पिछले कई दिनों से सिलीगुड़ी में अवैध निर्माण के खिलाफ सिलीगुड़ी नगर निगम का अभियान चल रहा है. बिल्डिंगों को बुलडोजर से धराशाई किया जा रहा है. जहां-जहां कोलकाता हाई कोर्ट का बिल्डिंग गिराने का आदेश आया है, सिलीगुड़ी नगर निगम के कर्मचारी और प्रशासनिक लोग अपना काम करने लग जाते हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले से ही अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त हैं. सोमवार को तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि अगर किसी नगर पालिका अथवा नगर निगम क्षेत्र में कोई अवैध निर्माण रह जाता है तो इसकी जिम्मेदारी नगर पालिका अथवा नगर निगम प्रशासक की होगी. यानी मुख्यमंत्री ने अवैध निर्माण की सारी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन को लेने के लिए कहा है.
ऐसे में भला कौन चाहेगा कि उसकी कुर्सी खतरे में पड़ जाए. गौतम देव कोलकाता से सिलीगुड़ी आ चुके हैं. आज उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिलीगुड़ी में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम पूरी मुस्तैदी से अपना कार्य कर रही है. फिर भी मुख्यमंत्री का निर्देश है और उसके हिसाब से आगे कार्य किया जाएगा.
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने कहा कि सिलीगुड़ी में 40 सालों से जो अवैध निर्माण हुए हैं, लोगों ने सरकारी जमीन पर मकान बनाया है, बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं हुआ है या छत के ऊपर मकान, दो मंजिला, तीन मंजिला मकान, अवैध तरीके से पार्किंग इत्यादि के बारे में सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा एक सर्वे कराया जाएगा. इसके बाद ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी. चाहे बिल्डिंग नयी हो या पुरानी, अदालत के आदेश के बाद उन्हें गिरा दी जाएगी.
गौतम देव ने कहा कि यह सारा काम धीरे-धीरे और कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए किया जाएगा. गौतम देव के ताजा बयान के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम के विभिन्न वार्डों में अवैध निर्माण के जिम्मेदार लोगों और गृह मालिकों में हड़कंप मच गई है. निगम के अंतर्गत कई ऐसे वार्ड हैं जहां अवैध तरीके से काफी समय पहले मकान, दुकान बना लिए गए थे. काफी पुराना और बसावट होने के कारण ऐसे अवैध निर्माणों को सिलीगुड़ी नगर निगम तोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था. लेकिन अब इस पर भी प्रशासन की नजर टेढ़ी हुई है.
जानकार लोगों का मानना है कि सिलीगुड़ी में जितने मकान बने हैं उनमें से कम से कम 30% मकान अवैध तरीके से बनाए गए हैं. अब गौतम देव के बयान के बाद मकान मालिक भी सन्न है और चिंता में पड़ गए हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम के सर्वे के बाद ऐसे अवैध मकानों के मालिकों को नोटिस भेज कर उनसे जवाब मांगा जा सकता है. बहरहाल देखना होगा कि मेयर गौतम देव के ताज़ा बयान के बाद सिलीगुड़ी के लोगों की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है और इसे किस रूप में देखा जाता है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)