पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव कब होगा, अब तक सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं. आरंभ में जनवरी अथवा फरवरी में पंचायत चुनाव कराने की हवा उठी थी.बाद में पंचायत चुनाव मार्च में कराए जाने की भी चर्चा शुरू हुई थी. लेकिन अब एक बार फिर से तकरीबन तय हो चुका है कि पंचायत चुनाव समय पर ही होंगे. चुनाव आयोग मार्च में अधिसूचना जारी कर सकता है और अप्रैल में किसी भी समय चुनाव संपन्न हो सकते हैं.
अप्रैल महीने में पंचायत चुनाव होने के पूरे आसार हैं. यह इससे भी पता चल जाता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर एक बार फिर से मार्च महीने में द्वारे सरकार का कैंप लगाया जाएगा. इसलिए मार्च महीने में चुनाव नहीं होंगे. दूसरा वर्तमान में राज्य में बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं. ऐसे में मार्च महीने में पंचायत चुनाव तो होंगे नहीं और मई से पहले पंचायत चुनाव कराने जरूरी है. इसलिए पूरी संभावना है कि अप्रैल के अंतिम हफ्ते तक पंचायत चुनाव करा लिए जाएं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य चुनाव आयोग मार्च के तीसरे सप्ताह में चुनाव की तारीख का ऐलान कर सकता है. चुनाव आयोग की पंचायत चुनाव से संबंधित प्रक्रिया दिसंबर में ही शुरू हो गई थी. जनवरी में मतदाता सूची का मसौदा जारी हुआ था.इसके अनुसार प्रदेश में ग्रामीण निकाय चुनाव में 5 करोड 66 लाख 86 हजार 119 मतदाता वोट डालेंगे. 2019 में यह आंकड़ा 5 करोड,8लाख,35 हजार 2 था. जाहिर है कि इस बार मतदाताओं की संख्या अधिक है. राज्य में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत की कुल 63229 सीटों के लिए मतदान होंगे.
मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग अंतिम मतदाता सूची 10 मार्च को जारी कर सकता है और इसके तुरंत बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण निकाय चुनाव में इस बार चुनाव आयोग विशेष क्यू आर कोड वाले मत पेटियों का उपयोग करेगा. प्रत्येक मतदान केंद्र में चार मत पेटियां होंगी. पंचायत समिति स्तर के लिए एक बड़े आकार की पेटी, ग्राम पंचायत स्तर के लिए एक मध्यम आकार की पेटी और जिला परिषद स्तर के लिए दो छोटे आकार की पेटियां होंगी. प्रत्येक मतपेटी में एक क्यूआर कोड होगा जो चुनाव आयोग के पोर्टल पर भी उपलब्ध होगा.
इस बीच पंचायत चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस, भाजपा,वाममोर्चा, कांग्रेस समेत सभी पार्टियां चुनावी रणनीति तैयार कर रही हैं. तृणमूल कांग्रेस के लिए यह पंचायत चुनाव काफी महत्वपूर्ण है तो उधर भाजपा भी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए मैदान में उतर रही है. जबकि वाम मोर्चा और कांग्रेस जैसी पार्टियां पुरजोर तैयारी के साथ मैदान में उतरने का संकेत दे चुकी हैं. राज्य में पंचायत चुनाव और परिणाम 2024 के लोकसभा की झलक प्रस्तुत कर सकता है.