सिलीगुड़ी के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त कंचनजंगा एक्सप्रेस 12:40 पर गंतव्य के लिए रवाना हो गई है. दोपहर तक राहत एवं बचाव का काम पूरा हो चुका था. इसके बाद इस ट्रेन रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया.पांच ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. जबकि बंदे भारत एक्सप्रेस समेत 12 ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया गया. कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन में 1293 यात्री सवार थे. यात्रियों को अलुवाबाड़ी स्टेशन पर भोजन कराया गया.
सिक्किम और उत्तर बंगाल में लगातार हो रही वर्षा और तीस्ता, महानंदा और दूसरी नदियों में आई बाढ से लोग परेशान हैं और इसी परेशानी के बीच जब सुबह-सुबह रंगापानी के पास कंचनजंगा एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने की भीषण गर्जना सुनाई पड़ती है, तो आसपास के गांव और बस्तियों के लोग भाग कर स्टेशन के पास पहुंचते हैं और वहां का दृश्य देखकर स्तब्ध रह जाते हैं. आज ईद उल जुहा भी था. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सुबह 8:00 बजे वे सभी नमाज पढ़ रहे थे.लगभग 8:05 पर अचानक भीषण गर्जना हुई. चारों तरफ धुआं धुआं सा दिखाई देने लगा. पता चला कि रेल दुर्घटना हुई है. लोग भाग कर मौके पर पहुंचे तो वहां चीत्कार मचा था. लोग बोगियों में फंसे हुए थे और बोगियां पलटी पड़ी थीं.
यह ट्रेन हादसा इतना भयानक था कि कुछ साल पहले गाइसाल में हुई रेल दुर्घटना की याद ताजा कर दी. कम से कम सिलीगुड़ी और आसपास में रहने वाले प्रत्यक्ष दर्शियों का तो यही कहना है. जो लोग गाईसाल में रेल दुर्घटना के प्रत्यक्ष दर्शी हैं, उनके अनुसार यह दूसरी बड़ी रेल दुर्घटना ही है.
सिलीगुड़ी से बर्दवान जा रहे एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब यह हादसा हुआ, उस समय वह ट्रेन के जनरल डिब्बे में था. अचानक ही जोर का झटका लगा और पूरे कंपार्टमेंट में धुआं धुआं सा हो गया. उसके बाद उसे कुछ भी याद नहीं रहा. जब तक हादसे की सूचना पुलिस और जीआरपीएफ को मिली और पुलिस और रेलवे बल मौके पर पहुंचे, तब तक काफी देर हो चुकी थी. राहत और बचाव कार्य का मोर्चा स्थानीय युवकों ने संभाल रखा था. उन्होंने बताया कि रेलवे पुलिस बल मौके पर काफी देर से पहुंचा. कई ग्रामीणों की भी यही शिकायत है. इस ट्रेन हादसे में अब तक आठ लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. जबकि 40 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं.
असम के सिलचर से कोलकाता सियालदह स्टेशन के बीच चलने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन ने एनजेपी स्टेशन से खुलने के बाद रंगा पानी स्टेशन को पार किया था और निजबारी स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निजबारी स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही तीव्र गति से जा रही एक मालगाड़ी ने रेड सिग्नल की उपेक्षा करते हुए ट्रेन को पीछे से धक्का मार दिया. गगनभेदी आवाज के साथ ही गार्ड की बोगी समेत कई बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. रेलवे ने माना है कि एक कंटेनर ट्रेन के सिग्नल ओवरशूट करने के चलते यह हादसा हुआ है. रेलवे की तरफ से कहा गया है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस की दो पार्सल बोगी के साथ गार्ड बोगी भी क्षतिग्रस्त हुई है.
एन एफ रेलवे के सीपीआरओ की ओर से अभी तक हादसे में आठ लोगों के मारे जाने की सूचना दी गई है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी दोपहर तक घटनास्थल पर पहुंच गए. रेलवे के वरीय अधिकारियों के अलावा मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया. सभी घायलों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल, फांसी देवा अस्पताल, इस्लामपुर अस्पताल आदि पहुंचाया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है. हालांकि घायलों की सही संख्या का पता नहीं चल रहा है परंतु कहा जा रहा है कि 40 से भी अधिक लोग घायल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा समेत कई लोगों ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है और मृतक के प्रति श्रद्धांजलि और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.
मिली जानकारी के अनुसार जो लोग इस हादसे में मारे गए हैं, उनमें 2 लोको पायलट भी शामिल हैं. इस हादसे में सिलीगुड़ी के एक गार्ड की भी मृत्यु हुई है. इस हादसे में पश्चिम बंगाल राज्य का एक सब इंस्पेक्टर भी मारा गया है. बताया जा रहा है कि गोरुबथान के रहने वाले 37 वर्षीय कालेब सुब्बा छुट्टी पर थे. उनकी पोस्टिंग मालदा में थी. आज वे कंचनजंगा ट्रेन से ड्यूटी के लिए मालदा रवाना हुए थे. उन्हें क्या पता था कि यमराज उनका पीछा कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से रेल हादसे में मारे गए लोगों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपए और सभी घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है. जबकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे की ओर से रेल हादसे में मारे गए मृतकों के आश्रितों को 10-10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ढाई ढाई लाख रुपए जबकि मामूली रूप से जख्मी लोगों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है. रेल विभाग की ओर से विस्तृत जानकारी के लिए अलुवाबारी रोड, किशनगंज, दालखोला, बारसोई स्टेशनों पर आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.अलुवाबारी रोड का हेल्पलाइन नंबर 7003 423 5 जबकि किशनगंज का हेल्पलाइन नंबर 7542028020 है.
रेल हादसे की सूचना पाने के बाद दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट भी मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य का निरीक्षण किया. इसके अलावा सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव, डिप्टी मेयर रंजन सरकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य के क्रम में सहयोग किया है. अंतिम सूचना है कि दोपहर लगभग 12:15 बजे कंचनजंगा ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)