रात का समय था. उस स्थान पर चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था. पुलिस की टीम दबे पांव उस तरफ बढ़ रही थी, जहां एक खंडहर सा मकान नजर आ रहा था. गुप्तचर विभाग के लोगों ने बताया था कि यहीं पर कुछ असामाजिक तत्व बैठे शहर में डकैती की बड़ी प्लानिंग कर रहे हैं. हेडक्वार्टर से प्रधान नगर थाना को मामले की सूचना दी गई. इसके बाद प्रधान नगर थाना की पुलिस ने अपराधियों को रंगे हाथों दबोचने की तैयारी शुरू कर दी और मौके के लिए टीम प्रस्थान कर गई.
पुलिस दल और एसओजी के अधिकारी पूरी तैयारी करके गए थे. उन्होंने सर्वप्रथम डकैतों की घेराबंदी शुरू कर दी, ताकि कोई भाग ना सके. कुछ इधर-उधर छुप कर बैठ गए. सामने से सादी वर्दी में कुछ लोग पहुंचे. असामाजिक तत्वों को पुलिस के आने की कोई भनक नहीं मिली. पुलिस ने चुटकी बजाते ही उन्हें अपने निशाने पर ले लिया और सभी को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया. पुलिस की भारी टीम के आगे डकैतों की एक न चली. सबके सब पकड़े गए. वे संख्या में पांच थे.
अपराधियों और लुटेरों के लिए सिलीगुड़ी पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है. आए दिन यहां डकैती, लूटपाट और छिनताई की घटनाएं घटती रहती है. घटना घटने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचती है और कार्रवाई करती है. लेकिन तब तक अपराधी माल असबाब लूटकर चंपत हो चुके होते हैं. कई मामलों में पुलिस को सफलता नहीं मिली है तो कई मामलों में पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल की हवा खिलाई है.
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने पहले भी इस तरह के मामलों का पर्दाफाश किया है, जब डकैती के इरादे से जमा हुए कुछ अपराधियों को पुलिस ने पकड़ा था. जैसे संतोषी नगर, नौकाघाट, तिनबती, फुलबारी आदि इलाकों में पुलिस ने अभियान चलाकर कुछ लोगों को पकड़ा था. पुलिस की सख्ती के बाद कुछ समय तक ऐसे मामलों पर नियंत्रण देखा गया. काफी समय तक सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में कोई बड़ी लूटपाट अथवा डकैती की घटना नहीं हुई थी. अब एक बार फिर से यह मामला चर्चा का विषय बन गया है.
शायद यह पहला मामला है, जब अपराधियों ने स्वचालित पिस्तौल को अपनाया है. इसका मतलब यह भी है कि उन्हें किसी बड़ी वारदात को अंजाम देना था. इसमें वह सफल नहीं हो सके. यह मामला पहले के अन्य मामलों से इसलिए भिन्न कहा जाएगा क्योंकि इस मामले में अपराधियों का उद्देश्य किसी बड़ी डकैती अथवा लूटपाट को अंजाम देना था. पुलिस ने उनके पास से स्वचालित पिस्टल और घातक हथियारों को बरामद किया है. यह सभी असामाजिक तत्व डागापुर इलाके में एक सुनसान जगह पर जमा हुए थे.
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से अधिकतर सिलीगुड़ी के निवासी हैं. कुछ लोग सिलीगुड़ी से बाहर Dooars से आते हैं. लेकिन उनका संबंध भी सिलीगुड़ी से है. सिलीगुड़ी एक ऐसी जगह है, जहां अधिकतर अपराधियों का किसी न किसी तरह से कनेक्शन रहता है. सूत्र बताते हैं कि यहां कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां पुलिस भी छापे मारने की हिम्मत नहीं जुटाती. क्योंकि यह इलाके बेहद खतरनाक हैं, जहां अपराधियों का जमावड़ा रहता है.
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम फ्रांसिस क्रिस्टोफर, अभिषेक उरांव, गौतम महतो, अमित सिंह और सुरेश खाती है. आज सभी को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. पुलिस यह पता लगाना चाहती है कि उनका उद्देश्य क्या था और डकैती की उनकी योजना क्या थी.पुलिस यह भी पता लगाना चाहती है कि उनके पास स्वचालित पिस्टल कहां से आया. क्या इसके पीछे कोई और बड़े लोग भी हैं? पुलिस यह भी पता लगाना चाहती है कि पकड़े गए लोगों की आपराधिक पृष्ठभूमि क्या है. उनके और भी साथी हैं या केवल वहीं पांच लोग?
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