चेक पोस्ट के पास एक व्यक्ति शाम के समय रोड पार करके दूसरी तरफ जा रहा था. वह गाड़ियों के रुकने अथवा रोड खाली होने का इंतजार कर रहा था. जैसे ही उसे मौका मिला, वह रोड क्रॉस करने लगा. तभी तेजी से आती एक मोटर बाइक को देखते ही व्यक्ति मूर्छित होकर नीचे गिर पड़ा. दरअसल उसे लगा था कि बाइक चालक उसे कुचल देगा. इसी बद हवाशी में वह नीचे मूर्छित होकर गिर गया था. बाइक चालक पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा. वह अपनी ही गति में सेवक रोड पर बाइक भगाता हुआ जा रहा था.
सर्दी के दिनों में जब रूह जमाने वाली सर्दी पड़ रही हो, ऐसे में सड़क पार करते समय एक व्यक्ति को रफ्तार का एहसास हो, तो उसे कितनी पीड़ा होती होगी. यूं तो सड़कों पर छोटे बड़े सभी वाहन चलते हैं. परंतु बाइकर्स अपनी रफ्तार के लिए इस समय सुर्खियों मे है. जैसे ही उन्हें मौका मिलता है, अपनी बाइक मनमाने तरीके से भगाने लगते हैं. यह भी नहीं देखते कि सड़क से कोई गुजर रहा है. और तो और सड़क पर चलने वाले व्यक्ति के नजदीक कानफोड़ू हार्न बजाते हैं, जिससे पैदल चलने वाला व्यक्ति एक बार घबरा जाता है.
बाइकर्स अपनी रफ्तार और अन्य तरीकों से ट्रैफिक नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. सिलीगुड़ी की सड़कों पर बस, छोटे वाहन, टोटो, रिक्शा, टैक्सी, स्कूटर ,आदि सब चलते हैं. लेकिन उनमें से सबसे ज्यादा अगर कोई ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है तो वह बाइकर्स ही होते हैं. रात के समय तो सड़कों पर उनकी रफ्तार देखकर अच्छे अच्छों का कलेजा निकल जाए! बाइक चालकों में खासकर टीनएजर्स ग्रुप के नौजवान लड़के तो रात के समय 9:00 बजे के बाद सड़कों पर उधम मचाने लगते हैं.
वह हाथ छोड़कर सड़कों पर आडे तिरछे स्टंट करते हुए तेजी से बाइक भगाते हैं. उस समय तक ट्रैफिक पुलिस भी नहीं होती. इसलिए उन्हें किसी का डर नहीं होता है. बाइकरो की रफ्तार को देखना है तो रात्रि 9:00 बजे के बाद सिलीगुड़ी की सड़कों पर देखिए. जलपाई मोड, बर्दवान रोड से लेकर एस एफ रोड, सेवक रोड, फुलबारी रोड और सभी भागों में बाइकर्स तेजी से बाइक भगाते हैं.आमतौर पर यह सभी नशे में होते हैं. ऐसे में एक्सीडेंट होने का खतरा बढ़ जाता है.
यूं तो वर्तमान समय में सब भाग रहे हैं. किसी के पास समय नहीं होता. लेकिन रफ्तार मध्यम रहे, तो यह कल्याणकारी होता है. रफ्तार सुस्त भी नहीं होनी चाहिए और ना ही इतना तेज कि उसके वजूद का भी खतरा बढ़ जाए. सिलीगुड़ी के बाइकर्स को यह जरुर सोचना चाहिए कि किसी भी काम को करने का एक तरीका होता है. वाहन चलाने का नियम होता है. ट्रैफिक नियमों का पालन करना जरूरी होता है. यह सच है कि ट्रैफिक पुलिस सब जगह नहीं होती. ट्रैफिक विभाग में संसाधनों की भी कमी है. ऐसे में बाइक चालकों पर तो और ज्यादा दायित्व बढ़ जाता है और उन्हें ट्रैफिक पुलिस का सहयोग भी करना चाहिए. ना कि इसका फायदा उठाना चाहिए.
जिस रफ्तार से सिलीगुड़ी के बाइकर्स रफ्तार बढ़ा रहे हैं, वह चिंता की बात है. यह किसी के लिए भी अच्छी बात नहीं है. ना तो उनके लिए और ना ही अन्य लोगों के लिए. ऐसे में वे खुद खतरे को न्यौता दे रहे हैं. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को बीच-बीच में इस तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है. पुलिस प्रशासन को ट्रैफिक सतर्कता अभियान चलाने की भी जरूरत है और सबसे बड़ी बात अपनी जिम्मेदारियां के पालन की है.
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