लोकसभा चुनाव में अभी कई महीने बाकी है, परंतु विभिन्न दलों की ओर से अभी से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. विपक्षी दलों की ओर से इंडिया नामक गठबंधन बनाया गया है. इस गठबंधन में तृणमूल कांग्रेस सक्रियता से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है. जब से इंडिया गठबंधन आया है, तभी से ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और इंडिया गठबंधन के बीच शब्द वार शुरू हो चुके हैं.
हालांकि इंडिया गठबंधन अभी प्रारंभिक चरण में है. लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के दलों की क्या भूमिका होगी, अभी इस पर ना तो कोई रणनीति बनी है और ना ही कोई संहिता तैयार की गई है. परंतु कयास लगाया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में जो पार्टी सबसे अधिक सीटें लाएगी, उसी दल का मुखिया ही प्रधानमंत्री पद के लिए चुना जा सकता है. कम से कम पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता यह कयास जरूर लगा रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं. तृणमूल कांग्रेस बंगाल में लोकसभा की सभी 42 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए मैदान में उतर रही है. इसके लिए अभी से ही तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के द्वारा एक रणनीति बनाई जा रही है ताकि बंगाल की जनता के जज्बे को भुनाया जा सके. राज्य में पिछले दिनों शहरी राज्य विकास मंत्री फिरहद हकीम और तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने एक कार्यक्रम में बयान दिया कि बंगाल की जनता की आवाज है कि अगला प्रधानमंत्री ममता बनर्जी बने. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के द्वारा कई स्लोगन भी जारी कर दिए गए हैं. इनमें एक ही बात है कि प्रधानमंत्री के पद पर ममता बनर्जी बिराजे.
तृणमूल कांग्रेस के द्वारा ममता बनर्जी को अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रचार किया जा रहा है. हालांकि इंडिया गठबंधन की ओर से अभी इस बारे में कोई चर्चा भी नहीं की गई है. परंतु बंगाल में ममता बनर्जी को लेकर लोगों में एक प्रभाव बनाने की जरूर कोशिश की जा रही है. इसका एक ही मतलब है कि अगले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को लोकसभा की अधिकतर सीटों पर विजय मिल सके. जानकार इसे एक भावनात्मक गेम मान रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस की सोची समझी रणनीति को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने और इंडिया गठबंधन के नेताओं पर प्रभाव जमाने की कोशिश को उस समय बल मिला, जब आसनसोल के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपने एक बयान में कहा कि जब देश की राष्ट्रपति एक महिला है तो प्रधानमंत्री पद के लिए भी एक महिला उम्मीदवार चाहिए और यह उम्मीदवार ममता बनर्जी से और ज्यादा समर्थ, मेहनती और योग्य कोई नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि ममता बनर्जी अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार के रूप में सामने आए.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी इस पर मौन है. इंडिया गठबंधन की अगली बैठक अगले महीने होने वाली है. इस बैठक में यह पता चलेगा कि लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं की क्या रणनीति बनती है. इतना तो तय है कि इंडिया गठबंधन की ओर से अभी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में किसी भी नेता को आगे नहीं किया जाएगा. क्योंकि उससे पहले गठबंधन के नेताओं के बीच आपसी एकता स्थापित करना जरूरी है. जो अभी नहीं दिख रहा है. तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, वामपंथी संगठन, आम आदमी पार्टी सभी अलग-अलग सुर में जा रहे हैं. सर्वप्रथम इनके बीच एकता स्थापित करना इंडिया गठबंधन की कोशिश होगी.