अब तक यही देखा जाता रहा है कि एनजेपी से दार्जिलिंग जाने वाली टॉय ट्रेन कभी नियमित आवागमन नहीं कर सकी. चाहे बरसात हो, सर्दी हो, गर्मी, मौसम, प्रकृति और आपदा का प्रभाव टॉय ट्रेन के परिचालन पर अवश्य पड़ता है. बरसात के दिनों में जब पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन होता है तो टॉय ट्रेन की पटरियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिसके कारण टॉय ट्रेन पर ब्रेक लगाना पड़ जाता है. पिछले कई सालों से यही देखा जा रहा है.
जबकि दूसरी तरफ अंग्रेजों के जमाने से ही टॉय ट्रेन विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है. दूर-दूर से लोग टॉय ट्रेन की सवारी करने सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग आते हैं. लेकिन उन्हें तब पता चलता है कि फिलहाल डीएचआर ने टॉय ट्रेन को कैंसिल कर दिया है. इससे पर्यटकों को निराशा होती है, जिसकी भरपाई के लिए वह घूम अथवा दार्जिलिंग जाते हैं और छोटे से दायरे में ही अपना शौक पूरा कर लेते हैं.
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे ने पर्यटकों की मांग और टॉय ट्रेन परिचालन में आ रही कठिनाइयों का एक्स-रे करके उसके रखरखाव और प्रबंधन का अब एक अभूतपूर्व कदम उठाया है और जिस तरह की डीएचआर प्रबंधन की योजना है, अगर यह सफल रहती है तो भविष्य में कभी भी टॉय ट्रेन पर ब्रेकडाउन नहीं होगा.
आमतौर पर टॉय ट्रेन के परिचालन को रोकने के निम्नलिखित कारण होते हैं. जैसे इंजन में खराबी, तकनीकी समस्याएं ,पुराने ट्रैक, पुरानी पटरियां ,भूस्खलन के कारण मलबा का जमा होना इत्यादि. इन सभी कारणों का पता लगाकर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे प्रबंधन सभी तरह के उपाय कर रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे ने एक नया डीजल लोकोमोटिव मंगवाया है. इसे मार्च के पहले हफ्ते में शुरू कर दिया जाएगा. उपरोक्त के अलावा दो और लोकोमोटिव का निर्माण न्यू बोगाई गांव रेल कारखाना में किया जा रहा है.
वर्तमान में दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के पास 6 डीजल लोकोमोटिव है. इनमें से दो अक्सर खराब रहती हैं, जिनकी मरम्मत होती रहती है.जबकि दो लोकोमोटिव न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से दार्जिलिंग और दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन से एनजेपी के बीच रोजाना परिचालन में रहते हैं. दो लोकोमोटिव दार्जिलिंग और घूम के बीच चलते हैं. यह सभी जाय राइड सेवाएं होती हैं. नया लोकोमोटिव मंगवाने से इंजन वाली समस्या दूर हो जाएगी.
इसके अलावा ट्रैक सुधार का काम भी चल रहा है. प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि डिरेलमेंट की घटनाओं को रोकने के लिए पुराने ट्रैक और स्लीपर को बदला जा रहा है. एनएएफ रेलवे के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 10 दिन पहले ही असम के न्यू बोगाई गांव रेल कारखाना से नया डीजल लोकोमोटिव तिनधरिया के कारखाने में लाया गया है, जिसको तुरंत चालू कर दिया जाएगा. सबसे बड़ी समस्या ट्रेन के परिचालन को रोकने का इंजन में खराबी से शुरू होती है. अचानक परिसेवा बंद हो जाने से पर्यटकों को काफी निराशा का सामना करना पड़ता है. प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि अब इन सभी समस्याओं से निजात मिलने जा रही है.
जिस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, उससे यह संभावना प्रबल हुई है कि अब दार्जिलिंग से एनजेपी और एनजेपी से दार्जिलिंग तक चलने वाली टॉय ट्रेन की सेवा कभी बाधित नहीं होगी और यह विश्वसनीय होगी. उम्मीद की जानी चाहिए कि दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की यह कोशिश कामयाब सिद्ध होगी.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)