July 18, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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कॉसमॉस मॉल की आइसक्रीम दुकान पर खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, निकला गंदगी और कॉकरोचों का अड्डा – क्या हम इसी के लिए पैसा चुका रहे हैं? क्या आप अपने बच्चों को यही खिला रहे हैं?



शहर के प्रमुख व व्यस्ततम मॉल में से एक कॉसमॉस मॉल की एक आइसक्रीम दुकान पर हाल ही में खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। निरीक्षण के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं, वे न केवल हैरान करने वाले हैं, बल्कि उपभोक्ताओं की सेहत को लेकर गंभीर चिंता भी पैदा करते हैं। विभाग की टीम ने पाया कि दुकान के भीतर साफ-सफाई का घोर अभाव है, खाद्य सामग्री खुले और ख़राब हालात में रखी गई थी, और सबसे गंभीर बात, दुकान में कॉकरोचों का जमावड़ा था। निरीक्षण में यह भी पाया गया कि दुकान बिना वैध व्यापारिक लाइसेंस के संचालित की जा रही थी।

इन खामियों को देखते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने दुकान को सख्त चेतावनी देते हुए सात दिनों की मोहलत दी है। इस दौरान साफ-सफाई, कीट नियंत्रण और कानूनी दस्तावेजों की कमी को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि समयसीमा के भीतर सुधार नहीं हुआ, तो दुकान को सील किया जा सकता है या फिर उस पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि ग्राहकों की सेहत से किसी भी हाल में समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे दुकान किसी मॉल में हो या सड़क किनारे।

सबसे चिंता की बात यह है कि यह दुकान उन जगहों में से एक है जहां माता-पिता अपने बच्चों को ‘सेफ’ समझकर ट्रीट दिलाने लाते हैं। अब सवाल यह है कि क्या हम अनजाने में अपने ही बच्चों की सेहत को खतरे में डाल रहे हैं? सिर्फ इसलिए कि वह जगह चमकदार मॉल के अंदर है?

कॉसमॉस मॉल की यह आइसक्रीम पार्लर की घटना अकेली नहीं है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कॉसमॉस के अंदर स्थित ‘टॉप टी हाउस’ नामक खाद्य दुकान में भी गंभीर गड़बड़ियाँ पाई हैं। निरीक्षण में यह सामने आया कि दुकान में बेची जा रही ब्रेड, केक और पैटीज़ जैसे उत्पाद एक्सपायर हो चुके थे, जिनमें फंगस भी पाई गई। यह सारी सामग्री खुलेआम ग्राहकों को परोसी जा रही थी, जो साफ तौर पर उपभोक्ता अधिकारों और स्वास्थ्य सुरक्षा के खिलाफ है।

इसके अलावा शहर में देखा गया कि हाल के सप्ताहों में एस.एफ. रोड और बाघाजतिन पार्क के सामने स्थित कई दुकानों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। वहाँ भी साफ-सफाई, खाद्य गुणवत्ता और लाइसेंस की भारी कमी पाई गई थी। इन सभी कार्रवाइयों से यह साफ हो गया है कि सिलीगुड़ी के कई बड़े और छोटे खाद्य प्रतिष्ठान स्वास्थ्य नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

अब सवाल यह उठता है कि क्या हम उपभोक्ता सिर्फ नाम और ब्रांड देखकर भरोसा कर लेते हैं? मॉल और बड़े प्रतिष्ठानों की साफ-सुथरी छवि के पीछे जब ऐसा कचरा और लापरवाही छिपी हो, तो हमें यह ज़रूर सोचना चाहिए — क्या हम इसी के लिए पैसे चुका रहे हैं? सिलीगुड़ी जैसे शहर में, जहाँ तेजी से विकास हो रहा है, वहां उपभोक्ताओं की जागरूकता और सतर्कता पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है।

हमें यह भी समझना होगा कि एक साफ दिखने वाली दुकान जरूरी नहीं कि अंदर से भी साफ हो। सिर्फ इंस्टाग्राम पर अच्छी दिखने वाली प्लेट आपकी और आपके परिवार की सेहत की गारंटी नहीं देती। अब समय आ गया है कि हम दिखावे के बजाय गुणवत्ता को प्राथमिकता दें।

हमें चाहिए कि हम खाने-पीने की जगहों में सफाई की स्थिति पर नजर रखें, बिल मांगें, लाइसेंस की पुष्टि करें और गड़बड़ी मिलने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। जब तक हम जागरूक नहीं होंगे, ऐसी लापरवाहियाँ दोहराई जाती रहेंगी। याद रखें — स्वास्थ्य से समझौता किसी भी कीमत पर नहीं किया जा सकता। चाहे वो कॉसमॉस मॉल की दुकान हो या शहर का कोई छोटा स्टॉल।

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