जब से एसटीएफ ने नाइजीरिया के अंतर्राष्ट्रीय कोकीन तस्कर गुड लक को गिरफ्तार कर पूछताछ की और उसने जो बयान दिया था, उसके बाद पूरे उत्तर बंगाल में पुलिस और एसटीएफ प्रशासन में खलबली मच चुकी है. पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारी एसटीएफ के अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं. चुनौती सिलीगुड़ी गलियारा को सुरक्षित करने की है. दरअसल नाइजीरिया तस्कर गुड लक ने एक बड़ा ही रहस्य उद्घाटन किया था. उसने बताया था कि सिलीगुड़ी गलियारा को उथल-पुथल करने तथा उसे कमजोर करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई है.
उसके इस बयान के बाद पूरे उत्तर बंगाल में प्रशासनिक अधिकारी हडकंप में है. चुनौती काफी बड़ी है. अंतर्राष्ट्रीय साजिश से निपटने और सिलीगुड़ी गलियारा को सुरक्षित रखने की है. इसलिए उत्तर बंगाल पुलिस और एसटीएफ के अधिकारी विभिन्न मुद्दों पर लगातार विचार विमर्श कर रहे हैं. एसटीएफ के आईजी गौरव शर्मा है, जिन पर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी है. उन्हें वरीय अधिकारियों का सहयोग से लेकर कनिष्ठ अधिकारियों और पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक सामंजस्य भी बैठाना है.
पश्चिम बंगाल पुलिस के एसटीएफ एडीजी विनीत गोयल ने स्थिति की समीक्षा के लिए उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षकों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की है. सूत्रों ने बताया कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि उत्तर बंगाल में नशा कारोबार के उन्मूलन के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करें तथा नशा माफिया को बेनकाब करें. इसमें किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लगातार छापे मारे जाएं. इसके अलावा भी वे सभी कदम उठाए जाएं, जिससे कि नशा कारोबारी पस्त हो जाएं. अंतर्राष्ट्रीय नाइजीरिया तस्कर ने अपने बयान में कहा था कि उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी गलियारे को उथल-पुथल करने के लिए नशे को हथियार बनाकर अंतर्राष्ट्रीय साजिश की गई है.
उत्तर बंगाल की राजधानी के रूप में मशहूर सिलीगुड़ी शहर में सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस कमिश्नरेट में हुई उच्च स्तरीय प्रशासनिक बैठक में उत्तर बंगाल के आईजी एडीजी राजेश कुमार यादव, सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर सी सुधाकर, एसटीएफ आईजी गौरव शर्मा, जलपाईगुड़ी रेंज के डीआईजी निंबालकर संतोष उत्तम राव, डीसीपी विश्व चंद्र ठाकुर, डीसीपी राकेश सिंह, रेलवे सुरक्षा अधिकारी भूषण सिंह, एसटीएफ एसपी अपराजिता राय समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
शीर्ष अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि नशे के खिलाफ नशा माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए केवल खानापूरी की जरूरत नहीं है, बल्कि हर पुलिस अधिकारी को इसमें पूरी मुस्तैदी से काम करना होगा. केवल शहर में ही नहीं, बल्कि हाईवे, रेलवे और सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ाने की आवश्यकता है. लगातार छापेमारी अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है. सूत्रों ने बताया कि उत्तर बंगाल के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी नशा तस्करों के खिलाफ एक मजबूत रणनीति बनाने में जुट गए हैं. उधर एसटीएफ और पुलिस की कार्रवाई से उत्तर बंगाल के नशा माफियाओं भी के पैरों तले की धरती खिसकती सी महसूस हो रही है.
इस बैठक में जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कालिमपोंग, कूचबिहार और रायगंज जिलों के पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे. यह निर्णय लिया गया है कि सभी जिलों के परस्पर समन्वय से नशा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. नशा तस्कर अथवा करियर के खिलाफ मजबूत केस बनाया जाएगा और इस रणनीति पर काम किया जाएगा कि कारोबार के पीछे मुख्य चेहरे कौन-कौन हैं और वहां तक कैसे पहुंचा जाए. जो भी हो, पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक में जो मुख्य बातें सामने आई है, उससे उत्तर बंगाल में नशा तस्करों के चेहरे पर बारह बज रहे हैं. उत्तर बंगाल में मादक कारोबार पर पूर्ण नियंत्रण से ही सिलीगुड़ी गलियारा को अधिक सुरक्षित रखा जा सकता है.
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