किचन की वस्तुओं में आग लगी हुई है. महंगाई ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. साग सब्जी से लेकर अनाज और दालों की महंगाई इतनी अधिक है कि लोगों की क्रय शक्ति जवाब दे रही है. सिलीगुड़ी के किसी भी बाजार में चले जाइए. साग सब्जियों की कीमत आंखों में आंसू ला देगी. टमाटर का भाव तो पहले से ही शतक पार कर चुका है. अब प्याज ने भी रुलाना शुरू कर दिया है.
अदरक, लहसुन का भाव लगातार चढ रहा है. फुटकर बाजार में अदरक ₹30 का 100 ग्राम, जबकि लहसुन का भाव भी लगभग इतना ही है. पिछले एक हफ्ते में प्याज की कीमत ₹30 से बढ़कर ₹40 हो चुकी है. हरी साग सब्जियां ₹80 किलो से कम नहीं है. जबकि शिमला मिर्च तो ₹150 से लेकर ₹200 किलो बिक रहा है. इसी तरह से हरी मिर्च का भाव भी चढा हुआ है. यहां तक कि बाजार में ओल का भाव कभी भी ₹40 किलो से ज्यादा नहीं हुआ. आज बाजार में ओल ₹20 पाव बिक रहा है. चावल और गेहूं की कीमतों में भी वृद्धि हुई है. इसके अलावा दाल की कीमत में भी भारी उछाल देखा जा रहा है. यह महंगाई केवल सिलीगुड़ी में ही नहीं बल्कि एक देशव्यापी समस्या बन गई है.
अब तो सरकार ने भी देश में बढ़ती महंगाई को स्वीकार कर लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से भाषण देते हुए महंगाई को स्वीकार किया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने भी अपने आंकड़ो में खुदरा महंगाई में वृद्धि को दर्शाया है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई सब्जियों और अनाजों की कीमतों में आई तेजी के कारण इस साल जुलाई में भारतीय रिजर्व बैंक के लक्षित दायरे को पार करते हुए 15 महीने के सबसे ऊंचे स्तर 7.44% पर पहुंच गई है. पिछले 1 वर्ष के मुकाबले महंगाई में काफी वृद्धि देखी जा रही है. 1 साल पहले जुलाई 2022 में खुदरा महंगाई की दर 6.71% रही थी.
भारतीय रिजर्व बैंक भारत में महंगाई को कम करने का जैसे-जैसे प्रयास कर रहा है, महंगाई उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है. भारत में महंगाई बढ़ने का एक बड़ा कारण टमाटर की कीमतों में वृद्धि तो है ही, इसके साथ ही अनियमित वर्षा भी कुछ कम नहीं है.अनियमित वर्षा से खेत में लगी साग सब्जियों की फसल नष्ट हो गई है. जुलाई में ग्रामीण महंगाई दर बढ़कर 7.63% पर पहुंच गई जबकि जून में यह 4.78% रही थी. यानी एक महीने में लगभग 100% की महंगाई किसी को भी परेशान कर देने वाली है.
केवल 1 महीने में कई वस्तुओं के दाम दुगुने तक हो गए हैं. प्रमुख खाद्य वस्तुओं की महंगाई जुलाई 2023 में 2.2% रही है. जबकि जून 2023 में यह 2% रही थी. उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई 11.51% पर रही. इस दौरान ब्रेवरेज और खाद्य समूह की महंगाई बढ़कर 10.57% पर पहुंच गई. सब्जियों की खुदरा महंगाई बढ़ कर 37.35% पर पहुंच गई है.जबकि इससे पिछले महीने में यह शून्य से 0.93% कम रही थी.
सिलीगुड़ी के बाजारों में जाकर पता चला कि कई खाद्य वस्तुएं और सब्जियों की कीमत आम आदमी की क्रय शक्ति से बाहर है. जानकार मानते हैं कि यह महंगाई फिलहाल कम होने वाली नहीं है. कारोबार से जुड़े कुछ लोगों का मानना है कि आने वाले समय में महंगाई में कुछ और इजाफा होगा. जब तक टमाटर और प्याज की कीमतें स्थिर नहीं हो जाती तब तक महंगाई लोगों को रुलाती रहेगी.