सिलीगुड़ी में दार्जिलिंग मोड़ के बाद चेक पोस्ट पर सर्वाधिक जाम लग रहा है. आए दिन यहां जाम की समस्या प्रबल हो रही है. बालासन नदी से लेकर वाया दार्जिलिंग मोड, चेक पोस्ट होते हुए सेवक तक सिक्स लेन रोड का निर्माण कार्य चल रहा है. पिछले काफी समय से दार्जिलिंग मोड़ से लेकर चेक पोस्ट तक वाहन चालकों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है. क्योंकि सड़क निर्माण और डायवर्सन के कारण वाहनों की गति पर विराम लग चुका है.
इस समय सबसे ज्यादा चेक पोस्ट पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है. सेवक से आने वाली गाड़ियां चेक पोस्ट वाया दार्जिलिंग मोड होते हुए बागडोगरा आदि जाती हैं. लंबी दूरी की गाड़ियों के लिए भी यह एक व्यस्त मार्ग है. इस मार्ग से होकर ट्रक मालवाहक, बस और कारें भी जाती हैं. पहाड़ से आने वाले विमान यात्री बागडोगरा एयरपोर्ट जाने के लिए इसी मार्ग का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में चेक पोस्ट से कुछ पहले से ही जाम लगना शुरू हो जाता है. Dooars और पहाड़ के रेलयात्री एनजेपी जाने के लिए चेक पोस्ट से होकर गुजरते हैं और आगे चलकर ईस्टर्न बाईपास में प्रवेश कर जाते हैं. सेवक रोड जाने के लिए भी चेक पोस्ट से होकर ही जाना पड़ता है.
सिलीगुड़ी का विधान मार्केट और रेगुलेटेड मार्केट उत्तर बंगाल का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है. यहां से खरीदारी करने के लिए पहाड़ और Dooars से अनेक गाड़ियां आती हैं. रेगुलेटेड मार्केट की तरह विधान मार्केट भी थोक बाजार माना जाता है. एक तरफ रेगुलेटेड मार्केट में सुबह ही साग सब्जियों की खरीदारी शुरू हो जाती है तो दूसरी तरफ विधान मार्केट में सुबह से लेकर शाम तक बाहर से आने वाली गाड़ियों का तांता लगा रहता है. यह सभी गाड़ियां चेक पोस्ट पर जाम लगा देती हैं.
आमतौर पर सोमवार को सालूगाड़ा बाजार लगता है. उस दिन यहां सर्वाधिक जाम लगता है. कभी-कभी घंटों गाड़ियां जाम में फंसी रह जाती हैं. यात्रियों ने बताया कि यह जाम सेवक तक देखा जा सकता है. सालूगाड़ा हाट Dooars व पहाड़ के लिए शुरू से ही आकर्षण का केंद्र रहा है. यहां ऑर्गेनिक वस्तुओं की बिक्री होती है.अगर आप सोमवार को इधर से गुजरते हैं तो संभवत: आपको लंबे जाम का सामना करना पड़ सकता है. अतः थोड़ा वक्त निकाल कर समय से पहले सिलीगुड़ी की ओर बढ़े तो असुविधा नहीं होगी.
एक तो चेक पोस्ट से लेकर सालूगाड़ा, बीएसएफ कैंप तक सड़क निर्माण और सिक्स लेन प्लान का काम जोर-शोर से चल रहा है. कई जगह रोड डायवर्शन और खुदाई के चलते वाहनों की गति पर ब्रेक लगा रहता है. ऐसे में समझा जा सकता है कि चेक पोस्ट पर ट्रैफिक का कितना बड़ा दबाव बना रहता है. हालांकि चेक पोस्ट पर ट्रैफिक गार्ड और ट्रैफिक पुलिस कर्मी भी मौजूद रहते हैं. लेकिन जाम इतना ज्यादा और दूर-दूर तक रहता है कि वह उसी में उलझे रहते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां जाम का एक और बड़ा कारण टोटो और सिटी ऑटो का जहां तहां ठहराव और यात्रियों को लपक लेने की कशमकश रहती है. कई बार इनके बीच मारपीट भी हो जाती है.
वर्तमान में चेक पोस्ट की अवस्था काफी नाजुक है. यहां अव्यवस्था अधिक दिखती है. चेक पोस्ट पर दुकान भी काफी हैं. लेकिन वे सभी बेतरतीब दिख रही है.यात्री यहां भागते नजर आते हैं. क्योंकि वाहनों का कुछ पता नहीं होता. कई वाहन चालक तो खतरों पर खेल कर वाहनों को जाम से आगे ले जाने की कोशिश करते हैं. ऐसे में वे उल्टे सीधे रास्ते वाहन पार कराते हैं. वर्तमान में यहां रोड निर्माण कार्य द्रुत गति से चल रहा है. 2025 में यह सिक्स लेन बनकर कंप्लीट हो जाएगा. तब तक यहां के लोगों और वाहन चालको को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
जिस तरह से चेक पोस्ट का यहां कायाकल्प किया जा रहा है, अगर यह वास्तविक स्वरूप लेता है तो चेक पोस्ट का सौंदर्यीकरण देखकर लोग भूल जाएंगे कि कभी यहां एक उजड़ा हुआ चेक पोस्ट स्थित था. सारा काम योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है. पिलर का काम तेजी से चल रहा है. इस वजह से भी जाम लगना स्वाभाविक है. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जब यहां सड़क निर्माण विभाग की ओर से कार्य समाप्त होगा तब चेक पोस्ट का स्वरूप और छवि दोनों बदल जाएगी. फिलहाल तो लोगों को यहां मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. वह चाहे यात्री हो, वाहन चालक हो या दुकानदार, सब परेशान हैं!
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