सुप्रीम कोर्ट में शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई के बाद दिए गए स्थगनादेश के बाद सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक तृणमूल कांग्रेस नेताओं में एक सकारात्मक ऊर्जा देखी जा रही है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है. और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि सभी शिक्षकों की नियुक्ति अवैध तरीके से नहीं हुई है. तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेता भी काफी खुश दिख रहे हैं. अब वे भाजपा पर आक्रामक दिख रहे हैं.
सिलीगुड़ी समतल और पहाड़ में शिक्षक समुदाय में खुशी देखी जा रही है. शिक्षक के परिवार वाले भी काफी खुश हैं. खासकर ऐसे योग्य शिक्षक जिन्होंने अपनी काबिलियत के बल पर नौकरी हासिल की थी. उन शिक्षकों के परिवार वाले सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभार जता रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेता खुद को पाक साफ बता रहे हैं. शिक्षक के परिवार वाले कह रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सड़क पर लाने से बचा लिया, यही बोल उनके मुंह से फूट रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में 25753 शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी काफी खुश हैं. उनके चेहरे पर खुशी लौटायी है सुप्रीम कोर्ट ने. वरना वे तो बहुत उदास थे. राज्य सरकार को कोस रहे थे. आंदोलन की तैयारी कर रहे थे. यह भी हो सकता था कि उनमें से कुछ लोग डिप्रेशन में चले जाते तो कुछ लोग पारिवारिक संकट से जूझने को तैयार होते. इनमें से कई शिक्षक योग्य थे और योग्यता के बलबूते पर उन्होंने नौकरी हासिल की थी. लेकिन कोलकाता हाई कोर्ट ने उन्हें भी अन्य शिक्षकों की कतार में रखा था और उनकी नौकरी को अवैध बता दिया था.
पश्चिम बंगाल में तीन चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. उत्तर बंगाल में लोकसभा चुनाव पूरा हो चुका है. शेष चार चरणों के चुनाव दक्षिण बंगाल में संपन्न होंगे. अब तक पश्चिम बंगाल में 10 लोकसभा सीटों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. अभी 32 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होना है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो अब तक संदेश खाली और शिक्षकों की अवध नियुक्ति को लेकर बीजेपी के निशाने पर थी, अब इन सभी से लगभग फारिग हो चुकी है. संदेश खाली में सोशल मीडिया और फेसबुक पर चल रहे स्टिंग ऑपरेशन के जरिए बंगाल के शेष मतदाताओं में मुख्यमंत्री यह प्रभाव बनाने में जुट गई है कि यह सब बीजेपी की एक साजिश थी.
बंगाल में हाई कोर्ट के द्वारा 25753 शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध करार दिया गया था. उस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है. इसे ममता बनर्जी की जीत बताया जा रहा है. तृणमूल कांग्रेस शेष लोकसभा सीटों के मतदाताओं में भुनाने की कोशिश में जुट गई है. खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी चुनावी रैलियों में टीएमसी की जीत बता रही है. उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इतनी खुश हैं कि उन्होंने सत्यमेव जयते तक कह डाला है. ममता बनर्जी ने शिक्षक समुदाय को भी बधाई दी है. इसका मतदाताओं पर काफी असर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. लेकिन मंगलवार को सुनवाई हुई तो फैसला एक तरह से टीएमसी के पक्ष में आया. चुनाव में अपना प्रभाव जमाने के लिए टीएमसी को यही चाहिए था. इसका शेष चरणों के चुनाव में असर पड़ने की बात विश्लेषक भी मान रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की बेंच की कार्रवाई से इतना स्पष्ट हो गया है कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से हुई है, उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाएगा. लेकिन जिनकी नियुक्ति गलत तरीके से हुई है, उनकी नौकरी खतरे में पड़ते जरूर दिखाई दे रही है.
बहरहाल कम से कम 16 जुलाई तक शिक्षकों को राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट 16 जुलाई को इस मामले में अंतिम फैसला सुनाएगा. इस बीच सीबीआई शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में अपनी जांच जारी रखेगी. 16 जुलाई तक लोकसभा चुनाव का परिणाम भी सामने आ जाएगा और केंद्र में सरकार का गठन भी हो जाएगा. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का परिणाम चाहे जो भी हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की मौजूदा कार्रवाई से तृणमूल कांग्रेस को शेष चुनाव में भाजपा पर आक्रामक होने की एक बड़ी वजह जरुर मिल गई है. अब देखना है कि तृणमूल कांग्रेस शेष चरणों के चुनाव में इसे भुनाने में कितना सफल हो पाती है!
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