बाजार में आलू की कई किस्में बिक रही हैं. छोटे बड़े आलू बिक रहे हैं. नए आलू बिक रहे हैं. पुराने आलू बिक रहे हैं. जो नए आलू बिक रहे हैं, क्या वे नए आलू हैं? क्या वे स्वाभाविक आलू हैं? या ऐसे आलुओं के साथ कोई कारीगरी की गई है? फसाई की ओर से उपभोक्ताओं को चेतावनी दी गई है कि बाजार में भारी संख्या में नकली और जहरीले आलू बिक रहे हैं, जिन्हें खाकर मनुष्य विभिन्न रोगों का शिकार हो रहा है. इन जहरीले आलुओं को खाने से लीवर और किडनी की समस्या भी बढ़ रही है.
पिछले दिनों अनेक शिकायतें मिलने के बाद फसाई की ओर से एक अभियान चलाया गया और विभिन्न बाजारों से नकली और जहरीले आलुओं को जप्त किया गया. इन आलुओं का जब परीक्षण किया गया तो उनके रंग और स्वरूप में भी काफी अंतर आ गया. स्वास्थ्य के लिए इन्हें जहरीला माना गया. फूड विभाग के अधिकारी बाजार पर निगरानी रख रहे हैं और जहरीले आलू बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. साथ ही यह भी पता लगा रहे हैं कि यह जहरीले आलू कहां से आ रहे हैं. इन जहरीले आलुओं का स्रोत क्या है?
सिलीगुड़ी के बाजार में भी विभिन्न वैरायटी के आलुओं को देखा जा सकता है. बाहर से भी आलू मंगाए जा रहे हैं.नए आलू भी बाजार में पहुंच गए हैं. परंतु क्या वे सचमुच नए आलू है? या उन्हें नया बनाने के लिए कोई करिश्मा किया गया है? आलू खरीदने से पहले इसकी जानकारी करना आवश्यक है. अन्यथा नए आलू की जगह आप जहरीले आलू घर ले आएंगे और ऐसे आलुओं को खाकर बीमार हो सकते हैं.
फसाई ने चेताया है कि पुराने और खराब हो चुके आलुओं को केमिकल और खतरनाक रंगों से नया बनाया जा रहा है. यही आलू बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध है. जो शरीर और सेहत के लिए काफी नुकसानदेह है. इसका सीधा असर लीवर और किडनी पर पड़ता है. इसके अलावा आलू में डाई मिलाकर भी उसे नया बनाकर बेचा जा रहा है. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि यह स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है.
अनेक व्यापारी पुराने आलुओं के छिलके उतार देते हैं और उसे नकली केमिकल युक्त रंगों से रंग देते हैं, ताकि वह नया दिखे. ऐसे आलुओं से भी सावधान रहने की जरूरत है. यह फसाई की ओर से चेतावनी दी जा रही है. ग्राहकों को सतर्क किया जा रहा है. फसाई की ओर से नकली और जहरीले आलुओ की पहचान के लिए कुछ तरीके बताए गए हैं. आप भी इन तरीकों को आजमा कर अच्छे आलू की पहचान कर सकते हैं और जहरीले आलू से बच सकते हैं.
जो आलू बाजार से खरीद कर आप घर ला रहे हैं, उन आलुओं को हल्के गर्म पानी में डूबो दें. अगर नकली रंग होगा तो पानी में निकलने लगेगा. फसाई ने कहा है कि ऐसे आलुओं में अमोनिया का घोल मिलाया जा रहा है. इसके बाद इन आलुओं को जमीन पर रगड़कर उनके छिलके उतार कर उसे नया बनाकर बाजार में बेचा जा रहा है. हाथ से मसलने पर अगर नकली रंग होगा तो हाथ में लग जाएगा ऐसे आलुओं को खाने से पेट के रोग तो होंगे ही, इसके साथ ही आंख, कान, नाक, लीवर और किडनी की समस्या भी उत्पन्न होगी.
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