क्या ऐसा नहीं हो सकता कि आप अपनी कार से शॉपिंग करने के लिए निकले और पार्किंग से ही आपकी गाड़ी उड़ा ली जाए? आप चाह कर भी कुछ नहीं कर पाएंगे.क्योंकि आपकी गाड़ी का जो नंबर प्लेट है, वह नकली होगा. इस गाड़ी को लेकर चोर नौ दो ग्यारह हो जाएंगे. पुलिस भी कुछ नहीं करेगी और ना ही चोरों को कहीं किसी अवरोध का सामना करना पड़ेगा. सीसीटीवी आदि से भी कोई खतरा नहीं. क्योंकि नंबर प्लेट तो नकली है!
सिलीगुड़ी में सब कुछ ठीक नहीं है. चुनाव की बयार बह रही है. ऐसे में सरकार और प्रशासन का ध्यान जनता और जनता के वोट पर केंद्रित रहता है. नेता आते हैं. भाषण देते हैं और चले जाते हैं. पुलिस प्रशासन नेताओं की सुरक्षा में लगा होता है. चुनाव के दौरान अथवा चुनाव के 2 महीने आम जनता से पुलिस का सरोकार कम ही रहता है. क्योंकि चुनाव में उनकी व्यस्तता बढ़ जाती है. असामाजिक तत्वों के लिए यह सुनहरा मौका समझा जाता है. इस दौरान वे तेजी से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने लग जाते हैं.
मार्च का महीना चल रहा है. चुनाव मई में खत्म होगा. सिलीगुड़ी के असामाजिक तत्व, तस्कर, वाहन चोर, नशीले पदार्थ की तस्करी करने वाले आदि लोग इस मौके का पूरा लाभ उठा सकते हैं. सिलीगुड़ी के लोगों को दो महीने जरूर संभल कर रहना चाहिए. उन्हें अपने और अपने सामान की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं रखनी चाहिए. पिछले काफी दिनों से सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में वाहन चोरों का रैकेट सक्रिय है. सिलीगुड़ी, माटीगाड़ा, बागडोगरा, नक्सलबाड़ी, जलपाईगुड़ी आदि विभिन्न क्षेत्रों से आए दिन वाहनों की चोरी की घटनाएं बढ़ गई है. पुलिस वाहन चोरों तक पहुंच नहीं पाती है या फिर चोरी गई गाड़ियों को बरामद करने में भी पुलिस असफल रहती है.
आज इसका कारण भी पता चल गया है. सिलीगुड़ी में एक ऐसा रैकेट सक्रिय है, जो वाहन चुराने के बाद उसका ओरिजिनल व्हीकल रजिस्ट्रेशन प्लेट निकाल लेता है और उसकी जगह डुप्लीकेट अथवा नकली रजिस्ट्रेशन प्लेट लगा देता है. अगर कार में अथवा किसी भी वाहन में नकली रजिस्ट्रेशन प्लेट लगा हो तो पुलिस उसे ट्रेस नहीं कर पाती है. क्योंकि ऐसी गाड़ियों का कुछ पता नहीं चलता. नकली रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाकर किसी भी चुराई गई गाड़ी को कहीं भी ठिकाने लगाया जा सकता है ले जाया जा सकता है और पुलिस की आंखों में धूल झोंका जा सकता है.
इस शातिराना खेल में वाहन चोर रैकेट के कई लोग सक्रिय हैं. भक्ति नगर पुलिस ने आईटीआई मोड़ के पास स्थित एक कंसलटेंसी ऑफिस से 52 जोड़ी ओरिजिनल व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट बरामद करने में सफलता पाई है. इसका मतलब यह है कि अब तक 52 वाहनों की चोरी हो चुकी है और उन्हें इसलिए अब तक ढूंढा नहीं जा सका है कि उनके ओरिजिनल नंबर प्लेट गायब थे. काफी दिनों से भक्ति नगर पुलिस वाहन चोरी के मामलों को सुलझाने में लगी हुई थी. गुप्तचर सूत्रों से मिली जानकारी के बाद भक्ति नगर पुलिस ने आईटीआई मोड़ स्थित एक कंसलटेंसी ऑफिस में छापा मार कर वहां से सुरेश सिंह नमक एक 40 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया. उसके कब्जे से पुलिस ने 52 जोड़ी व्हीकल रजिस्ट्रेशन प्लेट बरामद किया है.
पुलिस सुरेश सिंह को रिमांड में लेकर यह पता लगाने में जुट गई है कि उसके साथ इस धंधे में और कौन-कौन लोग सक्रिय थे. इसके अलावा पुलिस यह भी पता लगा रही है कि वाहन चोरी करने के बाद रैकेट के लोग उसे कैसे ठिकाने लगाते थे. अब तक कितने वाहनों की चोरी की गई और उनके बारे में सुराग क्या है. इत्यादि विभिन्न तथ्यों के बारे में पुलिस सुरेश सिंह से पूछताछ कर रही है. सिलीगुड़ी में यह पहला मामला है जो यह इशारा करता है कि यहां वाहन चोरी का धंधा सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से संपन्न किया जाता है. 52 जोड़ी ओरिजिनल व्हीकल रजिस्ट्रेशन प्लेट की बरामदगी से ही पता चलता है कि 52 गाड़ियां चुराई गई और उन्हें अलग-अलग जगह पर ठिकाना लगाया गया.
आरोपी सुरेश सिंह के बारे में पुलिस को अब तक इतनी जानकारी मिली है कि वह एक कंसल्टेंसी ऑफिस चलाता है. उसके दफ्तर में और कौन-कौन लोग काम करते हैं, या कंसल्टेंसी की आड़ में और क्या-क्या धंधा होता है, यह पुलिस पता लगा रही है. फिलहाल आपके लिए यही सलाह है कि अगर आपके पास निजी वाहन हो तो उसका ध्यान जरूर रखें अन्यथा वाहन चोरों को आपका वाहन उड़ाते देर नहीं लगेगी. 2 महीने पुलिस व्यस्त रहेगी. इसलिए अपने और अपने वाहन की सुरक्षा में कोई कोताही या ढील ना दे.
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