ट्रक कारोबारियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है. पहले उन्होंने हड़ताल की. लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ा. बहुत पहले से वे अपनी लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. परंतु राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर अब तक कोई विचार नहीं किया है. ऐसे में उनके पास भूख हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता है. ऐसा उन्हें लगता है. इसलिए कल से सभी कारोबारी फुलबाड़ी सीमा पर अनशन करने जा रहे हैं.
भारत-बांग्लादेश सीमा स्थित फुलबाड़ी इलाके में कई ट्रक व्यवसाय से संबंधित संगठन है. कम से कम 4 संगठन काफी सक्रिय हैं. यह हैं फुलबारी बॉर्डर लोकल ट्रक ओनर्स एसोसिएशन, फुलबाड़ी एक्सपोर्टर संगठन, फुलबारी बॉर्डर ट्रक ड्राइवर संगठन तथा फुल बाड़ी सीएनएफ संगठन. पिछले दिनों इन संगठनों की एक बैठक में यह फैसला लिया गया है कि व्यवसाय से संबंधित सभी संगठनों के प्रतिनिधि और अन्य सीमा पर अनशन शुरू करेंगे.
इससे पहले इन संगठनों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की गई थी. चेतावनी दी थी कि अगर राज्य सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो वह आंदोलन करने और भूख हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे. दरअसल संगठनों की अपनी समस्याएं हैं. उनका व्यवसाय काफी प्रभावित हो रहा है. उन्हें बांग्लादेश में माल एक्सपोर्ट करने के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. जबकि भूटान का कोई ट्रक इस सीमा से बांग्लादेश में जाता है तो उसे कोई भी टैक्स देना नहीं पड़ता है. इसी बात से संगठनों के लोग नाराज हैं.
ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के महासचिव मोहम्मद शाहजान तथा सभापति मुजीबुर रहमान कहते हैं कि हमारी केवल तीन मांगे हैं. अपनी मांगों को लेकर हमने राज्य सरकार के संबंधित छह विभागों में 2 दिसंबर और उसके बाद एक बार और पत्र लिखा था. लेकिन उन विभागों की ओर से कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ. इस स्थिति में उनके पास भूख हड़ताल पर जाने के सिवा कोई रास्ता नहीं है.
दरअसल समस्या यह है कि फुलबारी बॉर्डर से होकर बांग्लादेश में भारत के ट्रक के जाने पर राज्य सरकार के सुविधा पोर्टल App के माध्यम से राजस्व देना होता है. उसके बाद ही ट्रक को जाने की इजाजत दी जाती है.लेकिन अगर भूटान से कोई ट्रक आता है और वह बांग्लादेश जाता है तो उन्हें सुविधा पोर्टल के माध्यम से होकर नहीं गुजरना पड़ता है. संगठन के लोग सवाल कर रहे हैं कि भारत में उनके साथ भेदभाव क्यों हो रहा है? जबकि भूटान को सहूलियत दी जा रही है?
संगठन के सूत्रों ने बताया कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रतिनिधियों ने सिलीगुड़ी नगर निगम, जिला मजिस्ट्रेट, बीडीओ समेत 6 विभागों को ज्ञापन सौपा था. लेकिन विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं आया. संगठन सभी के लिए समान टैक्स नियम लागू करने की मांग में यह भूख हड़ताल कर रहा है. उनका आरोप है कि जब भूटान से ट्रक आते हैं तो वे ओवरलोडिंग होते हैं लेकिन फिर भी इसकी उपेक्षा कर दी जाती है. स्थानीय ट्रक चालकों को असमान प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है. इस तरह की नीति को बंद करने की वे मांग कर रहे हैं.
फुलबाड़ी से गुजरने वाले ट्रक चालकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. दूसरी तरफ भूटान की गाड़ियों को कोई परेशानी नहीं होती. इसलिए उनका सवाल अपनी जगह पर सही है. प्रशासन को उसका जवाब देना चाहिए. आखिर उनके साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है. संगठन के सदस्यों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. आखिर सरकार और प्रशासन ही उनकी समस्या का समाधान कर सकता है. तो फिर देर किस बात की है?
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