हेस्टिंग थाना के कर्मचारी उस समय उनके ऊपर आसमान में उड़ रहे ड्रोन जैसी वस्तु देखने के बाद हैरान रह गए. क्योंकि इससे पहले इस तरह की वस्तु कभी देखी नहीं गई थी. यह वस्तु ड्रोन जैसी दिख रही थी. कुछ देर के बाद पता चला कि आठ से लेकर 10 तक ड्रोन जैसी वस्तु कोलकाता के अलग-अलग इलाकों में आसमान में उड़ रही है. अधिकारियों ने पाया कि फोर्ट विलियम, पार्क सर्कस इत्यादि संवेदनशील इलाकों में ड्रोन जैसी वस्तु मंडरा रही थी. कोलकाता के आसमान में लगभग 8 से 10 ड्रोन देखे जाने के बाद कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.
जिन इलाकों में ड्रोन को उड़ते हुए देखा गया था, वे सभी संवेदनशील इलाके हैं. उन इलाकों में सामरिक और रणनीतिक महत्व के स्थान हैं और गुप्त ठिकाने भी हैं. अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि यह ड्रोन आसमान में कैसे आए. इन्हें कौन भेजा था? यह सीमा पार से भेजे गए थे अथवा स्थानीय लोगों के द्वारा छोड़ गया था? परंतु सुरक्षा अधिकारी काफी गंभीर हैं और विभिन्न एंगल से इसकी जांच कर रहे हैं. इससे पहले कोलकाता में ऐसी तैयारी नहीं देखी गई थी.
सिलीगुड़ी में हालांकि ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लग चुकी है. लेकिन यहां पहले भी ड्रोन उड़ाए गए थे. लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया. परंतु वर्तमान में स्थिति अलग है. उत्तर बंगाल का सिलीगुड़ी गलियारा नेपाल, भूटान और बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है. यह अत्यंत संवेदनशील है. और यहां सुरक्षा काफी सख्त कर दी गई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सिलीगुड़ी चिकन नेक के सामरिक और रणनीतिक महत्व को समझा है और इसीलिए उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सेना का पूरा सहयोग करने को कहा है. ममता बनर्जी उत्तर बंगाल के दौरे पर आई थी और उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दे रही थी.
उत्तर बंगाल की तरह दक्षिण बंगाल में भी खतरा बढ़ गया है. हालांकि कोलकाता के आसमान में उड़ रहे ड्रोन की सच्चाई क्या है, यह सुरक्षा अधिकारी पता लगाने की चेष्टा कर रहे हैं. प्राथमिक दृष्टि से यह कहा जा रहा है कि पड़ोसी देशों से बंगाल की जासूसी करने के लिए ड्रोन भेजे गए थे. इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है. यह आतंकवादियों की भी चाल हो सकती है. जो भी हो,अधिकारी तहकीकात में जुट गए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिव मनोज पंत से कहा है कि बंगाल के हर जिलों में सुरक्षा सलाहकार की नियुक्ति की जाए ताकि समय रहते एहतियाती कार्रवाई की जा सके.
. पिछले कुछ दिनों से बंगाल में नकली दवाइयों की आपूर्ति की जा रही है. कई अस्पतालों में तो नकली दवाइयां का स्टॉक भी पाया गया है. जिसका सेवन करने के बाद रोगियों की स्थिति काफी गंभीर हो गई. बहुत पहले तो नकली सलाइन चढ़ाने से एक अस्पताल में महिला की मौत भी हो चुकी है. बंगाल समेत पूरे देश में साइबर अटैक का खतरा बढा है. इस संभावना का भी पता लगाया जा रहा है कि क्या नकली दवाइयों के जरिए आतंकवादी बंगाल में जान माल को भारी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं? हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि बंगाल में आ रही नकली दवाइयां गुजरात और यूपी से आ रही है. उन्होंने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को खास तौर पर हिदायत दे दी है कि अस्पताल के स्टॉक में नकली दवाइयां नहीं हो, यह सुनिश्चित किया जाए.
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद जिस तरह से बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की धर पकड़ शुरू हो गई है, उसके बाद बीएसएफ और सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है. खुफिया विभाग पूरी तरह अलर्ट है. विभिन्न घटनाक्रमों के अध्ययन और विश्लेषण से यह पता चलता है कि बंगाल में आतंकवाद का खतरा गंभीर है. हालांकि सुरक्षा एजेंसियां और सेना के जवान काफी सतर्क हैं. उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी गलियारे की सुरक्षा काफी चाक-चौबंद की गई है. आवश्यकता इस बात की है कि जनता को खतरे को समझना होगा और सेना और पुलिस अधिकारियों का संपूर्ण सहयोग करना होगा. क्योंकि मौजूदा समय किसी तरह की लापरवाही का नहीं है.