“मैं जिंदा न सही, तिरंगे में लिपट कर आऊंगा
चलते हुए ना सही, चार कंधे पर आऊंगा
बस इतना जान लो
देश को जिता कर आऊंगा”
ये देश के जवान ही तो है जिन्हें ना मौत का भय रहता है ना जीवन की लालसा ,वे तो बस सर पर कफन बांध कर देश की सेवा करते हैं,ना जाने किस गोली पर उनका नाम लिखा होता है और न जाने कब उनको मौत के आगोश में जाना होगा, यह किसी को नहीं पता । पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश में एक दुख की छाया पसरी हुई थी, भारत सरकार ने पाकिस्तान के विरोध में कई सख्त कदम उठाए लेकिन फिर भी देशवासियों के अंदर क्रोध की ज्वालामुखी शांत नहीं हो रही थी, लेकिन 7 मई की रात के 1:44 पर ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और pok के 9 आतंकी ठिकानों पर ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक कर 80 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया। जैसे ही यह खबर पूरे देश में फैली चारों ओर ‘भारत माता की जय’ नारा और जश्न का माहौल बन गया, क्योंकि जिस तरह से जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने हमला किया उसके बाद देश के प्रधानमंत्री ने गुप्त बैठक में कहा था कि, जिस तरह से हमारी बेटियों को विधवा और बेटों को मार गिराया है, सब का हिसाब होगा ।
इसी के तहत ऑपरेशन सिंदूर रचा गया और अंत में इस ऑपरेशन सिंदूर ने वह कर दिखाया जिससे आतंकी हमले में प्राण गंवाने वाले लोगों के परिवार वालों को सुकून मिला, लेकिन इस सुकून के बीच एक दुखद खबर सामने आई है । बता दे कि, देश के जवान दिनेश कुमार शर्मा शहीद हो गए हैं । बेटे की शहीद होने की सूचना मिलते ही उनके गांव में शोक का माहौल बन गया उनके पिता दयाचंद ने कहा कि, मुझे मेरे बेटे पर गर्व है बेटे के दो बच्चों को सेना में ही भेजूंगा। शाहिद नायक दिनेश कुमार शर्मा हरियाणा के पलवल जिले के मोहम्मदपुर गांव निवासी थे। ऑपरेशन सिंदूर के तहत एयर स्ट्राइक के बाद बुधवार को पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी शुरू हो गई।
इसमें होडल के सपूत दिनेश कुमार शर्मा शहीद हो गए। इसकी पुष्टि जिला उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने की है। इस गोलाबारी में चार अन्य जवान भी घायल हुए हैं। बेटे के शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। देश की शिक्षा में प्राण न्योछावर करने वाले शहीद 30 वर्षा दिनेश जम्मू कश्मीर के पुंछ राजौरी बॉर्डर पर तैनात थे। दिनेश पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके दो सगे भाइयों के अलावा तीन चचेरे भाई भी सेना में देश की सेवा कर रहे हैं।
2014 में दिनेश ने तोपखाना रेजिमेंट में लांस नायक के पद पर भर्ती हुए थे। शहीद दिनेश कुमार के पार्थिव शरीर को लेकर सेना के अधिकारियों से संपर्क बनाया जा रहा है। उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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