November 23, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

एक दिव्यांग व्यक्ति ने रचा इतिहास

”तू हौसला रख और पंख फैला यह पूरा आसमान तेरा है, धर्य से ही जीती जा सकती है हर जंग, दिल में जीत के लिए जूनून की चिंगारी तो जला” सच जब दिल में कुछ कर गुजरने की ढृढ़ संकल्प हो तो पहाड़ को भी झुकाया जा सकता है और यह कारनामा कर दिखाया है 35 वर्षीय दिव्यांग उदय कुमार ने |
दिव्यांग होते हुए भी उदय कुमार ने अपने हौसले और ढृढ़ संकल्प से उस मुकाम को हासिल किया है, जिस मुकाम को हासिल करने में सक्षम व्यक्ति भी कई बार असफल हो जाते हैं | बता दे कि, 91% शारीरिक दिव्यांग वाले 35 वर्षीय उदय कुमार काफी जिंदा दिल व्यक्ति है,जीवन जीने की ओर वे एक अलग नजरिया रखते हैं और हमेशा अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपने अंदर हौसला और जुनून को जिंदा रखते हैं | उदय कुमार ने 13 दिनों की विषम परिस्थिति को झेलते हुए करीब 100 मीटर की चढ़ाई के बाद रेनाक की 16,500 इतनी फिट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराया |
देखा जाए तो उदय कुमार के लिए उपलब्धि एक असाधारण सफलता है | पहाड़ों पर चढ़ाई करना सक्षम व्यक्ति के लिए एक असाधारण यात्रा बन जाती है, लेकिन उदय कुमार ने दिव्यांग होते हुए भी अपने हौसले से इस असाधारण यात्रा को साधारण बना दिया और रेनाक की चोटी पर फतेह हासिल की है |
उदय कुमार की इस सफलता से हिमालय पर्वतारोहण संस्थान (एचएमआई) गौरवान्वित है और वहीं ग्रुप कैप्टन जय किशन के नेतृत्व में यह अभूतपूर्व अभियान मानव दृढ़ता की अदम्य भावना को रेखांकित करता है।
5 मार्च से उदय कुमार ने खतरनाक ढलानों और अप्रत्याशित मौसम की स्थिति को पार करते हुए एक साहसी यात्रा शुरू की और उनकी चढ़ाई 18 मार्च को एक ऐतिहासिक क्षण में समाप्त हुई, क्योंकि वह माउंट रेनाक के ऊपर 780 वर्ग फुट का सबसे बड़ा भारतीय ध्वज फहराने वाले पहले दिव्यांग व्यक्ति बन गए है, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड बन गया है। उदय कुमार की सफलता का मार्ग कठिन और चुनौतियों से भरा था।
उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि प्रेरणादायक है, जो लोगों को यह सीखती हैं कि, जीवन में किसी भी मुकाम में पहुंचना नामुमकिन नहीं, यदि मन में इच्छा शक्ति प्रबल हो तो पहाड़ को भी अपने कदमों तले झुकाया जा सकता है |

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