सिलीगुड़ी समेत पूरे बंगाल में लॉटरी का धंधा जोरों से चल रहा है. अनेक लोगों का रोजगार लॉटरी से जुड़ा हुआ है. सिलीगुड़ी में गली गली में लॉटरी बेचने वाले मिल जाएंगे. यह देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यहां लॉटरी का धंधा सभी धंधों से ज्यादा चलता है. सवाल यह है कि जो लोग लॉटरी का टिकट खरीदते हैं, क्या उन्हें इनाम मिलता भी है और कितने लोगों को इनाम मिलता है? अगर आप पूरे महीने लॉटरी की टिकट की खरीद पर जितना खर्च करते हैं, क्या रिटर्न में आपकी भरपाई हो जाती है?
अनेक लोग लॉटरी की टिकट खरीदते जरूर है ,परंतु जब भी वे अपना नंबर मिलाने जाते हैं तो पता चलता है कि उनकी टिकट बेकार हो गई. कुछ खुशकिस्मत लोग हो सकते हैं, जिन्हें कभी-कभार बड़ा इनाम भी मिल जाता है. अन्यथा लॉटरी की टिकट में अधिकांश लोगों का पैसा बर्बाद होता है. जिस तरह से यह व्यवसाय फल फूल रहा है,उसे देखते हुए अनेक शातिर लोग असली लॉटरी की टिकट से मिलते जुलते हु ब हू नकली टिकट बाजार में बेच रहे हैं. जिस पर कोई इनाम मिलने का सवाल ही नहीं पैदा होता.
आसनसोल की घटना लॉटरी टिकट खरीद करने वाले उपभोक्ताओं को एक झटका देती है. यहां असली लॉटरी की हू ब हू नकली अथवा फर्जी लॉटरी की टिकट छपवाकर बेची जा रही है. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करके फर्जी लॉटरी रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया है. पश्चिम बंगाल पुलिस ने नई दिल्ली बंगाल लिंक वाले करोड़ों रुपए की फर्जी लॉटरी टिकट का भंडाफोड़ कर दिया है. पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल दुर्गापुर पुलिस आयुक्त आलय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने एक करोड रुपए के अंकित मूल्य वाले फर्जी लॉटरी टिकट से भरे कई बोरे जब्त किए हैं.
पुलिस को सूचना मिली थी कि आसनसोल में फर्जी लॉटरी टिकटों की एक बड़ी खेप आई है और उसे अन्यत्र स्थानांतरित करने के प्रयास किये जा रहे हैं. मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने आनन फानन में कई टीमों का गठन कर लिया. इसके बाद वाहन चेकिंग शुरू कर दी गई. आसनसोल से बाहर जाने वाले सभी रास्तों की नाका चेकिंग शुरू की गई. पुलिस को उस समय कामयाबी मिली, जब एक ऑटो रिक्शा को रोककर उसमें से 9 बोरों में भरी नकली लॉटरी की टिकटों को जब्त करने में सफलता प्राप्त की गयी.पुलिस ने बरामद नकली लॉटरी की टिकटों की बोरी के साथ-साथ दो लोगों को भी गिरफ्तार किया, जिन्हें अदालत में प्रस्तुत करके रिमांड कर लिया गया है.
अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार असली लॉटरी टिकट से मिलते जुलते फर्जी लॉटरी टिकट नई दिल्ली से छपवायी गयी थी और नई दिल्ली से ही लाया गया था. इन नकली लॉटरी टिकटों को पश्चिम बंगाल के विभिन्न शहरों में वितरित किया जाना था. लेकिन इसी बीच पुलिस को जानकारी हुई तो पुलिस ने रेड करके नकली टिकटों को बरामद कर लिया. इन टिकटों को देखकर पता नहीं चलता कि यह असली है अथवा नकली. एक साधारण व्यक्ति तो बिल्कुल पहचान नहीं सकता.जो लॉटरी के कारोबार में संलग्न है, उन्हें भी इसके नकली होने का एहसास नहीं होगा.
फर्जी लॉटरी रैकेट का भंडाफोड होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या सिलीगुड़ी में भी असली लॉटरी टिकट की आड में नकली लॉटरी टिकट बेची जा रही है? सवाल यह भी है कि आखिर अनेक लॉटरी टिकट उपभोक्ता बार बार यही रोना रोते हैं कि इस बार भी उनका पैसा बर्बाद गया. क्या इसी नकली लॉटरी टिकट के कारण होता है? सिलीगुड़ी में कई लोगों के मुंह से यह सुना जाता है कि लॉटरी के धंधे में उन्होंने काफी नुकसान उठाया है. लेकिन एक उम्मीद रहती है कि एक बार मोटा इनाम पड़ जाए तो उनके वारे न्यारे हो जाएं. पर वह दिन शायद आता ही नहीं. ग्राहक के पास यह जानने और जांच करने का कोई साधन नहीं होता कि उसने जो टिकट खरीदी है, वह असली है या नकली.
कई लॉटरी टिकट विक्रेता भी इस बात से अनजान रहते हैं कि उनके द्वारा असली लॉटरी टिकट बेची जा रही है अथवा नकली. हालांकि सूत्र बताते हैं कि लॉटरी टिकट बेचने वाले एजेंट को यह पता जरूर होता है. उन्हें टिकट बेचने पर मोटा कमीशन दिया जाता है.जबकि ग्राहक को चूना लगता है. सिलीगुड़ी में फर्जी लॉटरी टिकट का पहले भी भंडाफोड़ हो चुका है. आसनसोल क्षेत्र की घटना को देखते हुए हो सकता है कि सिलीगुड़ी के लॉटरी बाजार में भी फर्जी लॉटरी टिकट आ गई हो. पुलिस प्रशासन को इस पर जरूर नजर रखनी चाहिए. क्योंकि सूत्र यह भी बताते हैं कि फर्जी लॉटरी टिकट का गोरख धंधा करने वाले सिलीगुड़ी समेत सभी शहरों में सक्रिय हैं.
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