आपने भगवान राम और देवी सीता की जोड़ी की बात सुनी है. लेकिन यह नहीं सुना होगा कि सीता के साथ अकबर की जोड़ी होगी. इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. हो सकता है कि मनुष्य जगत में जोड़ियों के बीच अकबर और सीता जैसे नाम ना हो. लेकिन प्राणी जगत में तो सब संभव है. प्राणी जगत में किसी को सीता, तो किसी को गीता, तो किसी को अकबर, तो किसी को अनवर नाम दिया जा सकता है.
यह बात हो रही है सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क की. जहां इन दिनों शेर अकबर और शेर की जोड़ी के रूप में सीता की खूब चर्चा हो रही है. सीता मादा शेर का नाम है. अकबर और सीता को एक साथ ही यहां रखा गया है. वह पहले भी एक साथ थे. अगर यह पशु का मामला नहीं होता तो शायद हंगामा बरप रहा होता. लव जिहाद जैसे शब्दों की बौछार हो रही होती. कुछ धार्मिक संगठन इस मुद्दे को हवा दे रहे होते. परंतु यह चिड़ियाघर के प्राणियों का मसला है. उनमें ना कोई हिंदू है ना कोई मुसलमान. पशुओं का कोई धर्म नहीं होता है. पशु का कोई भी नाम रखा जा सकता है. लेकिन यह चर्चा का विषय जरूर बन जाता है.
अकबर और सीता के चर्चे इसलिए हो रहे हैं क्योंकि यह दोनों शेर शेरनी एक जोड़ी के रूप में विख्यात हैं. नाम कुछ अटपटा जरूर है. अकबर के साथ सीता नाम का जोड़ा जाना शायद कुछ लोगों को युक्ति संगत नहीं लग रह रहा होगा. इसलिए वे इस पर टिप्पणी भी कर सकते हैं और विरोध भी कर सकते हैं. पर सच तो यह है कि सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में अकबर और सीता की जोड़ी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है.
सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में काफी समय से शेर लाने की बात हो रही थी. इसके लिए राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को पत्र भी लिखा था और सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में अकबर को लाने की इच्छा भी व्यक्त की थी. शेर अकबर यहां आने से पहले त्रिपुरा के सिपाहीजला जूलॉजिकल पार्क में रहता था. वर्तमान में अकबर 7 साल का हो चुका है और वह शेरनी सीता के साथ रहता है.
अकबर और सीता की जोड़ी ऐसी है कि दोनों को अलग-अलग नहीं किया जा सकता. पहले से ही दोनों साथ-साथ रह रहे हैं. सीता का जन्म त्रिपुरा के चिड़ियाघर में हुआ है. सीता की उम्र 5 साल है. उसका जन्म 2018 में हुआ था. सीता और अकबर के साथ और भी कई पशु सिलीगुड़ी के बंगाल सफारी पार्क में आए हैं. इनमें तेंदुए, बिल्ली, चश्मा लगाने वाले बंदर, लंगूर इत्यादि. बंदर करतब दिखाएंगे. लंगूर नाच करेंगे और बिल्ली म्याऊं म्याऊं करेगी. बच्चों को खूब आनंद आने वाला है. इस तरह से पर्यटकों को बंगाल सफारी पार्क घूमने में और मजा आने वाला है. क्योंकि उन सभी के बीच अकबर और सीता की जोड़ी उत्सुकता और बेचैनी बढ़ा रही है.
बंगाल सफारी पार्क प्रबंधन भी काफी खुश है. प्रबंधन को लगता है कि अकबर और सीता के आने से कमाई दोगुनी हो जाएगी. पहले से ही काफी लाभ कमा रहा बंगाल सफारी पार्क प्रबंधन अब और ज्यादा कमाई कर सकेगा. पहली बार बंगाल सफारी पार्क में शेर और शेरनी के आने से पर्यटक यहां भ्रमण करने का अवसर गवाना नहीं चाहेंगे. बंगाल सफारी पार्क प्रबंधन को यह भी लगता है कि अकबर और सीता जब साथ-साथ रहेंगे तो यहां शेरों के प्रजनन में वृद्धि होगी. वैसे भी बंगाल सफारी पार्क में पशुओं का पहले भी प्रजनन हो चुका है.
बंगाल सफारी पार्क काफी हद तक पशुधन से संपन्न हो चुका है. इस साल की शुरुआत में सफारी पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर, गेंडा, हाथी, सिंह इत्यादि पशु आ चुके हैं. अब शेर आ जाने से पर्यटकों को एक नए रोमांच की अनुभूति होगी.इसके साथ ही शेर अकबर और उसकी जोड़ी सीता को देखने का उनका नजरिया भी कुछ अलग ही होगा. अगर आप बंगाल सफारी पार्क में अकबर और सीता की जोड़ी को देखना चाहते हैं तो कुछ इंतजार करना होगा. क्योंकि त्रिपुरा से आने के बाद इस जोड़ी को अभी निगरानी में रखा जाएगा. उसके बाद पर्यटकों के लिए बाड़े में रखा जाएगा.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)