अपनी सभा, रैलियों के जरिए बुलंद आवाज, आक्रामक तेवर और विपक्षी पार्टियों खासकर भाजपा पर सीधा हमला करने वाले तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बैनर्जी ने आज दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए गांधीगिरी से भाजपा और दिल्ली पुलिस को जवाब दिया.
दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस का पूर्व नियोजित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम था. पार्टी 100 दिन रोजगार के अंतर्गत राज्य को बकाया फंड की मांग केंद्र से काफी समय से कर रही है. लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य का पैसा अभी अधर में रखा है. इसी के विरोध में राजघाट पर तृणमूल कांग्रेस का शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था. दिल्ली पुलिस ने राजघाट पर प्रदर्शन करने की इजाजत तृणमूल कांग्रेस को नहीं दी थी.पुलिस की इजाजत नहीं मिलने के बावजूद अभिषेक बैनर्जी अपने साथियों के साथ महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठ गए थे.
आज गांधी जयंती थी. इसलिए राजघाट पर भारी पुलिस फोर्स की व्यवस्था की गई थी. गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति और बड़े-बड़े नेता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने आते हैं. इसलिए सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी की गई थी. अभिषेक बनर्जी के साथ धरने में सांसद प्रसून बनर्जी, महुआ मोइत्रा, काकोली घोष दस्तीदार, सायोनी घोष तथा अन्य लोग मौजूद थे. पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इसमें भाग लेना था. परंतु चिकित्सकीय कारणों से मुख्यमंत्री धरना कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकी.
सभी प्रदर्शनकारियों ने हाथ में प्ले कार्ड ले रखा था. उन सभी ने सफेद कपड़े तथा काले रिबन पहने हुए थे. वे बकाया रुपए के आंकड़ो का उल्लेख करते हुए कई पोस्टर भी बनाए हुए थे. धरना के दौरान किसी भी तृणमूल नेता ने कोई नारा नहीं दिया. गांधी जयंती के दिन तृणमूल कांग्रेस के इस महत्वपूर्ण धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए राज्य के विभिन्न भागों से भारी संख्या में नेता और कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे थे. उन्हें पार्टी की ओर से कई बसों में भरकर ले जाया गया था. सिलीगुड़ी से भी काफी संख्या में तृणमूल कांग्रेस समर्थक और नेता दिल्ली पहुंचे हैं.
पहले कार्यकर्ताओं और नेताओं को दिल्ली ले जाने के लिए पार्टी की तरफ से ट्रेन बुक की गई थी. लेकिन रेलवे ने ऐन मौके पर ट्रेन कैंसिल कर दी. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने बस से दिल्ली जाने का फैसला किया था.
पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने केंद्र पर बंगाल में 100 दिनों के काम, आवास और सड़क योजनाओं के लिए धन रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस को धमकाने से काम नहीं चलेगा. सरकार को बंगाल के गरीबों की मेहनत तथा हक के रुपए देने ही होंगे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक हितों के लिए बंगाल के लोगों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है.
संवाददाता सम्मेलन के दौरान अभिषेक बनर्जी ने कहा कि कभी दिल्ली पुलिस, तो कभी सीएसएफ तो कभी सीआरपीएफ के द्वारा हमें डिस्टर्ब किया जाता रहा. लेकिन हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. एक भी राजनीतिक नारेबाजी नहीं की. अभिषेक बनर्जी के प्रेस सम्मेलन के दौरान यह भी आरोप लगाया गया कि दिल्ली पुलिस ने बार-बार सिटी बजाकर संवाददाता सम्मेलन को बाधा पहुंचाने की कोशिश की.अभिषेक बनर्जी ने कहा कि आज हम दिल्ली से गांधी जयंती के दिन भाजपा को चुनौती देते हैं कि आगामी दिनों में जोरदार लड़ाई के लिए तैयार रहिएगा.
उन्होंने कहा कि मैदान आपका है. रेफरी भी आपका है. लेकिन हम चुनौती दे रहे हैं. आने वाले दिनों में पता चलेगा कि आपकी क्षमता कितनी है और आम जनता की क्षमता कितनी है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही दिल्ली पुलिस ने उनका संवाददाता सम्मेलन बीच में ही रोक दिया और वहां से उन्हें हटा दिया गया. अभिषेक बनर्जी ने गांधीगिरी दिखाई और महात्मा गांधी के अहिंसक मार्ग पर चलते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में ही रोक दिया.
अभिषेक बनर्जी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है बापू को उनके जन्मदिन पर याद कर रहा हूं. सत्य और अहिंसा के उनके आदर्श ने न केवल हमारे अतीत को आकार दिया है बल्कि भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे हैं. अभिषेक बनर्जी ने गांधी जी के आदर्शों को व्यवहार में लाने का आह्वान किया है.