April 23, 2025
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल दार्जिलिंग लाइफस्टाइल

दार्जिलिंग की पौराणिक वाष्प इंजन संख्या 782बी के 125 वर्ष पूरे होने पर जश्न

मालीगांव: भारत की समृद्ध रेलवे धरोहर के एक उल्लेखनीय सम्मान में, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) ने आज पौराणिक बी श्रेणी की वाष्प इंजन संख्या 782बी की निरंतर सेवा के 125 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया। एक स्पेशल धरोहर वाष्प ट्रेन को भारत के सबसे ऊंचे रेलवे स्टेशन- घुम रेलवे स्टेशन से रेलवे संसदीय स्थायी समिति के माननीय अध्यक्ष डॉ. सी. एम. रमेश ने औपचारिक रूप से रवाना किया। उनके साथ पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक श्री चेतन कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
यह कार्यक्रम इतिहास इंजीनयरी और संस्कृति का एक जीवंत उत्सव था। सांसदों और वरिष्ठ रेल अधिकारियों सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्ति घुम स्टेशन पर इस महत्वपूर्ण अवसर का साक्षी बनने के लिए एकत्रित हुए। दार्जिलिंग हिल्स के पारंपरिक संगीत और लोक नृत्यों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने समारोह में उत्सव का माहौल बना दिया।
स्मारक गतिविधियों के हिस्से के रूप में, संसदीय स्थायी समिति के सदस्यों ने घुम में रेलवे संग्रहालय का दौरा किया, जहाँ उन्हें दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे द्वारा किए जा रहे जीर्णोद्धार और संरक्षण प्रयासों से अवगत कराया गया। समिति ने इस यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के संरक्षण में निहित समर्पण और शिल्प कौशल की सराहना की।
शार्प, स्टीवर्ट एंड कंपनी द्वारा 1900 में निर्मित बी श्रेणी की इंजन संख्या 782बी, पूर्वी हिमालय की छोटी लाईन की पटरियों पर निरंतर चल रही है। 125 वर्षों की निरंतर सेवा के साथ, यह इंजन ब्रिटिश काल की रेलवे इंजीनयरी का एक जीवंत प्रतीक है और भारतीय रेलवे की स्थायी विरासत को दर्शाता है।
यह ऐतिहासिक उपलब्धि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की अपनी संस्कृति और तकनीकी धरोहर को संरक्षित करने तथा भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

यह कार्यक्रम इतिहास, इंजीनयरी और संस्कृति का एक जीवंत उत्सव था। सांसदों और वरिष्ठ रेल अधिकारियों सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्ति घुम स्टेशन पर इस महत्वपूर्ण अवसर का साक्षी बनने के लिए एकत्रित हुए। दार्जिलिंग हिल्स के पारंपरिक संगीत और लोक नृत्यों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने समारोह में उत्सव का माहौल बना दिया।

स्मारक गतिविधियों के हिस्से के रूप में, संसदीय स्थायी समिति के सदस्यों ने घुम में रेलवे संग्रहालय का दौरा किया, जहाँ उन्हें दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे द्वारा किए जा रहे जीर्णोद्धार और संरक्षण प्रयासों से अवगत कराया गया। समिति ने इस यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के संरक्षण में निहित समर्पण और शिल्प कौशल की सराहना की।

शार्प, स्टीवर्ट एंड कंपनी द्वारा 1900 में निर्मित बी श्रेणी की इंजन संख्या 782बी, पूर्वी हिमालय की छोटी लाईन की पटरियों पर निरंतर चल रही है। 125 वर्षों की निरंतर सेवा के साथ, यह इंजन ब्रिटिश काल की रेलवे इंजीनयरी का एक जीवंत प्रतीक है और भारतीय रेलवे की स्थायी विरासत को दर्शाता है।

यह ऐतिहासिक उपलब्धि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की अपनी संस्कृति और तकनीकी धरोहर को संरक्षित करने तथा भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *