इन दिनों पूरा देश श्री राम में समा गया है. 22 तारीख को अयोध्या में श्री राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी. ऐसी खबर आ रही है कि साइबर अपराधी श्री राम के नाम पर राम भक्तों को लूट रहे हैं. आपके मोबाइल पर भी मैसेज आ सकता है. अगर आप अयोध्या में श्री राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा अपनी आंखों से देखना चाहते हैं तो वीआईपी कोटे से आपकी एंट्री हो सकती है. इसके लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
हालांकि विश्व हिंदू परिषद ने ऐसी साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए पहले ही राम भक्तों को चेता दिया है कि इस तरह का कोई भी मैसेज जिसमें यह कहा जाता है कि अयोध्या में समारोह देखने के लिए वीआईपी कोटे से एंट्री मिल जाएगी तो इसका मतलब यह है कि आपके साथ धोखा होने जा रहा है. मोबाइल पर आए ऐसे मैसेज को आप इग्नोर कर दें. दरअसल कुछ साइबर ठगों ने वायरस भेज कर आपका पूरा डाटा पता लगाने की तैयारी कर दी है. साइबर ठगी का यह अद्भुत तरीका है. क्लिक करते के साथ ही आपके बैंक खाते का पूरा डिटेल साइबर ठगों के हाथ लग जाएगा.
इसमें कोई दो राय नहीं कि इन दिनों सिलीगुड़ी ही नहीं बल्कि पूरे देश में साइबर अपराधों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है. ऐसा कोई भी दिन नहीं, जहां कोई ना कोई साइबर ठगों का शिकार नहीं हो रहा हो. अनेक मामले तो साइबर थानों में पहुंचते ही नहीं. सिलीगुड़ी साइबर थाने के प्रभारी सूरज छेत्री के अनुसार जितने साइबर अपराध होते हैं, उनमें से केवल 30% मामले ही दर्ज हो पाते हैं. ऐसे मामलों में पुलिस भी कुछ विशेष करने की स्थिति में नहीं होती.
जहां तक सिलीगुड़ी की बात है, सिलीगुड़ी में भी लोगों के मोबाइल पर साइबर ठगों के द्वारा आए दिन मैसेज आते रहते हैं और अनेक लोग लूटे भी जाते हैं. जो साइबर ठगी का शिकार होता है, वह मामला दर्ज तो करा देता है. लेकिन पुलिस को साइबर ठगो तक पहुंचने में पसीने छूटने लगते हैं. थाना प्रभारी सूरज छेत्री के अनुसार यहां मैनपावर की कमी है. इसके अलावा ढांचागत सुविधाओं का भी अभाव है. साइबर ठग नित्य नए-नए कौशल अपना रहे हैं. ऐसे मामलों की जांच आसान भी नहीं होती. अनेक बार पुलिस को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
सिलीगुड़ी साइबर थाने में साइबर ठगी के अनेक मामले लंबित हैं. ऐसे में साइबर ठगी से बचने के लिए यही जरूरी है कि सिलीगुड़ी के लोग सावधान रहें. सिलीगुड़ी साइबर थाना के प्रभारी सूरज छेत्री ने सिलीगुड़ी वासियों को साइबर ठगी से बचने के कुछ उपाय बताए हैं, जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि आजकल अपराधी काफी शातिर हो गए हैं. वे किसी के भी व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट तैयार कर लेते हैं. यहां तक कि वीडियो कॉलिंग मैसेज सब कुछ नकल करके मिनट में ही अपना काम कर लेते हैं.
उन्होंने कहा कि आजकल तकनीकी का इतना विकास हो गया है कि अगर आप किसी को फोन करते हैं तो वहां आपके मोबाइल का नंबर नहीं बल्कि अन्य किसी के मोबाइल का नंबर दिखेगा. साइबर ठग इसका काफी लाभ उठाते हैं. साइबर थाना के प्रभारी सूरज छेत्री के अनुसार साइबर अपराधियों का नेटवर्क तेजी से विकसित हो रहा है.इसलिए ऐसे ठगी के मामलों में उन तक पहुंचना आसान नहीं होता. कई बार पुलिस को जांच के लिए हफ्ते तक बाहर रहना पड़ता है. इससे दूसरे मामले की जांच भी प्रभावित होती है और वह लंबित होती जाती है.
आपको बताते चलें कि पिछले 1 महीने में ही सिलीगुड़ी में साइबर ठगी के कई छोटे बड़े मामले सामने आए हैं. हालांकि उनमें से कुछ मामले ही साइबर थाने में पंजीकृत हुए हैं. जबकि अधिकांश मामलों में भुक्तभोगी अपनी पीड़ा किसी से कहने की स्थिति में नहीं है. पुलिस चाहते हुए भी लोगों की मदद नहीं कर पाती है. पुलिस के पास मेन पावर की कमी है. आधुनिक संसाधन भी कम है. पुलिस भी मजबूर है. ऐसे में यही जरूरी हो जाता है कि लोग सावधान रहें. आजकल सिलीगुड़ी के साइबर थाने के पुलिस अधिकारी सिलीगुड़ी में जगह-जगह सचेतनता शिविर आयोजित कर रहे हैं और लोगों को साइबर अपराधियों से बचने के उपाय सिखा रहे हैं.