केंद्र से बंगाल की लड़ाई अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा बंगाल का बकाया चुकाने की मांग में कोलकाता में धरना प्रदर्शन दिया था और केंद्र सरकार को खरी-खोटी सुनाई थी. अब यह लड़ाई दिल्ली तक पहुंच गई है. ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल सरकार अपना हक प्राप्त करने के लिए सीधे केंद्र से टकराव कर सकती है.
इस बीच राज्य में पंचायत चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने राज्य के पंचायती विभाग के लिए ₹979 करोड़ का आवंटन कर दिया है. इन रुपए से ममता बनर्जी की सरकार पंचायतों में लंबित केंद्रीय परियोजनाओं को पूरा कर सकती है. साथ ही घर घर नल तथा ग्रामीण सड़क निर्माण समेत कई पंचायती राज सेवाओं का विस्तार कर सकती है. यह पश्चिम बंगाल सरकार के लिए राहत की बात हो सकती है.
. केंद्र पर बंगाल की बकाया राशि कितनी है? यह जान लेना जरूरी है. राज्य सरकार के अनुसार अप्रैल 2023 तक मनरेगा, पीएमजीएसवाई, पी एम ए वाई तथा एन एस ए पी जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग ₹12300 करोड बकाया है.इन रुपयों की अदायगी के लिए ममता बनर्जी के बाद अभिषेक बनर्जी आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं. अभिषेक बनर्जी दिल्ली में हैं और उन्होंने इस संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री से बातचीत भी करनी चाही थी लेकिन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री दफ्तर में मौजूद नहीं थे. उनकी अनुपस्थिति में अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने मंत्रालय के अधिकारियों को ज्ञापन सौंप दिया.
अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. अगर केंद्र सरकार ने कोई सकारात्मक जवाब अथवा कदम नहीं उठाया तो अभिषेक बनर्जी ने 1700000 वंचित लोगों के साथ दिल्ली में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है. सवाल यह है कि आखिर केंद्र सरकार बंगाल को बकाया भुगतान क्यों नहीं कर रही है यह भी जान लेना चाहिए.
दरअसल केंद्र सरकार ने राज्य में केंद्र की योजनाओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. पूर्व में इस तरह की कई शिकायतें और आरोप भी सामने आए थे, जिसकी जांच वर्तमान में चल रही है. यही कारण है कि केंद्र ने बंगाल का पैसा रोक रखा है. अभिषेक बनर्जी का मानना है कि हो सकता है कि कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार किया हो तो केंद्र सरकार उन्हें गिरफ्तार करे और जेल में डाल दे. सीबीआई जांच कराए. परंतु जो लोग बेकसूर हैं, उनके साथ केंद्र सरकार अन्याय क्यों कर रही है.
बहर हाल बदली स्थितियों में केंद्र सरकार क्या कदम उठाती है, क्या पश्चिम बंगाल को मनरेगा का पैसा जारी किया जाता है, यह देखना होगा. लेकिन ऐसा लगता है कि जब तक केंद्र सरकार को जांच एजेंसियों का सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता, तब तक केंद्र सरकार शायद ही बंगाल का बकाया पैसा जारी कर सके.