सिलीगुड़ी : ‘थोड़ा है थोड़े की ज़रूरत है ज़िन्दगी फिर भी यहाँ खूबसूरत है’ उदय स्कूल के बच्चों को देखकर आप भी यह बोल गुनगुनाने लगेंगे | उदय स्कूल में पढ़ने वाले शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चें जो दिव्यांग होने के बावजूद भी हंसते खेलते जीवन जी रहे हैं और रोज प्रयास कर कुछ नया सीखने की कोशिश करते हैं | यह दिव्यांग बच्चें उन लोगों के लिए सबक है जो हमेशा निराशाजनक बातें और अपनी जिंदगी से शिकायत करते हैं | वहीं इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है सिलीगुड़ी उदय स्कूल, जो दिव्यांग बच्चों को निशुल्क सेवा प्रदान कर रही है | स्कूल में बच्चों को खुद से काम करना, समझ बुझ की परख के साथ ही अगरबत्ती, लिफाफे और चित्रकारी के गुण सिखाए जाते हैं, ताकि यह दिव्यांग बच्चें शारीरिक एवं मानसिक रूप से विकसित हो सकें और आने वाले समय में आत्मनिर्भर बने और अपने परिवार को भी सहयोग दे सकें | दिव्यांग बच्चों को स्कूल पहुंचने में किसी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए स्कूल द्वारा बस एवं छोटी वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है, यह वाहन बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर पहुंचते हैं | इसके अलावा बच्चों के लिए स्कूल में ही भोजन की व्यवस्था की जाती है, साथ ही शिक्षा संबंधित हर आवश्यकता को स्कूल द्वारा पूरा करने का प्रयास भी किया जाता है | नए वर्ष के अवसर पर पिकनिक, गणतंत्र दिवस, सरस्वती पूजा, रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस एवं दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर नए वस्त्र भी उपहार स्वरूप बच्चों को दिए जाते है | 3 दिसंबर विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक समारोह में स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुति दी जाती है और बच्चों को इस प्रस्तुति के लिए तैयार भी स्कूल के शिक्षकों द्वारा ही किया जाता है | प्रत्येक वर्ष स्कूल द्वारा वार्षिक खेल-कूद दिवस मनाया जाता है, जिसमें बच्चें बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं बता दे कि, स्कूल का यह सफर 14 नवंबर 2007 को पांच बच्चों के साथ हाकिमपाड़ा में एक किराए के मकान से की गई थी | तब से अब तक इस उदय स्कूल में काफी बदलाव आए हैं | सिलीगुड़ी उदय स्कूल में बच्चों के लिए जो निशुल्क सेवाएं दी जाती है इसमें लगने वाले खर्च की व्यवस्था स्कूल संचालन समिति के सदस्य द्वारा की जाती है बाहरी लोग भी काफी योगदान देते हैं साथ ही कई ऐसे संगठन और संस्थाएं हैं जो समय-समय पर सिलीगुड़ी उदय स्कूल को आर्थिक सहयोग करती है | स्कूल की सेवा कार्य से जुड़े सदस्यों का एक सपना था कि, स्कूल की जमीन पर अपनी एक इमारत हो और यथार्थ प्रयास के बाद सेवा कार्य से जुड़े लोगों का सपना पूरा होने जा रहा है | लगभग 170 से ज्यादा लोग स्कूल से जुड़ चुके हैं और जिनके आर्थिक सहयोग से स्कूल के निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है और लगभग स्कूल निर्माण का कार्य पूरा हो चला है | बता दे कि, आगामी 13 अप्रैल को सुबह 11:15 पर नरेश कुमार अग्रवाल व सपरिवार द्वारा भवन पूजन का आयोजन किया जाएगा, तो वही 14 अप्रैल सुबह 11 बजे दीपक कुमार अग्रवाल व सपरिवार द्वारा स्कूल के नए भवन का उद्घाटन किया जाएगा | उद्घाटन के अवसर पर 91% रूप से शारीरिक दिव्यांग 35 वर्षीय उदय कुमार जो एक जिंदा दिल व्यक्ति है और उन्होंने कुछ दिनों पहले रेनाक की 16,500 इतनी फिट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराकर विश्व रिकॉड बनाया था वो उपस्थित होने वाले है साथ ही उनके साथ टेनिस खिलाड़ी सुरभि घोष और पूजा गुप्ता भी उपस्थित होंगी |
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