ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक पर एक उन्हें झटके मिल रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है.पार्टी के कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर इधर-उधर जा रहे हैं तो कुछ नेता आने वाले समय में पाला बदलने की तैयारी में है. इन सभी के बीच संदेश खाली का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है, जब आज कोलकाता हाई कोर्ट ने संदेश खाली के विलेन कहे जाने वाले शाहजहां शेख को सीबीआई के हवाले करने का आदेश सुनाया.
लोकसभा चुनाव से पहले एक पर एक मिल रहे झटकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के बड़े नेताओं की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि हाल में ही कई सर्वे में बंगाल में भाजपा ने अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो सीधा कहते हैं कि इस बार भाजपा बंगाल की सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी. ममता बनर्जी अभी खामोश हैं. लेकिन उनकी खामोशी तूफान आने से पहले जैसी है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरा पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मेगा रैली होगी. उसके बाद ही तृणमूल कांग्रेस की राजनीतिक जमीन का पता चलेगा.
इस बीच संदेश खाली का मामला एक बार फिर से सुर्खियों मे है. आज कोलकाता हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस को करारा झटका दिया है.हाई कोर्ट ने कहा है कि संदेश खाली में 5 जनवरी को इडी अधिकारियों पर हुए हमले तथा वहां से जुड़े तीन मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी जाए.आपको बताते चलें कि वर्तमान में शाहजहां का मामला सीआईडी देख रही है. भाजपा इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द करने की मांग कर रही है. कोलकाता हाई कोर्ट ने इडी के द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि हमले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए. कोलकाता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम की अगुवाई वाली खंड पीठ ने राज्य पुलिस को संदेश खाली कांड के मुख्य आरोपी तृणमूल नेता शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने संदेश खाली कांड से जुड़े सभी तीनों मामलों के दस्तावेज को भी सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट ने ईडी अधिकारियों पर हमले की पड़ताल के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल एस आई टी के गठन को भी खारिज कर दिया है.
ईडी और राज्य सरकार दोनों ने एकल पीठ के 17 जनवरी के उस आदेश को चुनौती देते हुए अलग-अलग अपील दायर की थी. जिसमें ED अधिकारियों पर उग्र भीड के हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम के गठन का आदेश दिया गया था. हालांकि ED चाहता था कि जांच केवल सीबीआई को हस्तांतरित की जाए जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले की जांच केवल राज्य पुलिस को दी जाए.
आपको बताते चलें कि संदेश खाली की महिलाओं पर यातना और उत्पीड़न के आरोपी शेख शाहजहां ED पर हमले के बाद से ही फरार हो गया था. ED के अधिकारी शाहजहां शेख को राशन घोटाला मामले में गिरफ्तार करने गए थे, जहां उग्र भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. उनमें से इडी के दो अधिकारियों को काफी चोट आई थी. इस हमले के बाद शाहजहां फरार हो गया था और लगभग दो महीने तक वह गायब रहा. पिछले हफ्ते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. वह उत्तर 24 परगना जिले के एक गांव में छिपा हुआ था. आज कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा ने खुशी जताई है और अदालत के फैसले का दिल खोलकर स्वागत किया है. वहीं तृणमूल कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
राज्य सरकार के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आज सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिका का उल्लेख किया.सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के सामने इसका उल्लेख करने को अभिषेक मनु सिंघवी को निर्देश दिया है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलती है तो तृणमूल कांग्रेस के लिए संभल पाना बड़ा मुश्किल काम होगा. तृणमूल कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत लोकसभा का चुनाव लड़ रही है. परंतु स्थिति यह है कि बंगाल में कांग्रेस, TMC और CPM अपनी डफली अपना राग अलाप रही है. सवाल यह भी है कि लोकसभा चुनाव से पहले क्या ममता बनर्जी अपनी पार्टी के नेताओं में एका स्थापित कर सकेगी?
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