आपको शायद याद होगा कि कुछ साल पहले मेडिकल के पास एक भयानक सड़क दुर्घटना हुई थी. जिसमें एक व्यक्ति की जान इसलिए चली गई थी क्योंकि उस घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका था. पुलिस भी देर से मौके पर पहुंची थी और जब तक उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया जाता, वह रास्ते में ही दम तोड़ चुका था. हमारे देश में सड़क दुर्घटना में अकाल मौत मरने वालों की तादाद अत्यधिक है. 2024 में देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1,80000 लोगों की जान चली गई थी. हालांकि उनमें से कईयों की जान बचाई जा सकती थी.
हालांकि कोई अधिकृत पैमाना तो नहीं है, पर समझा जाता है कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की समय पर चिकित्सा नहीं होने से उनकी मौत की घटनाएं बढ़ जाती हैं. इस तरह की मौतें कितनी हुई है, यह ज्ञात नहीं है. पर यह मान लिया गया है कि अधिकांश लोगों की मौत समय पर चिकित्सा नहीं होने के कारण होती है. विशेषज्ञ और जानकार मानते हैं कि रोड एक्सीडेंट होने के 1 घंटे के अंदर अगर पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा दिया जाता है तो उसकी जान बचाई जा सकती है. इस अवधि को गोल्डन समय कहा जाता है, जहां जख्मी व्यक्ति के बचने के पूरे चांस रहते हैं.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी चाहते हैं कि सड़क दुर्घटनाएं कम से कम हो. पर दुर्घटना होने पर पीड़ित की जान बच जाए, इसके लिए नितिन गडकरी लगातार अनुसंधान करते रहते हैं. कई बार देखा जाता है कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के लिए लोग जल्दी तैयार नहीं होते. बेचारा पीड़ित व्यक्ति सड़क पर छटपटा रहा होता है और लोग तमाशाबीन बनकर देखते रह जाते हैं. दरअसल कोर्ट कचहरी और पुलिस के झमेले में पड़ने से हर कोई बचना चाहता है. इसके अलावा घायल को अपने खर्चे पर अस्पताल पहुंचाने की जहमत बहुत कम लोग उठाना चाहते हैं.
समय पर चिकित्सा नहीं होने से कई बार जख्मी लोग दम तोड़ देते हैं. कई बार पुलिस को सूचना देने के बावजूद समय पर पुलिस नहीं पहुंच पाती, जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति सड़क पर पड़ा रहता है. अगर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को शीघ्र से शीघ्र अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो शायद उसकी जान बच सकती है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने ऐलान किया है कि अगर दुर्घटना की सूचना 24 घंटे के भीतर पुलिस को मिलती है तो जख्मी व्यक्ति के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी.
और तो और नितिन गडकरी ने घायलों को इलाज के लिए शीघ्र अस्पताल पहुंचने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए इनाम की राशि भी ₹5000 से बढ़कर ₹25000 करने का फैसला किया गया है. वर्तमान में अगर कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाता है, तो उसे ₹5000 की इनाम राशि दी जाती है. यह प्रावधान केंद्र सरकार ने 2021 से शुरू किया था. सरकार ने यह योजना सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति की तत्काल मदद करने और उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शुरू की थी.
वर्तमान में यह योजना सफलतापूर्वक चल रही है. इसमें पीड़ित व्यक्ति की सहायता करने वाले को ₹5000 नगद के साथ-साथ मान्यता प्रमाण पत्र भी दिया जाता है. हालांकि इसके लिए कई तरह का वेरिफिकेशन भी होता है. ताकि वास्तविक व्यक्ति की पहचान हो सके. इनाम की राशि गलत लोगों के हाथ में ना पड़े, इसलिए सरकार ने वेरिफिकेशन की कुछ प्रक्रिया भी जारी की है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की साफ सुथरी छवि है और लोग उन पर भरोसा भी करते हैं. मंत्रालय संभालने के साथ ही उन्होंने सड़क निर्माण से लेकर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए. उन्होंने कुछ समय पहले कैशलैस ट्रीटमेंट स्कीम की घोषणा की थी. इसके अंतर्गत सरकार सड़क दुर्घटना में जख्मी व्यक्तियों के 7 दिनों के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपए तक का खर्च वहन करेगी. अगर सड़क दुर्घटना की सूचना 24 घंटे के भीतर पुलिस को मिलती है तो पीड़ित के इलाज का खर्च भी सरकार द्वारा उठाया जाएगा.
अब उनकी यह नई योजना सड़क दुर्घटना में घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करेगी. इस तरह से सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति की जान बचाने की कई बड़ी घोषणाओं से सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की अधिक से अधिक प्राण रक्षा हो सकेगी, यह उम्मीद की जानी चाहिए.
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