सिलीगुड़ी के भानु नगर में किराए के मकान में रहने वाली और ब्यूटी पार्लर चलाने वाली पुष्पा छेत्री की हत्या के क्रम में पुलिस और एसओजी की टीम ने अब तक तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. उनमें से दो पुरुष और एक महिला है. महिला ने हत्या की सुपारी दी थी. पकड़े गए दोनों युवकों ने महिला से ₹100000 लेकर पुष्पा की हत्या की थी. इस हत्याकांड में मास्टरमाइंड कहा जाने वाला पैरामिलिट्री के अंतर्गत पंजाब में तैनात जवान अरुण पोडवाल की गिरफ्तारी बाकी है. जिस पर आरोप है कि उसका पुष्पा छेत्री के साथ एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर था. आरोप है कि पुष्पा को रास्ते से हटाने के लिए उसने एक बड़ा गेम खेला.
वह गेम क्या था, पुष्पा छेत्री की हत्या किस तरह से की गई? मुख्य साजिशकर्ता कौन है? पुष्पा छेत्री की किस बात से उसकी हत्या की योजना बनाई गई? इत्यादि कई सवाल हैं, जिनका जवाब जवान की गिरफ्तारी से ही मिलेगा. पैरामिलिट्री के जवान को गिरफ्तार करने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है. हालांकि इस बीच सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी डीसीपी राकेश सिंह ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए मोटे तौर पर पुष्पा छेत्री हत्याकांड का खुलासा कर दिया था.
परंतु कोर्ट में आरोप साबित करने के लिए साक्ष्य भी जरूरी होता है. कई महत्वपूर्ण साक्ष्य और सबूत पुलिस ने अब तक बरामद नहीं किए हैं. यहां तक कि पुलिस ने उस हथियार को भी बरामद नहीं किया है, जिससे पुष्पा की हत्या की गई थी. इसके अलावा पुष्पा के हत्यारे घटना की रात बागराकोट से जिस गाड़ी से भानु नगर आए, अभी तक वह गाड़ी भी बरामद नहीं हो सकी है. पुलिस ने अभी तक मृतका का मोबाइल फोन भी बरामद नहीं किया है. मृतका के मोबाइल के कॉल डिटेल्स से बहुत से राज का पता चल सकता है. पुलिस ने अब तक यह भी खुलासा नहीं किया है कि जवान अरुण पोडवाल की पत्नी प्रीतिका पोडवाल तक पुलिस कैसे पहुंची.
सूत्र बता रहे हैं कि पुष्पा छेत्री और चेन्नई से गिरफ्तार अभिषेक दोरजी आपस में रिश्तेदार भी हैं. ऐसे में अभिषेक दोरजी ने पुष्पा छेत्री की हत्या की सुपारी क्यों ली? क्या अभिषेक दोरजी और पुष्पा छेत्री के बीच कोई दुश्मनी थी? क्या केवल पैसे के लालच में अभिषेक पुष्पा की हत्या करने के लिए तैयार हुआ था? पुलिस यह भी पता लगा रही है. अभिषेक दोरजी को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम चेन्नई से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर सिलीगुड़ी लेकर आई और आज जब भक्ति नगर पुलिस आरोपी को जलपाईगुड़ी कोर्ट में पेश करने के लिए ले जा रही थी तो भक्ति नगर थाना में काफी हंगामा देखने को मिला.
बागराकोट से भारी संख्या में पुष्पा छेत्री के शुभचिंतक, पड़ोसी और गांव वाले थाना में पहुंच गए थे. जब भक्ति नगर पुलिस आरोपी अभिषेक को जलपाईगुड़ी कोर्ट में ले जाने के लिए थाना की हवालात से निकाल कर पुलिस वैन की ओर ले जा रही थी, इसी समय ग्रामीण और बगराकोट के नागरिकों ने हंगामा कर दिया और पुलिस से आरोपी को उनके हवाले करने की मांग करने लगी. लोगों के आक्रोश को देखकर एक बार आरोपी अभिषेक बाहर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका और अंदर मुड़ गया. लेकिन तभी भक्ति नगर पुलिस ने जनता से कानून न तोड़ने की अपील करते हुए सख्ती दिखाई.
भक्ति नगर थाना में काफी देर तक पुष्पा छेत्री को न्याय दिलाने और उसके हत्यारों को फांसी देने की मांग होती रही. बड़ी मुश्किल से पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कराया. पुलिस ने आरोपी को जलपाईगुड़ी कोर्ट में पेश करके उसे रिमांड में ले लिया है. अब पुलिस उससे अपने हिसाब से पूछताछ करेगी. देखा जाए तो भक्ति नगर पुलिस ने पुष्पा छेत्री हत्याकांड में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. परंतु जवान की गिरफ्तारी बाकी है. जिस पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर अपनी पत्नी प्रीतिका पोडवाल के साथ मिलकर पुष्पा को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी.
पुलिस की प्राथमिक जांच में अब तक जो खुलासा हुआ है, उसके अनुसार इस हत्याकांड के पीछे एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और सुपारी किलिंग की साजिश सामने आई है. कथित तौर पर जवान और उसकी पत्नी ने एक कठोर साजिश करके पुष्पा को रास्ते से हटाया था और इसके लिए ₹100000 की सुपारी आरोपियों को दी गई थी. जिन्होंने पुष्पा की हत्या की. पुलिस ने पहले सुपारी लेने वाले रुस्तम विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया. फिर उससे पूछताछ के बाद प्रीतिका पोडवाल को गिरफ्तार किया, जिसने आरोपी को हत्या की सुपारी दी थी. यह घटना 7 नवंबर की रात्रि 10:30 बजे घटी थी. पुष्पा छेत्री की उम्र 26 साल थी. 8 नवंबर से ही इस घटना की गूंज सुनाई पड़ने लगी थी.
हालांकि पुलिस ने भी माना है कि कहानी यहीं खत्म नहीं हो जाती. जब तक जवान को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, तब तक इस मामले से असली पर्दा नहीं उठेगा. जो भी हो, भक्ति नगर पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करने में काफी मेहनत की है और यह साबित कर दिखाया है कि अपराधी चाहे कितना ही शातिर क्यों ना हो, पुलिस और कानून के हाथ लंबे होते हैं. अपराधी पुलिस से बच नहीं सकता. पुलिस चाहे तो अपराधी को पाताल तक से भी ढूंढ कर ला सकती है.