त्यौहारों के इस मौसम में त्यौहारों के साथ-साथ राजनीतिक कयासबाजी भी खूब चल रही है. दार्जिलिंग संसदीय सीट भाजपा की परंपरागत सीट रही है. राजू बिष्ट दार्जिलिंग के मौजूदा सांसद है. विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर क्षेत्र और उम्मीदवारों पर मंथन शुरू कर दिया गया है. इस बीच मीडिया में यह खबर चल रही है कि भाजपा दार्जिलिंग संसदीय सीट पर अपना उम्मीदवार बदल सकती है अर्थात हो सकता है कि राजू बिष्ट को भाजपा दार्जिलिंग से दोबारा सीट न दे सके. हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह बता पाना मुश्किल है.
राजू बिष्ट इस समय राजनीतिक गहमागहमी से दूर हैं. पिछले काफी समय से राजू बिष्ट को राजनीति के सक्रिय मंच पर नहीं देखा गया है. राजू बिष्ट ने अपने संसदीय क्षेत्र में कितना काम किया है,उससे ज्यादा इस बात को लेकर उनकी चर्चा हो रही है कि भाजपा अगले लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग से उन्हें दोबारा अपना उम्मीदवार नहीं बना सकती है.इसका कारण क्या है.अभी तक यह रहस्य ही बना हुआ है. लेकिन कुछ समय से राजू बिष्ट का राजनीतिक नेपथ्य में चले जाने और हर्षवर्धन श्रींगला की दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से भाजपा के भावी उम्मीदवार के रूप में चर्चा होने से समतल और पहाड़ की राजनीति में एक नई हलचल शुरू हो गई है.
दार्जिलिंग में जी 20 की बैठक चल रही है. इस व्यापारिक कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने भी शिरकत ली है, तो दूसरी ओर हर्षवर्धन श्रींगला ने भी कार्यक्रम के आयोजन में भारी योगदान दिया है. अगर यह कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा कि हर्षवर्धन सिंगला के कारण ही दार्जिलिंग में कॉर्पोरेट प्रमुखों की बैठक हो रही है. इस कार्यक्रम में अमेरिकी उद्योगपतियों के साथ राज्यपाल की दार्जिलिंग और बंगाल में उद्योग लगाने पर स्वस्थ और सकारात्मक परिचर्चा हुई है. दार्जिलिंग के राज भवन में यह बैठक हुई है.
हर्षवर्धन श्रींगला ने दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से भाजपा के भावी उम्मीदवार के रूप में खुद को देखने और मीडिया में चर्चा करने को लेकर स्पष्टीकरण दिया है.उन्होंने कहा कि मीडिया में केवल यह चर्चा हो रही है, जिसको मैं गंभीरता से नहीं लेता. मैंने 40 वर्षों तक जनता की सेवा की है. मैं दार्जिलिंग से संबंध रखता हूं. मेरी हमेशा से कोशिश रही है कि अपने क्षेत्र के लिए जितना संभव हो सकता है, कार्य करूं और मैंने ऐसा किया भी है. दार्जिलिंग में g20 सम्मेलन के साथ ही यहां व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मैंने कार्य किया है.
बहरहाल दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से भाजपा किसको टिकट देती है, या एक बार फिर से राजू बिष्ट ही टिकट के दावेदार होंगे,यह बता पाना जल्दबाजी होगी. लेकिन उससे पहले जिस तरह से मीडिया में दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र के भावी भाजपा उम्मीदवार के रूप में हर्षवर्धन श्रींगला का नाम उछाला जा रहा है, यह महज एक इत्तेफाक नहीं हो सकता. बल्कि हर्षवर्धन सिंगला के ज्ञान, तजुर्बा,सेवाभाव और विकास का भी योगदान हो सकता है.
हर्षवर्धन सिंगला का जन्म 1962 में हुआ था. वह इंडिया के जी 20 प्रेसीडेंसी 2023 के मुख्य को ऑर्डिनेटर है. उन्होंने इससे पहले भारत सरकार में विदेश सचिव और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत के रूप में अपनी सेवा का परिचय दिया है. हर्षवर्धन सिंगला ने बांग्लादेश तथा थाईलैंड के उच्च आयुक्त के रूप में भी अपनी सेवा दी है. उन्होंने अजमेर के मेयो कॉलेज से स्कूली शिक्षा प्राप्त की है.इसके बाद दिल्ली से उन्होंने बीए की डिग्री हासिल की. हर्षवर्धन श्रींगला ने 1984 में आईएफएस ज्वाइन किया तथा इस क्षेत्र में उन्होंने 38 वर्षों तक देश की सेवा की है. हर्षवर्धन सिंगला ने अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, लोकतंत्र संरक्षण तथा भारत अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों समेत संयुक्त राष्ट्र आदि विभिन्न मुद्दों पर अनेक टॉपिक लिखे है.
हर्षवर्धन श्रींगला का जन्म मुंबई में हुआ है. उनके पिता बुद्धिस्ट है. जो सिक्किम में रहते हैं. जबकि उनकी मां एक हिंदू महिला है. हर्षवर्धन शिंगला के पिता भी भारतीय सिविल सर्विस में काम कर चुके हैं .हर्षवर्धन सिंगला फ्रेंच, वियतनामी, नेपाली, इंग्लिश और अनेक भारतीय भाषाओं को बोल सकते हैं. उनकी शादी हेमल श्रींगला से हुई है, जिससे एक पुत्र भी है. उन्हें जेटीएम गिब्सन अवार्ड मिला है. इसके अलावा आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी सिक्किम ने उन्हें डिलीट की उपाधि दी है. यह उपाधि उन्हें 9 सितंबर 2019 को मिली थी.