आए दिन सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में मानव तस्करी की घटनाएं सुर्खियों मे रहती है. सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार, तराई ,Dooars, दार्जिलिंग से ही नहीं, अब तो मानव तस्कर धड़ल्ले से नेपाल की लड़कियों को अपना शिकार बना रहे हैं. इन क्षेत्रों से गरीब और मासूम लड़कियों को झूठे सब्ज बाग दिखाकर देश के अलग-अलग राज्यों में भेजना और वहां से उन्हें विदेशों में नारकीय जिंदगी के लिए मजबूर करना, यह सब आए दिन की बात हो गई है. एनजेपी स्टेशन पर कैपिटल एक्सप्रेस में बरामद 34 लड़कियों के बाद एक ही हफ्ते में 56 युवतियों की बरामदगी के बाद यह एक ही पखवाड़े में तीसरा प्रकरण है, जब नेपाल मूल की कई लड़कियों को तस्कर बहला फुसलाकर हांगकांग भेजने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन उससे पहले ही SSB ने उन्हें बचा लिया.
शाम का समय था. पानीटंकी से एक टैक्सी सिलीगुड़ी की तरफ रवाना हुई. टैक्सी में एक से अधिक नेपाल की रहने वाली लड़कियां बैठी थीं. उनके चेहरे पर हवाइयां तैर रही थी. टैक्सी में एक युवक भी था. जब टैक्सी पानी टंकी से आगे बढ़ी तो ड्यूटी पर तैनात सशस्त्र सुरक्षा बल के एक जवान ने टैक्सी में बैठी लड़कियों के बीच युवक को देखा, तो उसे कुछ संदेह हुआ. जवान ने इसकी सूचना हेड क्वार्टर को दी. इसके तुरंत बाद SSB की 41वीं बटालियन, पानी टंकी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर टैक्सी रूकवाई और टैक्सी में बैठे युवक और लड़कियों से बातचीत की. संदेह होने पर अधिकारियों ने टैक्सी चालक से टैक्सी रुकवा दी और खोड़ीबाड़ी पुलिस को इसकी सूचना दी.
जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक SSB की टीम ने यह पता लगा लिया था कि टैक्सी में बैठी युवतियों को बहला फुसलाकर सिलीगुड़ी ले जाया जा रहा था, जहां उनके लिए पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड तथा अन्य कागजात तैयार किए जाने थे.इन लड़कियों को हांगकांग भेजने की तैयारी चल रही थी और उसी के लिए कागजात बनाने के लिए ही इन्हें सिलीगुड़ी लाया जा रहा था. टैक्सी में दीपेश गुरुंग के अलावा जापान गुरुंग भी बैठा था. दीपेश गुरुंग गाड़ी चला रहा था. जबकि जापान गुरुंग लड़कियों को कुछ समझा रहा था.
पुलिस की पूछताछ में दोनों युवकों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. यह सभी रतन बर्मन के पास फर्जी कागजात बनवाने के लिए जा रहे थे. लेकिन उससे पहले ही यह SSB के हत्थे चढ़ गए. इस तरह पुलिस की हिरासत में आ गए. पुलिस ने दोनों युवकों समेत सभी लड़कियों को अपनी हिरासत में ले लिया तथा युवकों के खिलाफ मानव तस्करी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया. इस मामले में अभी तीसरा आरोपी रतन बर्मन तत्काल गिरफ्तार नहीं किया जा सका था.
सिलीगुड़ी, पानी टंकी का रतन बर्मन और निपानिया, तोड़ीबाड़ी का दीपेश गुरुंग बड़े ही उस्ताद व्यक्ति थे. दोनों ही अपने-अपने फन में माहिर थे. रतन बर्मन जाली कागजात तैयार करके मोटी कमाई करता था. जबकि दीपेश गुरुंग पानी टंकी बॉर्डर से नेपाल की लड़कियों को लाकर सिलीगुड़ी पहुंचाता था. वह पेशे से टैक्सी चालक था. दोनों अच्छी कमाई कर रहे थे. इन दोनों का संपर्क जापान गुरुंग से था.
जापान गुरुंग इस खेल का उस्ताद खिलाड़ी था. वह नेपाल का रहने वाला था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जापान गुरुंग ही वह शख्स है जो नेपाल की गरीब, मासूम और भोली-भाली युवतियों को शीशे में उतारता था. उन्हें अच्छी नौकरी का प्रलोभन देकर जाल में फसाता था. वह नेपाल की लड़कियों को हांगकांग अथवा विदेश में कहीं अच्छी जगह नौकरी का ऑफर देता था.इसके बदले में वह उनके परिवारों से मोटी रिश्वत लेता था, जो लाखों में होता था.
जापान गुरुंग का सिलीगुड़ी में रहने वाले दीपेश गुरुंग और रतन बर्मन से पेशेवर संबंध था. यानी जापान गुरुंग सौदा पक्का करके और सारी तैयारी करके लड़कियों को बॉर्डर पार करा देता था. पानी टंकी बॉर्डर पर दीपेश गुरुंग की टैक्सी लगी होती थी. वह लड़कियों को टैक्सी में बैठाता था. वहां से लड़कियों को लेकर सिलीगुड़ी स्थित रतन बर्मन के पास पहुंचा जाता था. वहां लड़कियों के फर्जी कागजात तैयार होते थे. इसके आधार पर लड़कियों को विदेश भेजा जाता था.
मिली जानकारी के अनुसार दीपेश गुरुंग और जापान गुरुंग पिछले दो-तीन सालों से मानव तस्करी नेटवर्क के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने नेपाल की अनेक लड़कियों को दिल्ली, मुंबई आदि शहरों में नौकरी का प्रलोभन देकर भेजा था. वर्तमान में वे लड़कियां किस हाल में हैं, यह तो पता नहीं. परंतु उनका शिकार होने से एसएसबी ने नेपाल की 6 लड़कियों समेत एक नाबालिग को बचाकर उनकी जिंदगी सुरक्षित कर दी है. आज सिलीगुड़ी कोर्ट में खोड़ीबाड़ी पुलिस ने उनकी पेशी की. अदालत ने इन लड़कियों को उनके माता-पिता के पास भेजने का आदेश दिया है. जबकि मानव तस्करी नेटवर्क से जुड़े उपरोक्त व्यक्तियों से विस्तृत पूछताछ के लिए पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है.
इस कहानी के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि लड़कियों को अपनी प्रतिभा, कौशल, समझदारी, सचेतनता, विवेक तथा आत्मविश्वास पर भरोसा रखना चाहिए तथा आत्मनिर्भर बनने के लिए किसी शार्टकट रास्ते पर नहीं चलना चाहिए. अगर आपके अंदर काबिलियत होगी तो एक दिन आप जरूर अपने मकसद में कामयाब होगी. इस दुनिया में कोई किसी के लिए यूं ही नहीं करता, यह बात लड़कियों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए. सही स्रोत और सही प्लेटफॉर्म ही आपको अपनी मंजिल पर ले जा सकता है.