बिहार और पूर्वांचल के लोग सिलीगुड़ी, दिल्ली, कोलकाता अथवा देश के लगभग सभी शहरों में रोजी रोटी कमाते हैं. उनमें से अधिकांश लोग होली, दिवाली, छठ पूजा प्राय: अपने घर पर ही परिवार के साथ मनाते हैं. जब-जब दीपावली, छठ पूजा और होली का त्यौहार आता है,ऐसे परदेसी लोग अपने घर की ओर प्रस्थान करने लगते हैं.
सिलीगुड़ी में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं, जो बिहार और पूर्वांचल से परिवार छोड़कर रोजी-रोटी कमाने सिलीगुड़ी आए हैं. ज्यादातर श्रमिक है जो दुकानों और बाजार में काम करते हैं. ऐसे लोग त्यौहार में अपने गांव जाना नहीं भूलते. और जब दीपावली तथा छठ की बात हो तो भला कैसे पीछे रहते. सिलीगुड़ी से बिहार और दूसरे प्रदेशों में जाने के लिए ट्रेन की विशेष सुविधा नहीं है. कुछ रेलगाड़ियां हैं भी तो उनमें सीट उपलब्ध नहीं है. लेकिन सिलीगुड़ी से रोजाना 30 से 35 बसें बिहार जाती है. दीपावली के दो दिन पहले से ही इन बसों में सीट नहीं मिलती.
क्या इस बार भी यही स्थिति है?
बिहार जाने वाली बसें अक्सर सिलीगुड़ी जंक्शन के आसपास से खुलती है. यहां बिहार और दूसरे प्रदेश के शहरों मे जाने के लिए बसों के अनेक निजी काउंटर हैं, जहां से पता चला कि दीपावली और छठ पर्व पर बिहार जाने वाले लोग अभी से ही टिकट बुक कराने लगे हैं. पटना जाने वाली बस के एक काउंटर क्लर्क ने बताया कि दीपावली और छठ पूजा के लिए लगभग 70% सीट बुक हो चुकी है. सिलीगुड़ी से छपरा, पटना, मसरख, गोपालगंज आदि के लिए स्लीपर बस में बस किराया लगभग ₹800 है. सूत्रों ने बताया कि जैसे-जैसे वक्त करीब आता जाएगा,इन स्थानों के लिए टिकट रेट ₹800 से बढ़कर ₹1000 हो जाएगा. 100 से 150 रुपए प्रति टिकट दलाल कमाते हैं.
वर्तमान में सिलीगुड़ी से पटना, छपरा, गोपालगंज, मसरख, सिवान, गोरखपुर,बनारस ,झारखंड, गया आदि जाने के लिए बसों में सीट से ज्यादा यात्री नहीं होते. परंतु आज भी इन बसों में यात्रा करने के लिए 2 दिन पहले से ही सीट बुक करानी पड़ती है. सिलीगुड़ी जंक्शन के एक ट्रेवल एजेंट ने बताया कि छठ पूजा और दीपावली पर घर जाने के लिए अगर कोई इस समय टिकट बुक कराता है तो कुछ ही बसों में सीट उपलब्ध होगा अन्यथा अधिकांश बसें फुल हो गई हैं. एक समय था जब इन बसों में यात्रा करने के लिए यात्रियों को ढूंढ कर लाना पड़ता था. यह काम दलालों का होता था, लेकिन आज बस संचालकों को यह रोना नहीं है. इसका कारण एकमात्र त्यौहार है.
केवल सिलीगुड़ी में ही नहीं, बल्कि कोलकाता ,दिल्ली ,मुंबई सब जगह कुछ ऐसा ही हाल है. रेल गाड़ियों में सीट उपलब्ध नहीं होने के बाद लोग बसों में अपनी सीट तेजी से बुक करा रहे हैं. दिल्ली से पटना आने वाली सभी बसे फुल चल रही हैं. हालांकि सिलीगुड़ी से बिहार जाने वाली बसों में अभी यात्रियों की कमी देखी जा रही है. लेकिन अगले हफ्ते से बसों में भीड़भाड शुरू होने की उम्मीद ट्रैवल्स एजेंट जता रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि छठ पूजा को लेकर दिल्ली से पटना के लिए बस का किराया कभी-कभी ₹5000 तक चला जाता है. वर्तमान में दिल्ली से पटना का किराया ₹1500 है.
सिलीगुड़ी से पटना के लिए रोजाना 15 बसें चलती है. जहां के लिए सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है, वहां लोग बसों से यात्रा करना पसंद करते हैं. दीपावली के बाद इन बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ने लगती है. लेकिन फिलहाल सिलीगुड़ी से बिहार जाने वाली बसों में अथवा बिहार से सिलीगुड़ी आने वाली कई बसों में यात्री बहुत कम है. बस संचालकों को खाली बस लानी पड़ रही है. ऐसे में उन्हें बस चलाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन उम्मीद है कि दो-चार दिनों में उनकी स्थिति बेहतर होगी. उम्मीद की जानी चाहिए कि दूरगामी बस संचालकों की स्थिति में सुधार हो.