्तला कर दी थी. लेकिन उनकी तरफ से देखो और इंतजार करो की नीति अपनाई जा रही है. दूसरी तरफ पेट्रोल पंपों पर संसाधन का अभाव होने से उनके द्वारा कार्य को सुचारू रूप से जारी रख पाना कठिन हो रहा है.
एसोसिएशन के अधिकारियों ने अपनी पीड़ा का बयान करते हुए कहा कि लोकसभा का चुनाव सामने है. एक बार फिर से केंद्रीय बलों को तेल की जरूरत होगी. उनकी मांग है कि सबसे पहले उनके बकाए 19 करोड़ 36 लाख का भुगतान किया जाए और आने वाले लोकसभा चुनाव में केंद्रीय बलों के लिए तेल की जरूरत को देखते हुए एडवांस 75% भुगतान किया जाए. उन्होंने कहा कि हम कोई गैर जरूरी मांग नहीं कर रहे हैं. हम यह भी नहीं कह रहे हैं कि हमारा कमीशन तत्काल बढ़ाया जाए. हम तो सिर्फ अपने बकाए की मांग कर रहे हैं, जो हमारा हक है. हम वही अपना हक लेना चाहते हैं. ताकि हमारा कार्य सुचारू रूप से चल सके.
संगठन के अधिकारियों ने कहा कि यह हमारी कोई हड़ताल नहीं है. यह तो एक प्रतीकात्मक स्वरूप है. उत्तर बंगाल में आठ जिले हैं. कूचबिहार, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी,दार्जिलिंग, मालदा, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और कालिमपोंग. इन सभी जिलों में पेट्रोल पंप बंद का व्यापक असर हो सकता है. संगठन के पदाधिकारियों ने कहा है कि अगर उनकी मांग नहीं सुनी गई तो भविष्य में वे एक बैठक करेंगे और आगामी रणनीति पर विचार करेंगे.
खबर समय के द्वारा इस खबर के जरिए सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के दर्शकों को आगाह किया जाता है कि 15 फरवरी की सांकेतिक हड़ताल को देखते हुए तेल की चुनौतियों से निपटने के लिए अग्रिम व्यवस्था कर लें.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)