February 11, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिक्किम और दार्जिलिंग के विलय पर छिड़ा संग्राम!

हालांकि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सिक्किम और दार्जिलिंग का विलय सिर्फ एक काल्पनिक बात है. वास्तविकता से इसका कोई लेना-देना नहीं है. उनके बयान के बाद ही इस चैप्टर को बंद कर दिया जाना चाहिए. लेकिन राज्य की विपक्षी पार्टी सिटीजन एक्शन पार्टी ने इस मुद्दे को अभी भी जीवित रखा है. राज्य में प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर अन्य गतिविधियों के जरिए सिटीजन एक्शन पार्टी के नेता इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से मांग कर रहे हैं कि वह राज्य विधानसभा में एक लिखित संकल्प पत्र प्रस्ताव पारित करा कर केंद्र सरकार को अवगत कराएं.

कुछ दिनों पहले दार्जिलिंग और सिक्किम के विलय को लेकर छोटे बड़े नेताओं के बयान सुर्खियों में थे. बाद में खुद मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को सामने आकर स्पष्ट करना पड़ा कि इस तरह की बातों में कोई दम नहीं है. यह सिर्फ काल्पनिक बात है. इसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है. लेकिन सिटीजन एक्शन पार्टी का मानना है कि प्रेम सिंह तमांग भले ही दार्जिलिंग और सिक्किम के विलय की बात को बेबुनियाद बता रहे हो, पर उनकी गतिविधियां साफ स्पष्ट करती है कि कुछ ना कुछ इस दिशा में जरूर हो रहा है.

सिटीजन एक्शन पार्टी के प्रवक्ता अल्बर्ट गुरुंग ने आज खबर समय के प्रतिनिधि से एक मुलाकात के क्रम में कहा कि आजकल दार्जिलिंग के एक भाजपा विधायक नीरज जिंबा सिक्किम के मुख्यमंत्री के प्रवक्ता बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि सिक्किम के मुख्यमंत्री के दार्जिलिंग में बड़े-बड़े कट आउट और बैनर लगते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रेम सिंह तमांग राज्य में बैठक ना बुलाकर या तो दार्जिलिंग में बैठक करते हैं या फिर सिलीगुड़ी में!

सिटीजन एक्शन पार्टी ने दावा किया कि सिक्किम की शीतकालीन राजधानी सिलीगुड़ी बन चुकी है. आए दिन प्रेम सिंह तमांग सिलीगुड़ी जाते रहते हैं और वहां बैठकें करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग के सांसद, विधायक और दूसरे लोगों के साथ उनकी नजदीकियां बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि सिक्किम की आबादी लगातार घट रही है. सिक्किम की फर्टिलिटी रेट घटने की बात सिक्किम के लिए चिंता का विषय है. लेकिन मुख्यमंत्री इस पर कोई काम नहीं करते हैं.

सिटीजन एक्शन पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि सिक्किम की मूल आबादी घट रही है. जबकि सिक्किम में बाहरी लोगों की तादाद बढ़ रही है. इससे सिक्किम का अस्तित्व संकट में आ गया है. मुख्यमंत्री को इसकी जरा भी चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सिक्किम के वजूद पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए एक टिप्पणी की थी. लेकिन मुख्यमंत्री ने इसकी कोई चिंता नहीं की. उन्होंने सिक्किम के लोगों से अपील की है कि वह सतर्क हो जाएं और सिक्किम तथा दार्जिलिंग के विलय की साजिश को समझें और इसका विरोध करें.

खैर यह तो सिटीजन एक्शन पार्टी के बयान हैं. पर सच्चाई यह है कि सिक्किम 371F के तहत एक स्वतंत्र राज्य की मान्यता और संस्कृति से जुड़ा है.ऐसे में सिक्किम के साथ दार्जिलिंग के विलय की बात में कोई दम नहीं है. हालांकि दोनों ही इलाके 11 और 12 जनजातियों की मान्यता दिलाने को लेकर बरसों से संघर्ष कर रहे हैं. सच तो यह है कि पूर्व में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने दार्जिलिंग को लेकर अपना जो सॉफ्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत किया था, उसके मूल में भी 11 जनजाति की समस्या थी. उपरोक्त के अलावा सिक्किम और दार्जिलिंग का विलय केवल हवा हवाई बातें ही हो सकती है.

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